सोनीपत: कोरोना वायरस के कारण बंद पड़े स्कूलों को फिर से खोलने की कवायद शुरू कर दी गई है. इसके लिए करनाल और सोनीपत के दो सरकारी स्कलों को चुना गया है. मंगलवार को तैयारियों का जायजा लेने के लिए डेमो के तौर पर सोनीपत के वाजिदपुर सबौली के राजकीय उच्च विद्यालय में 10वीं कक्षा के बच्चों को बुलवाकर पढ़ाया गया. स्कूल में सरकार के निर्देश पर रिहर्सल की गई.
सोनीपत के गांव वाजिदपुर सबोली के सरकारी स्कूल को सरकार के दिशा-निर्देश पर तैयार किया जा रहा है. यहां विद्यार्थियों का डेमो हो रहा है कि किस तरह से विद्यार्थी आएंगे.
ग्रुप नहीं बबल में बंटेंगे स्टूडेंट्स
कोरोना काल के बाद जो स्कूल खुलेंगे. उनमें स्टूडेंट्स को ग्रुप में नहीं बल्कि बबल में बांटा जाएगा. सरकार ने योजना बनाई है कि प्रदेश में जब स्कूलों को खोलने के आदेश दिए गए तो उस वक्त स्टूडेंट् अलग-अलग ग्रुप में नहीं बल्कि उन्हें बबल में बांटा जाएगा. हर बबल में 20 स्टूडेंट्स होंगे. जो अपने बबल के अन्य स्टूडेंट्स से ही बात कर सकेंगे और मिल सकेंगे. हर बबल के स्टूडेंट्स पहले से निर्धारित डेस्क पर ही बैठेंगे, ये स्टूडेंट्स अपनी इच्छा से अपनी सीट नहीं बदल सकेंगे. इन बबल के कारण स्टूडेंट् को अपने छोटे-छोटे ग्रुप पहचानने में दिक्कत नहीं होगी. इस दौरान अगर कोई स्टूडेंट कोरोना पॉजिटिव पाया जाएगा तो उनके साथ स्टूडेंट्स को आइसोलेट करना भी आसान रहेगा.
दो स्कूलों के अनुभव के आधार पर तय होंगे मापदंड
शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक इन दो स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन नियमों को अपनाया जा रहा है. दोनों स्कूलों के अनुभव के आधार पर ये तय होगा कि आगे प्रदेश में जब स्कूलों को खोला जाएगा तो किन-किन गाइडलाइंस का किस तरह से पालन करना है.
बबल में बंटे स्टूडेंट्स को अलग-अलग रंग असाइन किया जाएगा. जिनकी स्कूल के गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग होगी और हैंड सैनेटाइजेशन करना भी अनिवार्य होगा. नए नियमों के हिसाब से ये स्टूडेंट्स न ही अन्य छात्रों के खाना बदल सकेंगे और न ही किताबें.
इन बातों का रखा गया ध्यान-
- अपने घर से विद्यार्थी सोशल डिस्टेंसिंग के तहत आए.
- सब बच्चों के चेहरे पर मास्क लगे थे.
- बच्चों को मास्क बांटे गए.
- बच्चे बार-बार अपने हाथ सैनिटाइज कर रहे थे.
- बच्चे कक्षाओं में सोशल डिस्टेंस के साथ बैठे थे.
बता दें कि, डेमो क्लास के लिए स्कूल में 10वीं के बच्चों को बुलाया गया था. जिन्हें सोशल डिस्टेसिंग से लेकर मास्क तक के नियमों के बारे में समझाया गया. स्कूल में घुसने से पहले बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग करवाई गई. एक कमरे में 15 और एक पंक्ति में 5 बच्चों को बैठाने की इजाजत दी गई. यहां जो कक्षाएं चल रही हैं उनमें टीचर विशेष रूप से ये कोशिश कर रहे हैं कि सोशल डिस्टेंस और मास्क लगाकर ही पढ़ाई करवाई जाए. वहीं स्कूल खुलने को लेकर इस गांव के छात्र और छात्राएं बेहद खुश हैं.
स्कूल प्रिंसिपल चांद किशोर ने बताया कि फिलहाल 4 विषय यानि हिंदी, अंग्रेजी, गणित और साइंस की कक्षाएं ही लगाई जाएंगी. वहीं, इन 4 विषयों से संबंधित टीचर्स का स्कूल में पहुंचना अनिवार्य होगा, जबकि बाकी विषय के टीचर्स वैकल्पिक दिनों में आ सकेंगे.
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