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सिंघु बॉर्डर किसान-ग्रामीण विवाद: 'ग्रामीणों की आड़ में आंदोलन को खराब करना चाहते हैं BJP-RSS कार्यकर्ता'

ग्रामीण लगातार सिंघु बॉर्डर के एक साइड का रास्ता खुलवाने की मांग कर रहे हैं. बुधवार को ग्रामीणों ने अपनी मांग को लेकर पैदल मार्च भी निकाला, जिसे किसानों ने आरएसएस और बीजेपी का षड्यंत्र बताया है.

sonipat villagers foot march
सिंघु बॉर्डर का रास्ता खुलवाने पर आमने-सामने ग्रामीण और किसान!
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Published : Jul 21, 2021, 3:48 PM IST

सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. किसान सोनीपत के नेशनल हाईवे 44 पर भी डेरा डाले बैठे हैं. दूसरी तरफ स्थानीय लोगों लगातार हाईवे के एक साइड को खोलने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने बुधवरा को पैदल मार्च का भी आयोजन किया था. जिसे किसान नेताओं ने बीजेपी और आरएसएस का षड्यंत्र बताया.

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि ये लोग किसान आंदोलन को हटाकर यहां पर अपना प्रदर्शन करना चाहते हैं. ये लोग नेशनल हाईवे 44 का एक रास्ता रास्ता खोलने की मांग कर रहे हैं. ये लोग कोई और नहीं बीजेपी और आरएसएस के एजेंट हैं. वो हमारे आंदोलन को खत्म करना चाहते हैं.

ग्रामीणों ने रास्ता खुलवाने के लिए निकाला पैदल मार्च, किसानों ने बताया BJP-RSS का षड्यंत्र

किसान नेता ने आगे कहा कि ये लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ये हमारा आंदोलन खत्म करना चाहते हैं. स्थानीय ग्रामीणों की आड़ में आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता हमारे आंदोलन को खराब करना चाहते हैं. इसलिए बार-बार नेशनल हाईवे के एक साइड को खोलने की मांग की जा रही है.

ये भी पढ़िए: सिंघु बॉर्डर का रास्ता खुलवाने के लिए महापंचायत, मांग नहीं मानी गई तो होगा धरना प्रदर्शन

गौरतलब है कि तीन कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर किसानों (Farmers Protest Agriculture law) का धरना जारी है. किसानों ने सिंघु बॉर्डर, कुंडली बॉर्डर पर डेरा डाला हुआ है. जिसकी वजह से दिल्ली जाने वाले रास्ते बंद हैं. स्थानीय लोग इस आंदोलन के विरोध में अब आवाज उठा रहे हैं.

ये भी पढ़िए: सिंघु बॉर्डर किसान-ग्रामीण विवाद: रास्ता खुलवाने के लिए ग्रामीणों ने किया पैदल मार्च

स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली बॉर्डर बंद होने से उन्हें आने-जाने में काफी परेशानी होती है, इसलिए इन रास्तों को खोला (Demand Open Delhi Border Road) जाए. इसी मांग को लेकर बुधवार को सैकड़ों ग्रामीण राजीव गांधी एजुकेशन सिटी सोनीपत में इकट्ठा हुए और पैदल मार्च (Villagers Foot March Sonipat) किया. जिसे किसान नेताओं ने बीजेपी और आरएसएस की चाल करार दिया है.

सोनीपत: कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है. किसान सोनीपत के नेशनल हाईवे 44 पर भी डेरा डाले बैठे हैं. दूसरी तरफ स्थानीय लोगों लगातार हाईवे के एक साइड को खोलने की मांग कर रहे हैं. इस मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने बुधवरा को पैदल मार्च का भी आयोजन किया था. जिसे किसान नेताओं ने बीजेपी और आरएसएस का षड्यंत्र बताया.

किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि ये लोग किसान आंदोलन को हटाकर यहां पर अपना प्रदर्शन करना चाहते हैं. ये लोग नेशनल हाईवे 44 का एक रास्ता रास्ता खोलने की मांग कर रहे हैं. ये लोग कोई और नहीं बीजेपी और आरएसएस के एजेंट हैं. वो हमारे आंदोलन को खत्म करना चाहते हैं.

ग्रामीणों ने रास्ता खुलवाने के लिए निकाला पैदल मार्च, किसानों ने बताया BJP-RSS का षड्यंत्र

किसान नेता ने आगे कहा कि ये लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि ये हमारा आंदोलन खत्म करना चाहते हैं. स्थानीय ग्रामीणों की आड़ में आरएसएस और बीजेपी के कार्यकर्ता हमारे आंदोलन को खराब करना चाहते हैं. इसलिए बार-बार नेशनल हाईवे के एक साइड को खोलने की मांग की जा रही है.

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गौरतलब है कि तीन कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली से लगती सीमाओं पर किसानों (Farmers Protest Agriculture law) का धरना जारी है. किसानों ने सिंघु बॉर्डर, कुंडली बॉर्डर पर डेरा डाला हुआ है. जिसकी वजह से दिल्ली जाने वाले रास्ते बंद हैं. स्थानीय लोग इस आंदोलन के विरोध में अब आवाज उठा रहे हैं.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि दिल्ली बॉर्डर बंद होने से उन्हें आने-जाने में काफी परेशानी होती है, इसलिए इन रास्तों को खोला (Demand Open Delhi Border Road) जाए. इसी मांग को लेकर बुधवार को सैकड़ों ग्रामीण राजीव गांधी एजुकेशन सिटी सोनीपत में इकट्ठा हुए और पैदल मार्च (Villagers Foot March Sonipat) किया. जिसे किसान नेताओं ने बीजेपी और आरएसएस की चाल करार दिया है.

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