सोनीपत: हरियाणा में ज्यादातर किसान गेहूं, धान और गन्ने की परंपरागत खेती (Traditional Farming in Haryana) करते आ रहे हैं. बदलते वक्त के साथ-साथ अब किसान भी परंपरागत खेती को छोड़कर नए-नए प्रयोग कर रहे हैं. इससे उन्हें परंपरागत खेती के मुकाबले मुनाफा भी ज्यादा हो रहा है. गोहाना के रामनिवास सैनी ने 8 साल पहले कुछ ऐसा ही प्रयोग (Litchi Farming in Gohana) किया. वो लीची के पौधे देहरादून और जम्मू कश्मीर लेकर आए.
आज रामनिवास इन पेड़ों से एक एकड़ में परंपरागत खेती के मुकाबले चार गुना कमा रहे हैं. इस साल रामनिवास ने 1 एकड़ में तैयार हुई लीची से चार लाख से ज्यादा की कमाई (Benefits Of Litchi Cultivation) की है. अब रामनिवास 8 एकड़ में लीची के पेड़ लगाने जा रहे हैं. रामनिवास (Farmer Ram Niwas Saini Litchi Cultivation) के पास करीब 20 एकड़ भूमि है. जिसपर वो बागवानी कर रहे हैं.
इस 20 एकड़ में किसान ने हर तरह के फल के पेड़-पौधे लगाए हैं. इतना ही नहीं रामनिवास अपने बेटों को भी पढ़ने-लिखने के बाद अलग तरह की खेती करने के लिए ट्रेनिंग दिलवा रहे हैं. उसका बेटा हितेश भी किसान बनना चाहता है.
रामनिवास करीब 30 साल से बागवानी कर रहे हैं. 8 बरस पहले वो देहरादून और जम्मू से लीची के पौधे लाए थे. 1 एकड़ भूमि में रामनिवास ने उन पौधों (Farmer Ram Niwas Saini Litchi Cultivation) को लगाया. अब 8 साल बाद उन पौधों ने पेड़ बनकर फल देना शुरू किया है. इस साल उनकी चार लाख से ज्यादा की कमाई हुई है. गोहाना बागवानी अधिकारी देवेंद्र कुमार ने बताया कि बागवानी करने वाले किसानों को विभाग सब्सिडी भी देता है. ये किसानों के लिए फायदे का सौदा है.
रामनिवास ने बताया कि शुरुआत से ही उनकी पसंद फल और फ्रूट्स रहे हैं. इसलिए उन्होंने लीची लगाने की फैसला किया. वो बाकि किसानों से भी परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी करने की सलाह देते हैं. इससे पानी की बचत तो होती ही है साथ की कम लागत में ज्यादा मुनाफा किसान कमा सकते हैं. अब आगे वो अपने बेटों को भी अलग-अलग तरह की खेती करने के लिए ट्रेनिंग दे रहे हैं. किसान रामनिवास ने बाकी किसानों को भी परंपरागत खेती को छोड़ नए-नए प्रयोग करने की सलाह दी है.