सोनीपत/गोहाना: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हरियाणा सरकार की ओर से निकाले गए 1983 पीटीआई टीचर्स लगातार बहाली की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी इस मामले पर सरकार को आड़े हाथ ले रहा है. गोहाना पहुंची पूर्व शिक्षा मंत्री और कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल ने ना सिर्फ प्रदेश सरकार पर हमला बोला बल्कि अध्यादेश लाकर पीटीआई टीचर्स की बहाली की मांग भी की.
मीडिया से बात करते हुए पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल ने कहा कि में सरकार से अनुरोध करना चाहती हूं कि पीटीआई टीचर्स को दोबारा से स्पेशल ऑर्डिनेंस लाकर ज्वॉइन कराया जाए, क्योंकि इन पीटीआई टीचर्स ने खेल में अच्छा काम किया है. साथ ही ड्यूटी के दौरान कई टीचर्स की मौत भी हो चुकी है. अब उनकी विधवाओं के लिए उनकी पेंशन का ही सहारा है.
गीता भुक्कल ने कहा कि कोर्ट ने पीटीआई टीचर्स को लॉकडाउन के बाद ही हटाने के लिए कहा था, लेकिन सरकार ने कोर्ट के फैसला के तुरंत ही सभी टीचर्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया.
क्या है पूरा मामला?
हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने अप्रैल 2010 में 1983 पीटीआई को प्रदेशभर में भर्ती किया था. इस दौरान नियुक्तियों में असफल रहे अभ्यर्थियों में संजीव कुमार, जिले राम और एक अन्य ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगा चुनौती दी थी. याचिका में कहा गया था कि ऐसे उम्मीदवारों को भी नियुक्ति दी गई थी, जिनके शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी हैं.
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हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने याचिका पर सुनवाई कर पीटीआई की भर्ती को रद्द कर दिया था. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी फैसला बरकरार रखा था. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानते हुए हरियाणा सरकार ने इसी साल 1983 पीटीआई शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है. जिसके बाद से प्रदेशभर में पीटीआई शिक्षकों की बहाली को लेकर प्रदर्शन जारी है.