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मां के झुमके से बना लॉकेट पहनकर हॉकी खिलाड़ी सुमित ने ओलंपिक में रचा इतिहास - सोनीपत की ताजा खबर

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने ब्रॉन्ज मेडल पर अपना दावा ठोंक दिया है. वहीं इस जीत के बाद टीम में खेल रहे बतौर मिडफील्डर सुमित के घर भी खुशी का माहौल है.

Tokyo Olympics hockey player sumit house
मां के झुमके से बना लॉकेट पहनकर हॉकी खिलाड़ी सुमित ने ओलंपिक में रचा इतिहास, परिवार और पूरी गांव में खुशी की लहर
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Published : Aug 5, 2021, 4:57 PM IST

सोनीपत: 41 साल बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Hockey team) ने इतिहास रच दिया है. दिलचस्प मुकाबले में जर्मनी को हराते हुए टीम इंडिया ने ब्रांज मेडल (Bronze medal) जीतकर देशवासियों को जश्न मनाने का मौका दिया है. वहीं खिलाड़यों के घर पर भी काफी खुशी का माहौल है. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में खेलने गई भारतीय हॉकी टीम में शामिल सुमित सोनीपत के रहने वाले हैं और उनके परिवार में भी जश्न का माहौल है. कांस्य पदक पर कब्जा करने के बाद सुमित के घर बधाई देने का तांता लगा हुआ है.

वहीं सुमित (Hockey player Sumit) के बड़े भाई ने बताया कि आज पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. उन्होंने कहा कि सुमित ने अपनी मां के सपने को पूरा किया है. आज उनकी मां इस दुनिया में नहीं है लेकिन सुमित ने टोक्यो जाते हुए ये वादा किया था की वो मेडल जीत कर जरूर आएगा. आपको बता दें कि 6 महीने पहले समित का देहांत हो गया था. इसके बाद सुमित ने अपनी मां के झुमके तुड़वा कर उसका लॉकेट बनवाया और उस लॉकेट में अपनी मां की फोटो लगाई. आज वही लॉकेट पहन कर सुमित ने ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीता है.

मां के झुमके से बना लॉकेट पहनकर हॉकी खिलाड़ी सुमित ने ओलंपिक में रचा इतिहास, परिवार और पूरी गांव में खुशी की लहर

ये भी पढ़ें: Tokyo Olympics: 41 साल बाद भारत को मिला हॉकी में ब्रॉन्ज, जर्मनी को 5-4 से दी मात

सोनीपत के रहने वाले सुमित का हॉकी टीम तक का सफर आसान नहीं था. सुमित ने 7 साल की उम्र से हॉकी खेलना शुरू किया था. सुमित के पिता मुरथल के होटलों में दिहाड़ी मजदूरी कर घर का गुजारा चलाते थे. सुमित के परिवार में दो भाई और भी हैं और एक समय ऐसा भी था जब तीनों भाई पिता के साथ काम किया करते थे. लेकिन अब सुमित ने टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीत कर देश का नाम को रौशन किया ही है साथ ही अपनी मां का सपना भी पूरा किया है. सुमित के भाई अमित ने कहा कि सुमित टोक्यो जाते वक्त कह कर गया था कि ये लॉकेट मां का है और मां मेरे साथ है. इस बार मै हर हाल में मेडल लेकर आऊंगा.

सोनीपत: 41 साल बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम (Indian Hockey team) ने इतिहास रच दिया है. दिलचस्प मुकाबले में जर्मनी को हराते हुए टीम इंडिया ने ब्रांज मेडल (Bronze medal) जीतकर देशवासियों को जश्न मनाने का मौका दिया है. वहीं खिलाड़यों के घर पर भी काफी खुशी का माहौल है. टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में खेलने गई भारतीय हॉकी टीम में शामिल सुमित सोनीपत के रहने वाले हैं और उनके परिवार में भी जश्न का माहौल है. कांस्य पदक पर कब्जा करने के बाद सुमित के घर बधाई देने का तांता लगा हुआ है.

वहीं सुमित (Hockey player Sumit) के बड़े भाई ने बताया कि आज पूरे परिवार में खुशी का माहौल है. उन्होंने कहा कि सुमित ने अपनी मां के सपने को पूरा किया है. आज उनकी मां इस दुनिया में नहीं है लेकिन सुमित ने टोक्यो जाते हुए ये वादा किया था की वो मेडल जीत कर जरूर आएगा. आपको बता दें कि 6 महीने पहले समित का देहांत हो गया था. इसके बाद सुमित ने अपनी मां के झुमके तुड़वा कर उसका लॉकेट बनवाया और उस लॉकेट में अपनी मां की फोटो लगाई. आज वही लॉकेट पहन कर सुमित ने ओलंपिक में देश के लिए मेडल जीता है.

मां के झुमके से बना लॉकेट पहनकर हॉकी खिलाड़ी सुमित ने ओलंपिक में रचा इतिहास, परिवार और पूरी गांव में खुशी की लहर

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सोनीपत के रहने वाले सुमित का हॉकी टीम तक का सफर आसान नहीं था. सुमित ने 7 साल की उम्र से हॉकी खेलना शुरू किया था. सुमित के पिता मुरथल के होटलों में दिहाड़ी मजदूरी कर घर का गुजारा चलाते थे. सुमित के परिवार में दो भाई और भी हैं और एक समय ऐसा भी था जब तीनों भाई पिता के साथ काम किया करते थे. लेकिन अब सुमित ने टोक्यो ओलंपिक में मेडल जीत कर देश का नाम को रौशन किया ही है साथ ही अपनी मां का सपना भी पूरा किया है. सुमित के भाई अमित ने कहा कि सुमित टोक्यो जाते वक्त कह कर गया था कि ये लॉकेट मां का है और मां मेरे साथ है. इस बार मै हर हाल में मेडल लेकर आऊंगा.

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