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लॉकडाउन की वजह से एग्रीकल्चर दुकानों पर भी पड़ रहा बुरा असर - एग्रीकल्चर यंत्र दुकानें घाटा गोहाना

लॉकडाउन के कारण खेती संबंधी सामान बेचने वाली दुकानों पर भी बुरा असर पड़ रहा है. एग्रीकल्चर दुकानों के मालिकों का कहना है कि फसल की कटाई ना होने के कारण खेतीबाड़ी के सामान भी नहीं बिक रहे हैं, हमें काफी नुकसान हो रहा है.

agriculture machinery shops
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Published : Apr 9, 2020, 2:44 PM IST

सोनीपत: गोहाना में एग्रीकल्चर का सामना बेचने वाली दुकानों पर भी कोरोना वायरस महामारी का असर पड़ा है. लॉकडाउन होने की वजह से एग्रीकल्चर यंत्र बनाने वाली दुकानों पर किसान खरीद करने नहीं पहुंच रहे.

गेहूं की कटाई का समय शुरू हो चुका है और इन दिनों में गेहूं काटने के लिए कृषि यंत्र की बिक्री ज्यादा होती थी लेकिन अब लॉकडाउन के होने की वजह से बिक्री बिल्कुल वक्त कम है जिससे कारीगरों ने पहले ही काफी पैसे खर्च कर कर यंत्र तैयार कर रखे हैं और अब वह बिल्कुल कम बिक रहे हैं.

लॉकडाउन की वजह से एग्रीकल्चर दुकानों पर भी पड़ रहा बुरा असर.

दुकानदार सुरेश पांचाल ने बताया कि इन दिनों में गेहूं की फसल के काटने के लिए काम आने वाली दररांती यंत्र की बिक्री बहुत होती थी लेकिन जहां 1 दिन में 4 पेटियां बिक जाती थी लेकिन अब सिर्फ दो या कम पेटियां ही बिक रही हैं जिससे लागत भी पूरी नहीं हो रही और लॉकडाउन होने की वजह से खरीद बिल्कुल कम हो चुकी है और अबकी बार काफी नुकसान होने वाला है.

ये भी पढे़ं- विदेशी जमाती बने हरियाणा में कोरोना के 'सुपर स्प्रेडर', मेवात बना केन्द्र, पढ़िए ईटीवी भारत की पड़ताल

सोनीपत: गोहाना में एग्रीकल्चर का सामना बेचने वाली दुकानों पर भी कोरोना वायरस महामारी का असर पड़ा है. लॉकडाउन होने की वजह से एग्रीकल्चर यंत्र बनाने वाली दुकानों पर किसान खरीद करने नहीं पहुंच रहे.

गेहूं की कटाई का समय शुरू हो चुका है और इन दिनों में गेहूं काटने के लिए कृषि यंत्र की बिक्री ज्यादा होती थी लेकिन अब लॉकडाउन के होने की वजह से बिक्री बिल्कुल वक्त कम है जिससे कारीगरों ने पहले ही काफी पैसे खर्च कर कर यंत्र तैयार कर रखे हैं और अब वह बिल्कुल कम बिक रहे हैं.

लॉकडाउन की वजह से एग्रीकल्चर दुकानों पर भी पड़ रहा बुरा असर.

दुकानदार सुरेश पांचाल ने बताया कि इन दिनों में गेहूं की फसल के काटने के लिए काम आने वाली दररांती यंत्र की बिक्री बहुत होती थी लेकिन जहां 1 दिन में 4 पेटियां बिक जाती थी लेकिन अब सिर्फ दो या कम पेटियां ही बिक रही हैं जिससे लागत भी पूरी नहीं हो रही और लॉकडाउन होने की वजह से खरीद बिल्कुल कम हो चुकी है और अबकी बार काफी नुकसान होने वाला है.

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