पंचकूला: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पंजाब सरकार ने जो किया है, वह निंदनीय है. लोकतंत्र की एक व्यवस्था होती है. उन्होंने जो एकतरफा फैसला लिया है उसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है. इस तरह के फैसले की लोकतंत्र में कोई जगह नहीं है. सीएम ने कहा कि ऐसे कई मुद्दे है जिसका हल बातचीत से हल निकाला जाता है. यह एसवाईएल का मुद्दा है, हिंदी भाषी एरिया अभी तक हरियाणा को नहीं मिला है. पंजाब के मुख्यमंत्री होने के नाते भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल को हरियाणा की जनता से माफी मांगनी चाहिए.
दरअसल, आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को पंजाब विधानसभा में चंडीगढ़ को तुरंत पंजाब को देने का प्रस्ताव (proposal to give chandigarh to punjab) पास किया. इस प्रस्ताव का कांग्रेस, अकाली दल और बसपा ने समर्थन किया. वहीं, बीजेपी ने इसका विरोध किया और मुख्यमंत्री भगवंत मान सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए. पंजाब विधानसभा में प्रस्ताव पास होने के बाद CM भगवंत मान ने कहा कि पंजाब को बचाने के लिए वो संसद के अंदर-बाहर और सड़कों पर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं. इस बारे में वो जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेंगे.
सीएम मनोहर लाल खट्टर शनिवार को पंचकुला में बीजेपी संगठनात्मक बैठक में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि संगठन में किस तरह से काम होना चाहिए, संगठन कैसे मजबूत होगा. साथ ही, प्रदेश में 2024 में होने वाले चुनाव की तैयारियों पर चर्चा चल रही है. इस बैठक में हरियाणा प्रभारी बीएल संतोष, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौदान सिंह, प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ समेत कई मंत्री शामिल हुए हैं.
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