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सोनीपत: पंजाब के मानसा से किसानों को समर्थन देने पहुंची स्कूली छात्राएं

पंजाब के मानसा से स्कूली छात्राएं किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए सिंघु बॉर्डर पहुंची है. छात्राओं का कहना है की जब तक सरकार कृषि कानून वापस नहीं लेती है तब तक वो यहीं बैठ कर अपनी पढ़ाई करेंगी.

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पंजाब के मानसा से किसानों को समर्थन देने पहुंची स्कूली छात्राएं
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Published : Dec 29, 2020, 4:37 PM IST

सोनीपत: केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है और किसानों को हर वर्ग का सहयोग भी इस आंदोलन में मिल रहा है. लेकिन अब किसानों को समर्थन देने सिंधु बॉर्डर से लगभग 300 किलोमीटर दूर पंजाब के मानसा से स्कूली छात्राएं पहुंची है.

ईटीवी भारत से हुई बातचीत में इन छात्राओं और इनके अध्यापकों ने बताया कि अब यहीं सड़क पर बैठकर ही अपनी पढ़ाई करेंगे और जब तक ये तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाने वाले हैं. छात्राओं से जब पूछा गया की यहां इतनी ठंड में वो कब तक खुले आसमान के नीचे बैठेंगे तो छात्राओं का कहना था कि जब हमारे किसान इतने दिनों से बिना किसी परवाह यहां बैठे हैं तो हम क्यों नहीं बैठ सकते.

पंजाब के मानसा से किसानों को समर्थन देने पहुंची स्कूली छात्राएं

ये भी पढ़िए: अंबाला: अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी ने दिया किसान आंदोलन को समर्थन

वहीं छात्राओं के साथ किसानों का समर्थन देने उनके अध्यापक भी पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है और जो वो नहीं मांग रहे उन पर जबरदस्ती वो थोपा जा रहा है. अध्यापकों ने कहा कि हमारे किसानों की हालत बड़ी खराब है और सरकार को ये तीनों कानून वापस लेने ही होंगे.

गौरतलब है की पिछले 33 दिनों से किसान आंदोलन की विभिन्न तस्वीरें सामने आ रही हैं और अब धीरे धीरे हर वर्ग किसानों को समर्थन देने पहुंच रहा है. सिंघु बॉर्डर पर छात्रों के साथ पहुंचे अध्यापकों ने उम्मीद जताई है की 30 दिसंबर को सरकार और किसान नेताओं के बीच होने वाली बातचीत से साकारात्मक हल निकलेगा.

सोनीपत: केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है और किसानों को हर वर्ग का सहयोग भी इस आंदोलन में मिल रहा है. लेकिन अब किसानों को समर्थन देने सिंधु बॉर्डर से लगभग 300 किलोमीटर दूर पंजाब के मानसा से स्कूली छात्राएं पहुंची है.

ईटीवी भारत से हुई बातचीत में इन छात्राओं और इनके अध्यापकों ने बताया कि अब यहीं सड़क पर बैठकर ही अपनी पढ़ाई करेंगे और जब तक ये तीनों कृषि कानून वापस नहीं होंगे तब तक हम यहां से नहीं जाने वाले हैं. छात्राओं से जब पूछा गया की यहां इतनी ठंड में वो कब तक खुले आसमान के नीचे बैठेंगे तो छात्राओं का कहना था कि जब हमारे किसान इतने दिनों से बिना किसी परवाह यहां बैठे हैं तो हम क्यों नहीं बैठ सकते.

पंजाब के मानसा से किसानों को समर्थन देने पहुंची स्कूली छात्राएं

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वहीं छात्राओं के साथ किसानों का समर्थन देने उनके अध्यापक भी पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ गलत कर रही है और जो वो नहीं मांग रहे उन पर जबरदस्ती वो थोपा जा रहा है. अध्यापकों ने कहा कि हमारे किसानों की हालत बड़ी खराब है और सरकार को ये तीनों कानून वापस लेने ही होंगे.

गौरतलब है की पिछले 33 दिनों से किसान आंदोलन की विभिन्न तस्वीरें सामने आ रही हैं और अब धीरे धीरे हर वर्ग किसानों को समर्थन देने पहुंच रहा है. सिंघु बॉर्डर पर छात्रों के साथ पहुंचे अध्यापकों ने उम्मीद जताई है की 30 दिसंबर को सरकार और किसान नेताओं के बीच होने वाली बातचीत से साकारात्मक हल निकलेगा.

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