सोनीपत: खेड़ी दहिया गांव के पास एक ईंट भट्टे से खरखौदा के नायब तहसीलदार ने 61 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया. इन बंधुआ मजदूरों में पुरुष, महिला और बच्चे भी शामिल थे. मजदूरों की ओर से राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग को दी गई थी. जिस पर प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई.
राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की तरफ से पत्र लिखकर ईंट भट्ठे पर मजदूरों को बंधक बनाकर रखने की सूचना दी गई थी. जिसमें कहा गया था कि भट्ठा मालिक उन्हें काम करने का हवाला देकर भट्ठे पर लाया था, लेकिन उन्हें वापस नहीं जाने दे रहा है. इसके साथ ही अगर ये लोग पैसे मांगते हैं तो उनसे मारपीट की जा रही है. इन मजदूरों में कई लोग बीमार हैं. जिनका इलाज भी नहीं किया जा रहा.
शिकायतकर्ता का आरोप है कि ईंट भट्ठा मालिक उन्हें पिस्तौल दिखाकर जान से मारने की धमकी तक दे रहा है. शिकायत का संज्ञान लेते हुए अनुसूचित जाति आयोग की तरफ से मजदूरों को बंधन मुक्त करवाने के आदेश जारी किए गए थे. जिस पर मंगलवार को नायब तहसीलदार प्रेम प्रकाश और उनकी टीम खेड़ी दहिया स्थित नारायण ईंट भट्ठे पर पहुंची.
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खरखौदा नायब तहसीलदार प्रेम प्रकाश ने बताया कि एसडीएम द्वारा उन्हें सूचना मिली थी कि नारायण ईंट भट्टे पर कुछ मजदूरों को बंधुआ बनाकर रखा गया है. सूचना पाकर खरखौदा तहसील की टीम मौके पर पहुंची और 61 बंधुआ मजदूरों को उनके सामान सहित 4 गाड़ियों में यूपी भेजा गया. इसके अलावा लेबर इंस्पेक्टर धर्मबीर राठी, फूड इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह और पुलिस बल इस दौरान मौजूद रहा.