सोनीपत: कृषि अध्यादेशों का पूरे देश में विरोध हो रहा है. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार इस अध्यादेश को निरस्त करे. क्योंकि ये अध्यादेश किसान विरोधी है. वहीं कृषि अध्यादेश को लेकर रविवार को किसान और आढ़तियों द्वारा खरखौदा में सोनीपत बाईपास को जाम कर दिया गया.
इसके अलावा सिसाना व नाहरा-बहादुरगढ़ मार्ग पर भी कृषि अध्यादेश के खिलाफ किसान वर्ग सड़कों पर उतरा और अपनी नाराजगी जाहिर की. इस दौरान किसानों और आढ़तियों को आम आदमी पार्टी और इनेलो ने भी समर्थन दिया.
इस दौरान मंडी प्रधान नरेश दहिया ने कहा कि ये लड़ाई सिर्फ किसान की नहीं बल्कि हर देशवासी की है. क्योंकि रोटी खाए बगैर कोई जिंदा नहीं रह सकता. उन्होंने कहा कि आज किसान को बंधुआ मजदूर बनाने की ओर सरकार अग्रसर है, लेकिन सच्चाई ये है कि केंद्र की बीजेपी व प्रदेश की गठबंधन सरकार ने अपने सत्ता से जाने का रास्ता तय कर लिया है.
वहीं इनेलो के पूर्व हलका अध्यक्ष अशोक राणा और आम आदमी पार्टी की पूर्व प्रत्याशी बिंदू ने कहा कि जब तक केंद्र की बीजेपी सरकार इस किसान विरोधी अध्यादेश को वापस नहीं लेती. तब तक किसानों का प्रदर्शन जारी रहेगा और इन किसानों के साथ हमेशा इनेलो और आम आदमी पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर चलेगी. उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों को उनके ही खेतों में मजदूर बनाना चाहती है. इसलिए उनका किसानों को समर्थन जारी रहेगा.
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