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सोनीपत: घरेलू गैस और पेट्रोल की कीमत बढ़ने से नाराज समाजिक संस्थाओं ने किया प्रदर्शन

इन समाजिक संस्थाओं ने पेट्रोल-डिजल के साथ ही रेल और बसों के किराए-भाड़े को भी आधे किए जाने मांग की. वहीं मंच ने लग्जरी उत्पादों को छोड़कर आम उपभोग की सभी वस्तुओं को कर मुक्त किया जाने की मांग की.

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घरेलू गैस और पेट्रोल की कीमत बढ़ने से नाराज समाजिक संस्थाओं ने किया प्रदर्शन
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Published : Feb 23, 2021, 12:20 PM IST

सोनीपत: डीजल, पेट्रोल व रसोई गैस के दामों में वृद्धि के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. सोमवार को जन संघर्ष मंच हरियाणा और समता महिला मूलक संघठन ने मिलकर खिलाफ गोहाना शहर में रोष प्रदर्शन किया.

दोनों संस्थाओं ने केंद्र व राज्य सरकारों का पुतला दहन कर सरकार से डीजल 25 रुपये लीटर, पेट्रोल 30 रुपये लीटर और रसोई गैस का सिलेंडर 250 रुपये में मुहैया करवाया की जाने की मांग की. इसके इलावा रेल और बसों के किराए-भाड़े को भी आधे किए जाने मांग की. वहीं मंच ने लग्जरी उत्पादों को छोड़कर आम उपभोग की सभी वस्तुओं को कर मुक्त किया जाने की मांग की.

घरेलू गैस और पेट्रोल की कीमत बढ़ने से नाराज समाजिक संस्थाओं ने किया प्रदर्शन, देखिए वीडियो

ये भी पढे़ं- हरियाणा सीएम मनोहर लाल बोले- बहुत ज्यादा नहीं बढ़े पेट्रोल के दाम, जनता के जेब से निकला पैसा जनता के हित में लगता है

इस दौरान मंच के सयोजक डॉ सीडी शर्मा ने कहा फिलहाल आयातित कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल यानी 159 लीटर है. शोधन, परिवहन व अन्य खर्च समेत डीजल और पेट्रोल की कीमत लगभग 30 रुपये प्रति लीटर बैठती है. इस पर 100 फीसदी केंद्र सरकार उत्पाद कर वसूलती है और इतना ही राज्य सरकारों का वैट, तेल कंपनियों का मुनाफा और डीलरों का कमीशन है. उन्होंने कहा कि इस तरह आम उपभोक्ता को ये चीजें 3 गुना कीमत पर मिलती हैं. नेपाल और पाकिस्तान जैसे गरीब देशों में भारत से आधे दाम हैं.

ये भी पढ़ें:नूंह: बढ़ती महंगाई और कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन

सोनीपत: डीजल, पेट्रोल व रसोई गैस के दामों में वृद्धि के खिलाफ जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. सोमवार को जन संघर्ष मंच हरियाणा और समता महिला मूलक संघठन ने मिलकर खिलाफ गोहाना शहर में रोष प्रदर्शन किया.

दोनों संस्थाओं ने केंद्र व राज्य सरकारों का पुतला दहन कर सरकार से डीजल 25 रुपये लीटर, पेट्रोल 30 रुपये लीटर और रसोई गैस का सिलेंडर 250 रुपये में मुहैया करवाया की जाने की मांग की. इसके इलावा रेल और बसों के किराए-भाड़े को भी आधे किए जाने मांग की. वहीं मंच ने लग्जरी उत्पादों को छोड़कर आम उपभोग की सभी वस्तुओं को कर मुक्त किया जाने की मांग की.

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इस दौरान मंच के सयोजक डॉ सीडी शर्मा ने कहा फिलहाल आयातित कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर प्रति बैरल यानी 159 लीटर है. शोधन, परिवहन व अन्य खर्च समेत डीजल और पेट्रोल की कीमत लगभग 30 रुपये प्रति लीटर बैठती है. इस पर 100 फीसदी केंद्र सरकार उत्पाद कर वसूलती है और इतना ही राज्य सरकारों का वैट, तेल कंपनियों का मुनाफा और डीलरों का कमीशन है. उन्होंने कहा कि इस तरह आम उपभोक्ता को ये चीजें 3 गुना कीमत पर मिलती हैं. नेपाल और पाकिस्तान जैसे गरीब देशों में भारत से आधे दाम हैं.

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