सोनीपत: डेढ़ साल में बनकर तैयार होने वाला प्रोजेक्ट बीजेपी सरकार में छः साल बीत जाने के बाद भी अधूरा रहने से सरकारी तंत्र की कार्यशैली पर अंगुली उठ रही है.
राष्ट्रीय राजमार्ग का चौड़ीकरण अधर में पड़ा
12 लाइन के बनने वाले इस हाईवे के निर्माण के अधूरे रहने से लोगों को बड़े हादसों का शिकार होना पड़ रहा है. इस प्रोजेक्ट के तहत 8 मेन लेन और 4 सर्विस लेन बनाई जानी थी. चौड़ीकरण का ये प्रोजेक्ट दिल्ली के मुकरबा चौक से लेकर पानीपत तक बनाया जाना था. इसकी डेडलाइन अप्रैल 2019 थी मगर अभी तक इस पर केवल 44 फीसदी काम ही हो पाया है.
इस हाईवे पर जगह-जगह खुदाई होने के कारण अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. राजधानी दिल्ली तक पहुंचने के लिए हरियाणा, पंजाब, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर राज्यों के लोगों को अक्सर हादसों का शिकार होना पड़ता है.
पिछले 4 सालों से हाईवे पर निर्माण कार्य के चलते हुए बड़े हादसों में लोगों ने अपनी जाने तक गवाई हैं. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे होने के कारण इस हाई-वे पर वाहनों की आवाजाही भी अत्याधिक है. 2128 करोड़ का ये प्रोजेक्ट एसले इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड को साल 2015 में दिया गया था, जिसे पीपीपी मोड पर बनाया जाना था. 70 किलोमीटर लंबे इस टुकड़े में 29 छोटे पुल, 10 फ्लाईओवर, 5 पैसेंजर अंडरपास, 11 फुट ओवरब्रिज और 15 रोड जंक्शन बनाए जाने थे.
अप्रैल में शुरू होगा काम-सीएम
अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने दावा किया है कि इस प्रोजेक्ट को दोबारा से अप्रैल माह में शुरू किया जाएगा. साल 2015 में जब इस प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ तब केंद्र और राज्य दोनों ही जगहों पर बीजेपी की सरकार सत्तासीन थी, और आज भी दोनों जगहों पर बीजेपी की ही सरकार है. ऐसे में सवाल उठता है कि जो प्रोजेक्ट डेढ़ साल में पूरा किया जाना था उसे 6 साल बीत जाने के बाद भी पूरा क्यों नहीं करवाया जा सका.
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