सोनीपत: गोहाना पहुंचे किसान नेता गुरनाम सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार द्वारा किसानों के शोषण के विरोध में 20 तारीख को पूरे हरियाणा के किसान अपने-अपने ट्रैक्टरों पर काले झंडे बांध कर रोड शो करेंगे. साथ ही हरियाणा के हर जिले और तहसील लेवल पर किसान प्रदर्शन करते हुए वहां के एसडीएम और डीसी को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सोपेंगे.
गुरनाम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार तीन विषयों पर कृषि अध्यादेश लेकर आई है, जिन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल चुकी है. ये तीनों अध्यादेश भारत के करोड़ों किसान परिवारों के भविष्य से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार और अनेक अर्थशास्त्री इस बात को मानते हैं कि कोरोना काल में सिर्फ कृषि क्षेत्र पर ही देश की अर्थव्यवस्था का पहिया घूम रहा है, दूसरी तरफ केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद बंद कर के किसानों का शोषण करने में लगी हुई है.
उन्होंने कहा कि किसानों को सी2+50% के अनुसार फसलों का एमएसपी नहीं मिल रहा है, लेकिन उसके बावजूद किसान किसी तरह अपना जीवनयापन कर रहे हैं. अगर सरकार ने एमएसपी पर खरीद को बंद कर दिया तो खेती के साथ-साथ देश की खाद्यान सुरक्षा भी बड़े संकट में फंस जाएगी. इन अध्यादेशों के जरिये आने वाले समय में केंद्र सरकार किसानों को मिलने वाले एमएसपी को खत्म करने जा रही है.
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उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार का दावा है कि इन अध्यादेशों से किसानों को फायदा होगा, लेकिन असल में किसानों को नहीं बल्कि बड़ी-बड़ी कंपनियों को फायदा होगा. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार के ऊपर विश्व व्यापार संगठन का दबाव है कि किसानों को मिलने वाला एमएसपी और हर प्रकार की सब्सिडी केंद्र सरकार समाप्त करे.
इससे पहले भी कांग्रेस और बीजेपी की सरकारों ने एमएसपी को खत्म करने की तरफ कदम बढ़ाने की असफल कोशिश की, लेकिन किसानों के दबाव के सामने उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़े. अब केंद्र सरकार कोरोना वायरस के कारण लगे लॉकडाउन का अनैतिक तरीके से फायदा उठाकर ये तीनों अध्यादेश लेकर आई है. सरकार को लगता है कि कोरोना वायरस के कारण किसान बड़े पैमाने पर इकठ्ठे होकर प्रदर्शन नहीं कर सकते, इसलिए सरकार ने ये कदम उठाया है.