सोनीपत: एशियन गेम्स में पहलवान बजरंग पूनिया का बिना ट्रायल सिलेक्शन का मामला तूल पकड़ रहा है. पहलवान बजरंग पूनिया और विशाल कालीरमण के बीच चल रहे विवाद पर रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रतिक्रिया दी. सीएम मनोहर लाल ने इस मुद्दे पर पहलवान विशाल कालीरमण का पक्ष लिया है. उन्होंने कहा कि जिसका अधिकार बनता है. उसको ही मिलना चाहिए.
जिसका अधिकार है उसी को मिलेगा. इसके लिए चाहे हमको स्पेशल कमेटी बनानी पड़े. जो खिलाड़ी जीत कर आया है. उसका अधिकार बनता है. बिना उसके वैसे ही कोई चयन करके आएगा तो वो ठीक नहीं है. मुझे लगता है कि विशाल कालीरमण को आगे जाना चाहिए, क्योंकि वो मैच जीतकर वहां पहुंचा है. अगर इस मामले में हमें चयन समिति तक जाना पड़े तो जाएंगे. जिसका अधिकार बनता है उसको मिलना चाहिए- मनोहर लाल मुख्यमंत्री हरियाणा
क्या है पूरा मामला: बता दें कि एशियन गेम्स में पहलवान बजरंग पूनिया का बिना ट्रायल सिलेक्शन हुआ है. अगर बजरंग पूनिया का डायरेक्ट सिलेक्शन नहीं होता, तो विशाल को उनकी जगह मिलती. क्योंकि विशाल ने नियमों के अनुसार अपने मुकाबले जीतकर दावेदारी पेश की थी. इसलिए विशाल ने इसके खिलाफ नाराजगी जाहिर की थी. इसको लेकर पहलवान विशाल के परिजन बजरंग पूनिया के खिलाफ प्रदर्शन भी कर चुके हैं.
दरअसल रविवार को सिसाना गांव सोनीपत में गौशाला का वार्षिक उत्सव मनाया गया. जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिले में एक कमेटी बनाई जाएगी. जो सड़कों पर बेसहारा गोधन को गौशाला में पहुंचने का काम करेगी. हर गांव में गोचरण भूमि खाली करवा दी जाएगी. सीएम ने कहा कि सिसाना गांव गौशाला की तरफ से बनाए गए कमेटी ने जो भी मांग रखी है. उसे पूरा किया गया है.
हरियाणा की सबसे बड़ी गौशाला में से एक गौशाला सिसाना की है. जहां पर हजारों गोवंश की सेवा हो रही है. सीएम ने कहा कि गौशाला कमेटी लेखा-जोखा जरूर रखें, क्योंकि प्रधान 7 हजार गौवंश बता रहे हैं और शुरू में 4 हजार गोधन बताया गया था, क्योंकि सरकार गायों की संख्या के आधार पर अनुदान देती है. उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार आई प्रदेश में 215 गौशाला थी. अब इनकी संख्या 649 हो गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार लाख पशुधन सड़कों पर है. जिन्हें लोग कुछ नहीं देते और गंदगी में अपना खाना ढूंढते हैं. आवारा गोधन के कारण कई हादसे भी हो जाते है. जान भी चली जाती है. इसके समाधान के लिए हमने गोचरण भूमि खाली कराई जाएगी. फिलहाल इस साल के 30 लाख रुपये गौशाला को दे दी जाएंगी. 11 लाख रुपये संसद की तरफ से और 9 लाख रुपये विधायक की तरफ से दिया गया है. वहीं गौ सेवा के लिए जो भी काम करेगा. उसके लिए सरकार खड़ी है.