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सोनीपत शराब घोटाला: बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सहित चार मुख्य आरोपी भगोड़े घोषित

खरखौदा शराब घोटाले में न्यायालय ने चार मुख्य आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया है. ये चारों आरोपी करीब डेढ़ महीने से गायब हैं. अब इनके खिलाफ संपत्ति अटैचमेंट और इनामी राशि घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

सोनीपत शराब घोटाला
सोनीपत शराब घोटाला
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Published : Jun 22, 2020, 9:03 PM IST

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाले में मुख्य आरोपी बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सहित चार को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. न्यायालय ने इनको दो महीने से फरार रहने के चलते भगोड़ा घोषित किया है. अब एसआइटी इन पर इनाम घोषित कराने और इनकी संपत्ति अटैच कराने की प्रक्रिया शुरू करेगी. वहीं मुख्य आरोपियों में से एक आबकारी विभाग के पूर्व अनुबंधित कर्मचारी सुनील की अग्रिम जमानत न्यायालय ने स्वीकार कर ली है.

खरखौदा में शराब गोदाम से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की शराब चोरी करके लॉकडाउन के दौरान बेच दी गई थी. इसके मुख्य आरोपी गोदाम का मालिक भूपेंद्र और खरखौदा के एसएचओ जसबीर सिंह हैं. इस मामले में खरखौदा थाने में तीन एफआइआर दर्ज की गई थीं.

इनमें भूपेंद्र, उसका भाई जितेंद्र और दो अन्य साथी, खरखौदा एसएचओ जसबीर सिंह और अरुण कुमार सहित 15 पुलिसकर्मी नामजद थे. इस मामले की जांच प्रदेश स्तरीय एसईटी, मंडल स्तरीय एसआईटी और खरखौदा पुलिस कर रही है. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी भूपेंद्र और खरखौदा थाने के एक एएसआई जयपाल को गिरफ्तार कर लिया था और अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं.

इनकी गिरफ्तारी के लिए तीन दिन पहले ही आइजी ने प्राथमिकता सूची जारी की थी. उसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों के फरार होने की जानकारी सोमवार को न्यायालय को दी. न्यायालय ने इनमें से चार को भगोड़ा घोषित कर दिया है. एसआईटी के अनुसार अब इनकी संपत्ति अटैच करने और इनाम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

सुनील की अग्रिम जमानत स्वीकृत

न्यायालय ने आबकारी विभाग के पूर्व अनुबंधित कर्मचारी सुनील की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है. उसको जांच में सहयोग करने की हिदायत दी गई है. एसआईटी ने सुनील को जांच में शामिल कर लिया है. उसको भी गिरफ्तारी की वरिष्ठता सूची में शामिल किया गया था. सुनील ने एसआईटी से संपर्क कर लिया है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

ये भी पढ़ें- शराब घोटाला: एसआईटी ने आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र को किया गिरफ्तार

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

सोनीपत: खरखौदा शराब घोटाले में मुख्य आरोपी बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर सहित चार को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. न्यायालय ने इनको दो महीने से फरार रहने के चलते भगोड़ा घोषित किया है. अब एसआइटी इन पर इनाम घोषित कराने और इनकी संपत्ति अटैच कराने की प्रक्रिया शुरू करेगी. वहीं मुख्य आरोपियों में से एक आबकारी विभाग के पूर्व अनुबंधित कर्मचारी सुनील की अग्रिम जमानत न्यायालय ने स्वीकार कर ली है.

खरखौदा में शराब गोदाम से करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये की शराब चोरी करके लॉकडाउन के दौरान बेच दी गई थी. इसके मुख्य आरोपी गोदाम का मालिक भूपेंद्र और खरखौदा के एसएचओ जसबीर सिंह हैं. इस मामले में खरखौदा थाने में तीन एफआइआर दर्ज की गई थीं.

इनमें भूपेंद्र, उसका भाई जितेंद्र और दो अन्य साथी, खरखौदा एसएचओ जसबीर सिंह और अरुण कुमार सहित 15 पुलिसकर्मी नामजद थे. इस मामले की जांच प्रदेश स्तरीय एसईटी, मंडल स्तरीय एसआईटी और खरखौदा पुलिस कर रही है. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी भूपेंद्र और खरखौदा थाने के एक एएसआई जयपाल को गिरफ्तार कर लिया था और अन्य आरोपी फरार चल रहे हैं.

इनकी गिरफ्तारी के लिए तीन दिन पहले ही आइजी ने प्राथमिकता सूची जारी की थी. उसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों के फरार होने की जानकारी सोमवार को न्यायालय को दी. न्यायालय ने इनमें से चार को भगोड़ा घोषित कर दिया है. एसआईटी के अनुसार अब इनकी संपत्ति अटैच करने और इनाम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

सुनील की अग्रिम जमानत स्वीकृत

न्यायालय ने आबकारी विभाग के पूर्व अनुबंधित कर्मचारी सुनील की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है. उसको जांच में सहयोग करने की हिदायत दी गई है. एसआईटी ने सुनील को जांच में शामिल कर लिया है. उसको भी गिरफ्तारी की वरिष्ठता सूची में शामिल किया गया था. सुनील ने एसआईटी से संपर्क कर लिया है.

क्या है शराब घोटाला?

सोनीपत के खरखौदा में एक गोदाम से लॉकडाउन के दौरान लाखों रुपये की शराब गायब हुई थी. इस गोदाम में करीब 14 मामलों में पुलिस द्वारा जब्त की गई शराब रखी गई थी, लेकिन मुकदमों के तहत सील करके रखी गई शराब में से 5500 पेटियां लॉकडाउन के दौरान ही गायब हो गई. इस गोदाम में पुलिस ने सीज की हुई शराब भी रखी थी. भूपेंद्र इस गोदाम का ठेकेदार है. ठेकेदार भूपेंद्र को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है.

ये भी पढ़ें- शराब घोटाला: एसआईटी ने आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र को किया गिरफ्तार

कैसे हुई तस्करी?

खरखौदा में बाइपास पर शराब तस्करी के करीब 15 मामलों में नामजद भूपेंद्र का शराब गोदाम है. यह गोदाम भूपेंद्र ने अपनी मां कमला देवी के नाम पर काफी वक्त से किराए पर ले रखा है. आबकारी विभाग और पुलिस ने साल 2019 के फरवरी और मार्च में छापामारी की कार्रवाई करते हुए गोदाम में बड़े स्तर पर अवैध शराब पकड़ी थी. इसके साथ ही सात ट्रकों में पकड़ी गई शराब भी इस गोदाम में रखी गई थी.

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