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दीनबंधु छोटू राम विश्वविद्यालय को शोध में गुणवत्ता के कारण मिला क्यूआईपी सेंटर

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Published : Jul 16, 2020, 10:05 PM IST

डीसीआरयूएसटी को प्रदेश में एकमात्र क्यूआईपी सेंटर मिला है. शोध की गुणवत्ता के कारण ही विश्वविद्यालय को क्यूआईपी सेंटर मिला है.

Deenbandhu Chhotu Ram University
Deenbandhu Chhotu Ram University

सोनीपत: दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोध की गुणवत्ता को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने लगी है. विश्वविद्यालय की शोध की गुणवत्ता को देखते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने प्रदेश का एकमात्र क्यूआईपी (क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम) सेंटर डीसीआरयूएसटी मिला है. क्यूआईपी के तहत डीसीआरयूएसटी को 20 पूर्णकालिक शोधार्थी मिलेंगे.

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद तकनीकी कॉलेज के शिक्षकों को अनुसंधान और पीएचडी करवाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है. एआईसीटीई शिक्षण संस्थानों की अनुसंधान की गुणवत्ता व आधारभूत ढांचे को परखने के बाद ही क्यूआईपी सेंटर प्रदान करती है.

एआईसीटीई के मापदंडों पर खरा उतरने के बाद डीसीआरयूएसटी, मुरथल क्यूआईपी सेंटर दिया गया. एआईसीटीई सीमित संख्या में ही क्यूआईपी सेंटर देती है. क्यूआईपी सेंटर मिलने के बाद विश्वविद्यालय के 10 विभागों को 20 पूर्णकालिक शोधार्थी मिलेंगे, जो विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं में अनुसंधान का कार्य करेंगे. इससे शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो जाएगी.

ये भी पढे़ं- शोध और विज्ञान को लेकर सोनीपत में दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

विश्वविद्यालय की शोध गुणवत्ता में निरंतर वृद्धि होगी. शोधार्थियों के वेतन और अन्य भत्ते एआईसीटीई द्वारा वहन किए जाएंगे. क्यूआईपी के तहत शोधार्थी को तीन वर्ष में अपना अनुसंधान कार्य पूर्ण करना होगा.

क्यूआईपी के तहत आर्किटेक्चर, बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग, बॉयोटेक्नोलॉजी, केमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनयरिंग, कंप्यूटर सांइस एण्ड इंजीनयरिंग, इलैक्ट्रानिक्स कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनयरिंग, मैथमेटिक्स व फिजिक्स में दो दो शोधार्थी विश्वविद्यालय में शोध कर सकेंगे.

सोनीपत: दीनबंधु छोटू राम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोध की गुणवत्ता को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलने लगी है. विश्वविद्यालय की शोध की गुणवत्ता को देखते हुए अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने प्रदेश का एकमात्र क्यूआईपी (क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम) सेंटर डीसीआरयूएसटी मिला है. क्यूआईपी के तहत डीसीआरयूएसटी को 20 पूर्णकालिक शोधार्थी मिलेंगे.

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद तकनीकी कॉलेज के शिक्षकों को अनुसंधान और पीएचडी करवाने के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है. एआईसीटीई शिक्षण संस्थानों की अनुसंधान की गुणवत्ता व आधारभूत ढांचे को परखने के बाद ही क्यूआईपी सेंटर प्रदान करती है.

एआईसीटीई के मापदंडों पर खरा उतरने के बाद डीसीआरयूएसटी, मुरथल क्यूआईपी सेंटर दिया गया. एआईसीटीई सीमित संख्या में ही क्यूआईपी सेंटर देती है. क्यूआईपी सेंटर मिलने के बाद विश्वविद्यालय के 10 विभागों को 20 पूर्णकालिक शोधार्थी मिलेंगे, जो विश्वविद्यालय की विभिन्न प्रयोगशालाओं में अनुसंधान का कार्य करेंगे. इससे शोध के क्षेत्र में विश्वविद्यालय की ख्याति राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित हो जाएगी.

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विश्वविद्यालय की शोध गुणवत्ता में निरंतर वृद्धि होगी. शोधार्थियों के वेतन और अन्य भत्ते एआईसीटीई द्वारा वहन किए जाएंगे. क्यूआईपी के तहत शोधार्थी को तीन वर्ष में अपना अनुसंधान कार्य पूर्ण करना होगा.

क्यूआईपी के तहत आर्किटेक्चर, बॉयोमेडिकल इंजीनियरिंग, बॉयोटेक्नोलॉजी, केमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनयरिंग, कंप्यूटर सांइस एण्ड इंजीनयरिंग, इलैक्ट्रानिक्स कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनयरिंग, मैथमेटिक्स व फिजिक्स में दो दो शोधार्थी विश्वविद्यालय में शोध कर सकेंगे.

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