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सोनीपत उपायुक्त ने सख्ती बढ़ाने के दिए निर्देश, बिना मास्क वालों का होगा चालान

सोनीपत उपायुक्त पूनिया ने प्रतिबंधित क्षेत्रों में नियुक्त सभी ड्यूटी मजिस्ट्रेट की सोमवार को विशेष बैठक ली. इस दौरान उपायुक्त ने सभी को प्रतिबंधित क्षेत्रों में नियमों का सख्ती से पालन कराने के आदेश दिए. साथ ही उन्होंने बिना मास्क के प्रतिबंधित क्षेत्र में बाहर निकलने वाले लोगों के चालान करने के निर्देश दिए.

sonipat DC meeting duty magistrate
उपायुक्त श्याम लाल पूनिया
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Published : Jun 8, 2020, 8:40 PM IST

Updated : Jun 8, 2020, 9:02 PM IST

सोनीपत: उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कोविड-19 के चलते प्रतिबंधित क्षेत्रों में संबंधित ड्यूटी मजिस्ट्रेटों को नियमों का कड़ाई से पालन कराने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्रों की भौगोलिक सीमा को कम किया जा रहा है, ताकि क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखी जा सके, लेकिन नियमों की अनुपालना में कोई ढ़ील नहीं दी जाएगी. ऐसा करके ही कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है. उपायुक्त पूनिया सोमवार को लघु सचिवालय में आयोजित प्रतिबंधित क्षेत्रों में नियुक्त किये गये ड्यूटी मजिस्ट्रेटों/नोडल अधिकारी की विशेष बैठक को संबोधित कर रहे थे.

नोडल अधिकारियों को सख्ती करने के दिए निर्देश

उपायुक्त ने कहा कि नोडल अधिकारी अपनी स्वयं की सुरक्षा बनाये रखते हुए ड्यूटी करें. प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश व निकासी के लिए एक ही स्थान निर्धारित करें. उन्होंने नोडल अधिकारियों से मौके पर ही जीपीएस कैमरा ऐप भी इन्स्टॉल करवाया, जिसके माध्यम से नोडल अधिकारी लोकेशन विद फोटो प्रेषित करेंगे. साथ ही नोडल अधिकारियों को रोजाना एक फॉर्म भी भरकर देना होगा. उपायुक्त ने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना मास्क के घूमने वालों के तुरंत चालान करें.

प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियों व दुकान खोलने की अनुमति नहीं है. जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति संबंधित विभाग करायेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के कांटैक्ट ट्रेसिंग में भी नोडल अधिकारियों को मदद करनी होगी. उन्हें स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारियों से भी संपर्क में रहते हुए आवश्यक सूचनाएं साझा करनी होगी. प्रतिबंधित क्षेत्र की भौगोलिक सीमा को घटाया गया है. पहले नोडल अधिकारी को भौगोलिक दृष्टि से एक बड़े क्षेत्र की कमान संभालनी होती थी, लेकिन अब उन्हें सीमित क्षेत्र में निगरानी रखनी है. ऐसे में वे बेहतरीन प्रकार से नजर बनाये रख सकते हैं.

ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: बापूधाम के 6 पॉकेट कंटेनमेंट जोन से बाहर, धनास की कच्ची कॉलोनी से भी हटा प्रतिबंध

उपायुक्त ने नोडल अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश देते हुए अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारियों को अपने क्षेत्र की रोजाना रिपोर्टिंग करनी होगी. अपने क्षेत्र का रजिस्टर लगाना होगा, जिसमें संबंधित क्षेत्र से बाहर आने-जाने वालों का रिकॉर्ड रखना होगा. हालांकि प्रतिबंधित क्षेत्र में आमतौर पर आवाजाही की अनुमति नहीं है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों व जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को अनुमति दी जाएगी.

घर-घर जाकर जांच करने के आदेश

उपायुक्त ने जिला सिविल सर्जन को भी निर्देश दिए कि वे प्रतिबंधित क्षेत्रों में अपनी टीमें भेजकर लोगों की घर-घर जाकर जांच करवायें. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के फैलाव को बढ़ने से रोकना है, जिसमें नोडल अधिकारियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण सिद्ध होगी. इस मौके पर जिला प्रशासन ने पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जीपीएस कैमरा ऐप की विस्तृत जानकारी दी. ऐप को इन्स्टॉल करने का प्रशिक्षण देते हुए जरूरी फॉर्म को भरने का प्रशिक्षण भी दिया. नोडल अधिकारियों का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर फॉर्म का लिंक प्रेषित किया जाएगा.

धार्मिक स्थल और मॉल खुले, बढ़ा खतरा

बता दें कि, सोमवार को 142 नए केस मिलने के बाद हरियाणा में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 3081 पहुंच गई है. सबसे ज्यादा कोरोना मरीज 89 गुरुग्राम से सामने आए हैं. वहीं सोनीपत में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 483 हो गई है जिसमें से 164 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और एक व्यक्ति की मौत हुई है.

