सोनीपत/गोहाना: 26 जनवरी को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद ये माना जा रहा था कि किसान आंदोलन अब कमजोर पड़ जाएगा. लेकिन गुरुवार देर रात राकेश टिकैत के बयान के बाद आंदोलन और तेज होता दिख रहा है. गोहाना से करीब 25 ट्रैक्टर-ट्रॉली में किसान बैठकर सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल होने के लिए रवाना हुए.
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किसानों का कहना था कि जिस तरह से मोदी सरकार ने किसान आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश की है. उनका कहना बिल्कुल गलत है, आंदोलन और मजबूत होगा और किसान अब दोगुनी ताकत के साथ किसान आंदोलन में शामिल हो रहा है.
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उन्होंने कहा कि अबकी बार महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ इस आंदोलन में शामिल होने के लिए रवाना हो चुकी है. बीजेपी सरकार किसान आंदोलन को लेकर गलत प्रचार कर रही है. ये किसान आंदोलन इतनी आसानी से समाप्त नहीं होगी.
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महिला किसानों का कहना है कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं होते तब तक आंदोलन से अब वापस नहीं आएंगे. आज गोहाना के गांव छिछराणा से 40 से 50 महिलाएं किसान आंदोलन में शामिल होने के लिए जा रही है और वहीं पर बैठेंगी.