सोनीपत: 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से किसान आंदोलन अब कमजोर दिखाई देने लगा है. कई जगहों से ऐसी खबरें सामने आईं जहां किसान वापस अपने घरों की ओर लौटते दिखाई दिए. लेकिन गोहाना में माहौल कुछ और ही है. यहां 3 से 4 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार होकर 30 से 40 किसान सिंघु बॉर्डर के लिए रवाना हुए.
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किसान धर्मवीर ने बताया कि 26 जनवरी के दिन लाल किले पर झंडा फहराने वाली घटना सरकार की सोची समझी चाल थी. दीप सिद्धू ने झंडा फहराया था. उसके भारत के प्रधानमंत्री के साथ फोटो भी आ चुके हैं. इससे आंदोलन में कोई फर्क नहीं पड़ेगा. आने वाले समय में आंदोलन और तेज किया जाएगा.
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किसान कृष्ण कुमार ने कहा कि आज फिर किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए दो ट्रॉली जा रही हैं और हम वापस आ गए थे. अब दोबारा से किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए जा रहे हैं. किसान आंदोलन कमजोर नहीं होगा. हम बीजेपी को किसान आंदोलन को फेल करने में कामयाब नहीं होने देंगे.