गौरतबल है कि आज से हरियाणा सहित पूरे देश में धार्मिक स्थल और मॉल खोल दिए गए हैं. जिससे कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने का खतरा बना हुआ है. हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों को छोड़कर 8 जून, 2020 से पूरे राज्य में एक विनियमित और प्रतिबंधित तरीके से धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक पूजा स्थलों तथा शॉपिंग मॉल को फिर से खोलने की अनुमति देने का फैसला किया है.

ये भी पढ़ें- कोरोना के साथ बढ़ा मौसमी बीमारियों का खतरा, देखिए कितना तैयार है हिसार ?

सोनीपत: उपायुक्त श्याम लाल पूनिया ने कोविड-19 के चलते प्रतिबंधित क्षेत्रों में संबंधित ड्यूटी मजिस्ट्रेटों को नियमों का कड़ाई से पालन कराने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित क्षेत्रों की भौगोलिक सीमा को कम किया जा रहा है, ताकि क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखी जा सके, लेकिन नियमों की अनुपालना में कोई ढ़ील नहीं दी जाएगी. ऐसा करके ही कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सकता है. उपायुक्त पूनिया सोमवार को लघु सचिवालय में आयोजित प्रतिबंधित क्षेत्रों में नियुक्त किये गये ड्यूटी मजिस्ट्रेटों/नोडल अधिकारी की विशेष बैठक को संबोधित कर रहे थे.

नोडल अधिकारियों को सख्ती करने के दिए निर्देश

उपायुक्त ने कहा कि नोडल अधिकारी अपनी स्वयं की सुरक्षा बनाये रखते हुए ड्यूटी करें. प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश व निकासी के लिए एक ही स्थान निर्धारित करें. उन्होंने नोडल अधिकारियों से मौके पर ही जीपीएस कैमरा ऐप भी इन्स्टॉल करवाया, जिसके माध्यम से नोडल अधिकारी लोकेशन विद फोटो प्रेषित करेंगे. साथ ही नोडल अधिकारियों को रोजाना एक फॉर्म भी भरकर देना होगा. उपायुक्त ने नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने प्रतिबंधित क्षेत्र में बिना मास्क के घूमने वालों के तुरंत चालान करें.

प्रतिबंधित क्षेत्र में किसी भी प्रकार की व्यापारिक गतिविधियों व दुकान खोलने की अनुमति नहीं है. जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति संबंधित विभाग करायेंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना पॉजिटिव मरीजों के कांटैक्ट ट्रेसिंग में भी नोडल अधिकारियों को मदद करनी होगी. उन्हें स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारियों से भी संपर्क में रहते हुए आवश्यक सूचनाएं साझा करनी होगी. प्रतिबंधित क्षेत्र की भौगोलिक सीमा को घटाया गया है. पहले नोडल अधिकारी को भौगोलिक दृष्टि से एक बड़े क्षेत्र की कमान संभालनी होती थी, लेकिन अब उन्हें सीमित क्षेत्र में निगरानी रखनी है. ऐसे में वे बेहतरीन प्रकार से नजर बनाये रख सकते हैं.

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उपायुक्त ने नोडल अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश देते हुए अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारियों को अपने क्षेत्र की रोजाना रिपोर्टिंग करनी होगी. अपने क्षेत्र का रजिस्टर लगाना होगा, जिसमें संबंधित क्षेत्र से बाहर आने-जाने वालों का रिकॉर्ड रखना होगा. हालांकि प्रतिबंधित क्षेत्र में आमतौर पर आवाजाही की अनुमति नहीं है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों व जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को अनुमति दी जाएगी.

घर-घर जाकर जांच करने के आदेश

उपायुक्त ने जिला सिविल सर्जन को भी निर्देश दिए कि वे प्रतिबंधित क्षेत्रों में अपनी टीमें भेजकर लोगों की घर-घर जाकर जांच करवायें. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के फैलाव को बढ़ने से रोकना है, जिसमें नोडल अधिकारियों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण सिद्ध होगी. इस मौके पर जिला प्रशासन ने पावर प्वाईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जीपीएस कैमरा ऐप की विस्तृत जानकारी दी. ऐप को इन्स्टॉल करने का प्रशिक्षण देते हुए जरूरी फॉर्म को भरने का प्रशिक्षण भी दिया. नोडल अधिकारियों का व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर फॉर्म का लिंक प्रेषित किया जाएगा.

धार्मिक स्थल और मॉल खुले, बढ़ा खतरा

बता दें कि, सोमवार को 142 नए केस मिलने के बाद हरियाणा में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 3081 पहुंच गई है. सबसे ज्यादा कोरोना मरीज 89 गुरुग्राम से सामने आए हैं. वहीं सोनीपत में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 483 हो गई है जिसमें से 164 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं और एक व्यक्ति की मौत हुई है.

गौरतबल है कि आज से हरियाणा सहित पूरे देश में धार्मिक स्थल और मॉल खोल दिए गए हैं. जिससे कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने का खतरा बना हुआ है. हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद जिलों को छोड़कर 8 जून, 2020 से पूरे राज्य में एक विनियमित और प्रतिबंधित तरीके से धार्मिक स्थलों, सार्वजनिक पूजा स्थलों तथा शॉपिंग मॉल को फिर से खोलने की अनुमति देने का फैसला किया है.

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Last Updated : Jun 8, 2020, 9:02 PM IST
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