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गोहाना के किसानों को नहीं बजट से कोई आस, बोले- ये है सूट-बूट वालों की सरकार

गोहाना के ज्यादातर किसान सरकार से नाराज नजर आए. उन्होंने कहा कि ये सूट-बूट वालों की सरकार है, उन्हें बजट से कोई खास उम्मीद नहीं है.

haryana budget 2020
गोहाना के किसानों को नहीं बजट से कोई आस
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Published : Feb 18, 2020, 6:08 PM IST

सोनीपत: 20 फरवरी से हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है. हरियाणा के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री प्रदेश का बजट पेश करने जा रहे हैं. इस बार हरियाणा के बजट से सभी वर्ग के लोगों को आस है. गोहाना के किसान बजट से क्या उम्मीदें लगा कर बैठे हैं? ये जानने के लिए ईटीवी भारत किसानों के बीच पहुंचा और उनकी हरियाणा के बजट पर राय जानी.

हरियाणा के बजट पर किसानों की राय

गोहाना के किसान निराश नजर आए. ज्यादातर किसानों ने कहा कि उन्हें बजट से कोई आस नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक किसी चीज के कोई भाव नहीं बढ़ाए हैं. अगर बजट पास करना है तो गन्ने के भाव 400 रुपये क्विंटल से ऊपर करने चाहिए और गेहूं की फसल मंडियों में आने वाली है तो करीबन 2500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसान को भाव मिलना चाहिए.

सरकार से नहीं गोहाना के किसानों को कोई उम्मीद

ये भी पढ़िए: हरियाणा बजट 2020: पंचकूला वासियों को काफी उम्मीदें, सुनिए क्या है उनकी मांगें?

सरकार से नाखुश दिखे ज्यादातर किसान

किसानों ने कहा कि वैसे तो वो सरकार से कोई उम्मीद नहीं कर रहे हैं, क्योंकि ये बीजेपी का दूसरा कार्यकाल है और अबतक बीजेपी ने किसानों के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया है. फिर भी किसानों ने कहा कि अगर सरकार बजट में किसानों के लिए कुछ रखना ही चाहती है तो वो चाहते हैं कि सरकार उनकी फसलों के दाम बढ़ा दे.

सोनीपत: 20 फरवरी से हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है. हरियाणा के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री प्रदेश का बजट पेश करने जा रहे हैं. इस बार हरियाणा के बजट से सभी वर्ग के लोगों को आस है. गोहाना के किसान बजट से क्या उम्मीदें लगा कर बैठे हैं? ये जानने के लिए ईटीवी भारत किसानों के बीच पहुंचा और उनकी हरियाणा के बजट पर राय जानी.

हरियाणा के बजट पर किसानों की राय

गोहाना के किसान निराश नजर आए. ज्यादातर किसानों ने कहा कि उन्हें बजट से कोई आस नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक किसी चीज के कोई भाव नहीं बढ़ाए हैं. अगर बजट पास करना है तो गन्ने के भाव 400 रुपये क्विंटल से ऊपर करने चाहिए और गेहूं की फसल मंडियों में आने वाली है तो करीबन 2500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से किसान को भाव मिलना चाहिए.

सरकार से नहीं गोहाना के किसानों को कोई उम्मीद

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सरकार से नाखुश दिखे ज्यादातर किसान

किसानों ने कहा कि वैसे तो वो सरकार से कोई उम्मीद नहीं कर रहे हैं, क्योंकि ये बीजेपी का दूसरा कार्यकाल है और अबतक बीजेपी ने किसानों के लिए ज्यादा कुछ नहीं किया है. फिर भी किसानों ने कहा कि अगर सरकार बजट में किसानों के लिए कुछ रखना ही चाहती है तो वो चाहते हैं कि सरकार उनकी फसलों के दाम बढ़ा दे.

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