सोनीपत: गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकालने का ऐलान किया था और निकाली भी. इस दौरान दिल्ली में जगह-जगह हिंसा हुई. वहीं आंदोलनकारी किसान लाल किले तक पहुंच गए. आंदोलनकारियों ने लाल किले पर अपना झंडा भी फहरा दिया.
इस घटना पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि लाल किले पर जो घटना हुई है उसको धार्मिक रंग देना निंदनीय है. आंदोलन केवल किसानों का है, जन आंदोलन है, धार्मिक आंदोलन नहीं है.
उन्होंने कहा कि दीप सिद्धू ने जो किया उसकी कड़े शब्दों निंदा करते हैं, हमें लगता है वो सरकार का दलाल है. वो हर बार किसानों नेताओं के खिलाफ बोलता है. हमारा लाल किले पर जाने का भी कोई कार्यक्रम नहीं था.
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चढूनी ने कहा कि दीप बागी होकर लाल किले पर गया, वो लोगों को बहकाकर लाल किले पर लेकर गया. उसने लोगों को रिंग रोड़ पर ले जाने की बात कही थी. लोगों को नहीं पता था कि वो लाल किले पर जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि कोई भी किसान किसी तरह के बहकावे में नहीं आए. हम दिल्ली प्रशासन और पुलिस की भी निंदा करते हैं जिन्होंने किसानों पर गोलियां चलाईं. प्रशासन ने हमें वो रूट नहीं दिया जिसकी हमने मांग की थी. अगर प्रशासन ने हमारा साथ दिया होता तो ये सब नहीं होता.
चढूनी ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि मैं सभी से विनती करूंगा कि दीप सिद्धू जैसे लोगों के बचें. किसी भी अफवाह पर ध्यान ना दें, ये किसानों का आंदोलन है इसे धार्मिक रंग ना दें.
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