गोहाना: सब्जी मंडी में सब्जी उगाने वाले किसान को भाव नहीं मिल रहे. जिससे परेशान होकर किसानों ने अपने खेत में खड़ी गोभी और गाजर की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दिया है. किसानों की माने तो बाजार में गोभी एक रुपये से लेकर तीन रुपये प्रति किलो बिक रही है. यह कभी-कभी 1 सप्ताह तक नहीं बिकती है. गाजर का भाव तीन रुपये से लेकर पांच रुपये तक ही है. जिससे परेशान होकर उन्होंने फसल को नष्ट करने का निर्णय लिया है.
पूठी गांव के किसान रवि ने बताया 40 हजार रुपए ठेके पर जमीन लगाकर गाजर की खेती की थी. भाव नहीं मिलने के कारण अब ट्रैक्टर चलाकर फसल को नष्ट करने का काम कर रहे हैं. डेढ़ एकड़ में गाजर की फसल लगाई थी. मजदूरी भी घर से देनी पड़ रही है. भावांतर भरपाई योजना का कोई लाभ नहीं मिल रहा.
पूठी गांव के किसान वीरेंद्र ने बताया पिछले 1 सप्ताह में गाजर और गोभी की करीब 100 एकड़ खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला कर नष्ट किया है. सब्जी मंडी के अंदर भाव बिल्कुल नहीं मिल रहा, लागत भी नहीं मिल रही है. सरकार बोलती है किसानों के ऊपर हमने इतना खर्च कर दिया है, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है.
ये भी पढ़ें- सिरसा में किसान महापंचायत के दौरान डिप्टी सीएम के घर के पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कर्मचारियों की लापरवाही से सरकारी योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिलता. तीन से पांच रुपये के हिसाब से गाजर का भाव मिलता है. एक रुपये से लेकर तीन रुपये प्रति किलो के हिसाब से वह भी बिकती है. कभी-कभी तो गोभी बिकती भी नहीं है.
वहीं एक अन्य किसान संजय ने बताया कि गोभी की फसल लगाई हुई थी. बेचने के लिए सब्जी मंडी में गया तो 1 सप्ताह से नहीं बिक रही थी. मजबूरी में आकर खड़ी फसल पर ट्रैक्टर चला कर नष्ट किया.
जाहिर है किसान मेहनत के साथ इन फसलों पर लागत भी लगा रहा है. लेकिन तमाम योजनाओं की बावजूद किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में सरकार की भावांतर भरपाई समेत किसानों से जुड़ी योजनाएं आखिर किस काम की हैं.
ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन की आड़ में ज्वैलर्स से लूट का प्रयास, आज बहादुरगढ़ के बाजार बंद