सोनीपत: हरियाणा भर्ती घोटाले का मामला (HPSC Recruitment Scam) तूल पकड़ता जा रहा है. दरअसल कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने भर्ती घोटाले की जांच के लिए हरियाणा सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि यदि ‘हरियाणा भर्ती घोटाले’ की सीटिंग जज की निगरानी में (Deependra Hooda On HPSC Recuruitment Scam) निष्पक्ष जांच के आदेश नही दिए गए तो 19 दिसंबर को सोनीपत में युवा आक्रोश रैली (Yuva Akrosh Rally In Sonipat) करेंगे.
बता दें कि इससे पहले दीपेंद्र हुड्डा यह मामला राज्यसभा में उठाने की मांग की थी. राज्यसभा में दिए गए नोटिस में दीपेंद्र हुड्डा ने लिखा कि हरियाणा सरकार इस मामले में चुप्पी और निष्क्रियता से इतने बड़े भर्ती घोटाले पर पर्दा डालने का काम कर रही है.अपने नोटिस में दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा की हालत इस कदर खराब हो चुकी है कि हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) और हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) भ्रष्टाचार के अड्डे बन चुके हैं. उन्होंने सभापति के जरिए गृह मंत्री से इस मामले में सीबीआई से जांच करवाने की मांग की, ताकि असली गुनहगार सबके सामने हो.
क्या है मामला?
गौरतलब है कि विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC की ओर से ली जाने वाली डेंटल सर्जन भर्ती की परीक्षा के दौरान ओएमआर शीट खाली छोड़ने वालों का चयन करने का खुलासा किया था. 17 नवंबर को भिवानी निवासी नवीन पंचकूला में 20 लाख रुपये लेते पकड़ा गया था. वहीं से इस पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. इसके बाद विजिलेंस ब्यूरो ने HPSC के डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर (HPSC deputy secretary arrested) के असिस्टेंट अश्विनी के झज्जर स्थित घर में रेड मारकर एक करोड़ आठ लाख रुपये बरामद किए.
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विजिलेंस की रेड के बाद अश्विनी ने ही खुलासा किया कि इसमें से 90 लाख रुपये अनिल नागर के हैं. इसके बाद विजिलेंस के कहने पर अश्विनी HPSC हैडक्वार्टर में बैठने वाले वर्ष 2016 बैच के एचसीएस अधिकारी अनिल नागर को उनके दफ्तर में 90 लाख रुपए देने पहुंचा. जैसे ही अनिल नागर ने कैश लिया, विजिलेंस ने उसे पकड़ लिया.
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