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छोटी काशी भिवानी में अर्ध महाकुंभ की तैयारियां शुरू, 1 लाख 51 हजार लीटर गंगाजल से बनेगा महाप्रसाद - BHIWANI ARDH MAHA KUMBH

भिवानी में अर्ध महाकुंभ की तैयारियां शुरू हो चुकी है. यहां 1 लाख 51 हजार लीटर गंगाजल से महाप्रसाद तैयार किया जाएगा.

Bhiwani Ardh Maha Kumbh
भिवानी में अर्ध महाकुंभ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : 13 hours ago

भिवानी: पूरे देश में महाकुंभ की तैयारियां शुरू हो चुकी है. इसी तरह हरियाणा में भी छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भिवानी शहर के प्राचीन सिद्ध पीठ बाबा जहर गिरी आश्रम में भी अर्ध महाकुंभ की तैयारियां शुरू हो चुकी है. भिवानी जिले में अर्ध महाकुंभ जैसा मेला हर साल लगता है. इसे लेकर एक लाख 51 हजार लीटर गंगाजल से महाभोग का प्रसाद तैयार किया जा रहा है. इसके लिए हरिद्वार "हर की पौड़ी" से अब तक 70 हजार लीटर गंगा जल लाया जा चुका है.

8 जनवरी को होगा भंडारा: इस महाकुंभ का श्रीगणेश पूजा-अर्चना के साथ श्रीमंत डॉक्टर अशोक गिरी महाराज ने 11 पंडितों के मंत्र उच्चारण के साथ किया. भिवानी के हालवास गेट स्थित जहर गिरी आश्रम में आगामी 8 जनवरी को स्वच्छ पर्यावरण को लेकर विशाल यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया जाएगा. भिवानी के जहरगिरी आश्रम के पीठाधीश्वर अंतरराष्ट्रीय श्रीमहंत अशोक गिरी महाराज ने इसकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस भंडारे में प्रयोग होने वाले गंगाजल की पहली खेप आज भिवानी पहुंची, जहां पर हरिद्वार से भिवानी के जहर गिरी आश्रम में आए पावन गंगाजल की श्रद्धालुओं और पंडितों द्वारा पूजा अर्चना की गई.

छोटी काशी भिवानी में अर्ध महाकुंभ की तैयारियां शुरू (ETV Bharat)

भारत में गंगा नदी को बहुत पवित्र माना जाता है. गंगा को माता का दर्जा प्राप्त है. गंगा का महत्व और उसकी पवित्रता के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि गंगाजल में "जीवाणुभोजी" की उपस्थिति की वजह से गंगाजल में कीड़े पनप नहीं पाते. भारतीय ऋषि-महर्षियों को गंगा के वैज्ञानिक महत्व एवं अद्भुत प्राकृतिक संरचना का ज्ञान था. इसी कारण गाीता और अन्य शास्त्र-पुराणों में गंगा भारतीय संस्कृति का प्राण बताया गया है. -अशोक गिरी महाराज, पीठाधीश्वर, जहरगिरी आश्रम

गंगाजल से तैयार होगा महाप्रसाद: पीठाधीश्वर से मिली जानकारी के मुताबिक महाकुंभ में एक लाख 51 हजार लीटर के लगभग गंगाजल से महाभोग का प्रसाद तैयार किया जाएगा. अबतक 70 हजार लीटर गंगाजल लाया जा चुका है, जिसको बड़े-बड़े वाटर टंकियों में रखा गया है. इस जल से 8 जनवरी तक सेवकों संतो और हलवाईयों के द्वारा प्रसाद तैयार किया जाएगा.

ये भी पढ़ें:महाकुंभ : डोम सिटी में रह सकेंगे श्रद्धालु, पर्यटन विभाग ने की तैयारी

भिवानी: पूरे देश में महाकुंभ की तैयारियां शुरू हो चुकी है. इसी तरह हरियाणा में भी छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध भिवानी शहर के प्राचीन सिद्ध पीठ बाबा जहर गिरी आश्रम में भी अर्ध महाकुंभ की तैयारियां शुरू हो चुकी है. भिवानी जिले में अर्ध महाकुंभ जैसा मेला हर साल लगता है. इसे लेकर एक लाख 51 हजार लीटर गंगाजल से महाभोग का प्रसाद तैयार किया जा रहा है. इसके लिए हरिद्वार "हर की पौड़ी" से अब तक 70 हजार लीटर गंगा जल लाया जा चुका है.

8 जनवरी को होगा भंडारा: इस महाकुंभ का श्रीगणेश पूजा-अर्चना के साथ श्रीमंत डॉक्टर अशोक गिरी महाराज ने 11 पंडितों के मंत्र उच्चारण के साथ किया. भिवानी के हालवास गेट स्थित जहर गिरी आश्रम में आगामी 8 जनवरी को स्वच्छ पर्यावरण को लेकर विशाल यज्ञ और भंडारे का आयोजन किया जाएगा. भिवानी के जहरगिरी आश्रम के पीठाधीश्वर अंतरराष्ट्रीय श्रीमहंत अशोक गिरी महाराज ने इसकी तैयारियों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस भंडारे में प्रयोग होने वाले गंगाजल की पहली खेप आज भिवानी पहुंची, जहां पर हरिद्वार से भिवानी के जहर गिरी आश्रम में आए पावन गंगाजल की श्रद्धालुओं और पंडितों द्वारा पूजा अर्चना की गई.

छोटी काशी भिवानी में अर्ध महाकुंभ की तैयारियां शुरू (ETV Bharat)

भारत में गंगा नदी को बहुत पवित्र माना जाता है. गंगा को माता का दर्जा प्राप्त है. गंगा का महत्व और उसकी पवित्रता के बारे में वैज्ञानिकों का मानना है कि गंगाजल में "जीवाणुभोजी" की उपस्थिति की वजह से गंगाजल में कीड़े पनप नहीं पाते. भारतीय ऋषि-महर्षियों को गंगा के वैज्ञानिक महत्व एवं अद्भुत प्राकृतिक संरचना का ज्ञान था. इसी कारण गाीता और अन्य शास्त्र-पुराणों में गंगा भारतीय संस्कृति का प्राण बताया गया है. -अशोक गिरी महाराज, पीठाधीश्वर, जहरगिरी आश्रम

गंगाजल से तैयार होगा महाप्रसाद: पीठाधीश्वर से मिली जानकारी के मुताबिक महाकुंभ में एक लाख 51 हजार लीटर के लगभग गंगाजल से महाभोग का प्रसाद तैयार किया जाएगा. अबतक 70 हजार लीटर गंगाजल लाया जा चुका है, जिसको बड़े-बड़े वाटर टंकियों में रखा गया है. इस जल से 8 जनवरी तक सेवकों संतो और हलवाईयों के द्वारा प्रसाद तैयार किया जाएगा.

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