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गोहाना महिला विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर लगे लाखों के घोटाले के आरोप

गोहाना महिला विश्वविद्यालय की अकाउंट शाखा में लाखों रुपये के घोटाले का मामला सामने आया. विभाग की ओर से लिपिक को निलंबित किया जा चुका है. पढे़ं पूरी खबर...

scam in gohana women university account section
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Published : Mar 18, 2020, 7:44 PM IST

Updated : Mar 18, 2020, 8:05 PM IST

सोनीपत: गोहना के गांव खानपुर कलां स्थित बीपीएस महिला विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों पर सांठ-गांठ करके लाखों का घोटाला करने का आरोप लगा है. घोटाले का ये मामला विश्वविद्यालय के आला अधिकारियों तक पहुंच गया. विवि प्रशासन ने घोटाले में संलिप्त लिपिक को निलंबित कर दिया गया. कुलपति ने इस मामले में जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है.

महिला विश्वविद्यालय में घोटाला

कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि महिला विश्वविद्यालय की अकाउंट शाखा के इंजीनियर अजय ने 2017 में साफ्टवेयर तैयार किया था. इस शाखा के अकाउंट मुख्य अधिकारी राकेश कुमार हैं और यहां लिपिक सीमा रानी सेवा दे रही थी. कबाड़ की बिक्री या अन्य फंडों के रुपयों की लिपिक सीमा कुमारी द्वारा पहले रसीद काट दी जाती और बाद में उसे अपने स्तर पर रद्द कर दिया जाता.

गोहाना महिला विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर लगे लाखों के घोटाले के आरोप

रुपयों को विश्वविद्यालय के खाते में जमा ही नहीं करवाया जाता था. सीमा कुमारी ने करीब तीन साल में लाखों रुपये का घोटाला कर दिया. अकाउंट अधिकारी राकेश कुमार इस बात को लेकर संदेह के घेरे में हैं. उन्हें इस मामले का पता होने के बावजूद विश्वविद्यालय के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगने दी.

लिपिक से की गई 5.5 लाख की रिकवरी

बताया गया है कि लिपिक और अधिकारी में किसी बात को लेकर मतभेद हो गया. राकेश कुमार ने इस मामले को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुषमा यादव के संज्ञान में लाया. कुलपति को बताया गया कि लिपिक से गबन किए गए लाखों रुपये में से 8.50 लाख रुपये की रिकवरी की जा चुकी है. कुलपति इस बात को सुन कर हैरान रह गईं.

ये भी पढ़ेंः गुरुग्राम: कोरोना के चलते सरकारी ऑफिसों में काम बंद करने के नोटिस चस्पा

फरवरी माह में मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में आने पर लिपिक से 17.50 लाख रुपये की और रिकवरी की गई. उससे कुल 26 लाख रुपये की रिकवरी की गई है. घोटाले का खेल करीब तीन साल तक चलता रहा. अधिकारियों का मानना है कि घोटाला रिकवरी से बहुत अधिक रुपये का है. कुलपति ने लिपिक सीमा रानी को निलंबित कर दिया है. मामले की जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी गई है. कमेटी को तीन साल में हुए पूरे लेन-देन के रिकॉर्ड की जांच करनी होगी.

सोनीपत: गोहना के गांव खानपुर कलां स्थित बीपीएस महिला विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों पर सांठ-गांठ करके लाखों का घोटाला करने का आरोप लगा है. घोटाले का ये मामला विश्वविद्यालय के आला अधिकारियों तक पहुंच गया. विवि प्रशासन ने घोटाले में संलिप्त लिपिक को निलंबित कर दिया गया. कुलपति ने इस मामले में जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है.

महिला विश्वविद्यालय में घोटाला

कुलपति प्रो. सुषमा यादव ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि महिला विश्वविद्यालय की अकाउंट शाखा के इंजीनियर अजय ने 2017 में साफ्टवेयर तैयार किया था. इस शाखा के अकाउंट मुख्य अधिकारी राकेश कुमार हैं और यहां लिपिक सीमा रानी सेवा दे रही थी. कबाड़ की बिक्री या अन्य फंडों के रुपयों की लिपिक सीमा कुमारी द्वारा पहले रसीद काट दी जाती और बाद में उसे अपने स्तर पर रद्द कर दिया जाता.

गोहाना महिला विश्वविद्यालय के कर्मचारियों पर लगे लाखों के घोटाले के आरोप

रुपयों को विश्वविद्यालय के खाते में जमा ही नहीं करवाया जाता था. सीमा कुमारी ने करीब तीन साल में लाखों रुपये का घोटाला कर दिया. अकाउंट अधिकारी राकेश कुमार इस बात को लेकर संदेह के घेरे में हैं. उन्हें इस मामले का पता होने के बावजूद विश्वविद्यालय के अधिकारियों को भनक तक नहीं लगने दी.

लिपिक से की गई 5.5 लाख की रिकवरी

बताया गया है कि लिपिक और अधिकारी में किसी बात को लेकर मतभेद हो गया. राकेश कुमार ने इस मामले को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुषमा यादव के संज्ञान में लाया. कुलपति को बताया गया कि लिपिक से गबन किए गए लाखों रुपये में से 8.50 लाख रुपये की रिकवरी की जा चुकी है. कुलपति इस बात को सुन कर हैरान रह गईं.

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फरवरी माह में मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में आने पर लिपिक से 17.50 लाख रुपये की और रिकवरी की गई. उससे कुल 26 लाख रुपये की रिकवरी की गई है. घोटाले का खेल करीब तीन साल तक चलता रहा. अधिकारियों का मानना है कि घोटाला रिकवरी से बहुत अधिक रुपये का है. कुलपति ने लिपिक सीमा रानी को निलंबित कर दिया है. मामले की जांच के लिए कमेटी भी गठित कर दी गई है. कमेटी को तीन साल में हुए पूरे लेन-देन के रिकॉर्ड की जांच करनी होगी.

Last Updated : Mar 18, 2020, 8:05 PM IST
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