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किसान आंदोलन: मोबाइल चार्ज करने के लिए ट्रॉली पर बनाया मिनी पावर स्टेशन

आंदोलन स्थल पर किसानों ने हर तरह की सुविधाओं का इंतजाम किया है. आंदोलन में बैठे किसान अपना मोबाइल फोन चार्ज कर सके. इसके लिए ट्रॉली पर मिनी पावर स्टेशन बनाया गया है.

Farmers built mini power station trolley
Farmers built mini power station trolley
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Published : Dec 9, 2020, 8:31 PM IST

सोनीपत: कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 14 दिन से जारी है. इस दौरान किसान आंदोलन की अलग-अलग तस्वीरें सामने आ रही है. जैसे उनके रहन सहन से लेकर खाना बनाने और खाने तक की तस्वीरें.

आंदोलन स्थल पर किसानों ने हर तरह की सुविधाओं का इंतजाम किया है. आंदोलन में बैठे किसान अपना मोबाइल फोन चार्ज कर सके. इसके लिए ट्रॉली पर मिनी पावर स्टेशन बनाया गया है.

मोबाइल चार्ज करने के लिए ट्रॉली पर बनाया मिनी पावर स्टेशन

ट्रॉली पर बनाए इस मिनी पावर स्टेशन पर एक बार में 200 मोबाइल चार्ज किए जा सकते हैं. किसानों ने कहा कि उन्हें पता था कि उनका आंदोलन एक या दो दिन नहीं बल्कि कई महीने चलेगा. इसलिए वो घर से ही जरूरत का सारा सामान लेकर चले हैं.

वाहनों में हवा भरने वाली मशीन भी मौजूद

14 दिन से किसानों के वाहन भी सिंघु बॉर्डर पर खड़े हैं. खड़े-खड़े वाहनों में हवा कम ना हो जाए इसकी भी व्यवस्था सिंघु बॉर्डर पर की गई है. किसानों ने वाहनों में हवा भरने के लिए भी मशीन का इंतजाम किया है. जिसे जरनेटर के जरिए चार्ज किया जाता है. ताकि जरूरत पड़ने पर वो वाहनों में हवा भर सकें.

ये भी पढ़ें- सरकार ने किसानों को भेजा संशोधन प्रस्ताव, ईटीवी भारत पर देखें किन-किन मांगों को मानने को तैयार है सरकार

किसान अपने साथ इंवर्टर और जरनेटर भी लाए हुए हैं. ताकि किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. किसानों का कहना है कि अब उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है. लोग लंगर लगाकर सेवा कर रहे हैं. कोई पानी पिलाकर सेवा कर रहा है. किसानों के मुताबिक उन्हें हर वर्ग का साथ मिल रहा है. इस वजह से उनका आंदोलन लंबा चलेगा.

सोनीपत: कृषि कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर सिंघु बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन 14 दिन से जारी है. इस दौरान किसान आंदोलन की अलग-अलग तस्वीरें सामने आ रही है. जैसे उनके रहन सहन से लेकर खाना बनाने और खाने तक की तस्वीरें.

आंदोलन स्थल पर किसानों ने हर तरह की सुविधाओं का इंतजाम किया है. आंदोलन में बैठे किसान अपना मोबाइल फोन चार्ज कर सके. इसके लिए ट्रॉली पर मिनी पावर स्टेशन बनाया गया है.

मोबाइल चार्ज करने के लिए ट्रॉली पर बनाया मिनी पावर स्टेशन

ट्रॉली पर बनाए इस मिनी पावर स्टेशन पर एक बार में 200 मोबाइल चार्ज किए जा सकते हैं. किसानों ने कहा कि उन्हें पता था कि उनका आंदोलन एक या दो दिन नहीं बल्कि कई महीने चलेगा. इसलिए वो घर से ही जरूरत का सारा सामान लेकर चले हैं.

वाहनों में हवा भरने वाली मशीन भी मौजूद

14 दिन से किसानों के वाहन भी सिंघु बॉर्डर पर खड़े हैं. खड़े-खड़े वाहनों में हवा कम ना हो जाए इसकी भी व्यवस्था सिंघु बॉर्डर पर की गई है. किसानों ने वाहनों में हवा भरने के लिए भी मशीन का इंतजाम किया है. जिसे जरनेटर के जरिए चार्ज किया जाता है. ताकि जरूरत पड़ने पर वो वाहनों में हवा भर सकें.

ये भी पढ़ें- सरकार ने किसानों को भेजा संशोधन प्रस्ताव, ईटीवी भारत पर देखें किन-किन मांगों को मानने को तैयार है सरकार

किसान अपने साथ इंवर्टर और जरनेटर भी लाए हुए हैं. ताकि किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी ना हो. किसानों का कहना है कि अब उन्हें कोई परेशानी नहीं हो रही है. लोग लंगर लगाकर सेवा कर रहे हैं. कोई पानी पिलाकर सेवा कर रहा है. किसानों के मुताबिक उन्हें हर वर्ग का साथ मिल रहा है. इस वजह से उनका आंदोलन लंबा चलेगा.

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