सोनीपत: धान की फसल ना उगाने लेकर प्रदेश में 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना चलाई गई है. इसको लेकर गोहाना में कृषि विभाग भी किसानों को लगतार जागरूक कर रहा है. भूजल के स्तर को रोकने के लिए गोहाना में धान की जगह अन्य फसलों को उगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
'मेरा पानी मेरी विरासत' को लेकर जागरूकता अभियान
प्रदेश सरकार ने भूजल को भविष्य के लिए बचाए रखने के लिए किसानों को धान की जगह पर दूसरी फसल की खेती करने के लिए प्रेरित कर रही है. सरकार ने मेरा पानी मेरी विरासत योजना शुरू की है. इस योजना के तहत धान की बिजाई नहीं करने वाले किसानों को 7000 रुपये प्रति एकड़ राशि देने का ऐलान किया है.
कृषि अधिकारी कर रहे हैं जागरूक
ये योजना उन्हीं के लिए है, जिन किसानों ने पिछले साल धान की बिजाई की थी. इसको लेकर गोहाना कृषि विभाग के अधिकारी गांव में जाकर किसानों को योजना की जानकारी दे रहे हैं. कृषि विभाग के उपमंडल अधिकारी डॉ. राजेंद्र मेहरा का कहना है कि धान की फसल में पानी की खपत ज्यादा होती है.
ये है योजना का लाभ
इसलिए किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने के लिए प्रोत्साहन किया जा रहा है. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को आवेदन करना होगा. आवेदन वही किसान कर पाएंगे. जिन किसानों ने पिछली बार धान की बिजाई की थी. इस बार धान की बिजाई नहीं कर रहे किसान को पटवारी से रिपोर्ट करा कर देनी होगी.
किसान को प्रति एकड़ 7000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि योजना की जानकारी देने के लिए विभाग के अधिकारियों ने किसानों से सीधा संवाद कर रहे हैं और इसी दौरान उन्हें योजना को अपनाने में होने वाले फायदे के बारे में बता रहे है. धान की जगह दाल, अरहर और मुंग की फसल उगाने के लिए कहा जा रहा है.