नूंह: पूरे देश में तबलीगी जमात मरकज की चर्चा है. वजह है मरकज से लौटे लोगों के चलते देश में कोरोना का कहर बढ़ गया. पॉजिटिव मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई. हरियाणा का मेवात क्षेत्र भी कोरोना संक्रमितों का केन्द्र बन गया है. हरियाणा में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित मरीज पलवल और नूंह जिले से पाए गए हैं. चौकाने वाली बात ये है कि नूंह में जो भी पॉजिविट जमाती मरीज मिले हैं वो विदेशी हैं या फिर देश के दूसरे राज्यों के.
हरियाणा का मेवात क्षेत्र मुस्लिम बहुल्य है. इस इलाके में नूंह और पलवल जिले के हिस्से आते हैं. पूरे हरियाणा में कुल 7 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है, तो वहीं मेवात में 70 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है. वहीं मेवात से दिल्ली निजामुद्दीन सिर्फ 100 किमी की दूरी पर स्थित है. इसीलिए तबलीगी जमातों का नूंह और पलवल जिला हमेशा केंद्र रहा है. तबलीगी जमात की शुरुआत भी मेवात से ही हुई थी. इन दोनों जिलों खासकर नूंह से रोजाना सैकड़ों लोग तबलीगी जमात में हिस्सा लेने आते जाते रहते हैं.
नूंह में कितने लोग सर्विलांस पर?
नूंह जिले में मरकज से लौटे 1205 यात्री सर्विलांस पर हैं. जिसमें से 60 लोगों का निगरानी में रखने का पीरियड पूरा हो चुका है. 1145 लोग अभी भी अंडर सर्विलांस है. अब तक 355 लोगों के सैंपल लैब में भेजे जा चुके हैं. जिनमें से 253 की रिपोर्ट नेगेटिव मिली है. जबकि 65 की रिपोर्ट आनी बाकी है. अब तक 37 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं.
इन 37 पॉजिटिव केसों में केरल के 5, श्रीलंका के 6, दक्षिण अफ्रीका का 1, इंडोनेशिया 1, थाईलैंड 1, जम्मू-कश्मीर 3, बिहार 5, यूपी 5 , महाराष्ट्र 2, तमिलनाडू 2, आंध्र प्रदेश 2, मध्य प्रदेश 1, तथा नूंह जिले का 3 शामिल है.
नूंह के 36 गांव कंटेनमेंट घोषित- उपायुक्त
नूंह उपायुक्त पंकज यादव ने बताया- स्वास्थ्य विभाग किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है. जिला स्तर पर सभी मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ को कोरोना- 19 की रोकथाम और प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित किया गया है. मंगलवार(7 अप्रैल) शाम तक हमारे जिले में 37 केस सामने आ चुके हैं. इनमें एक ड्राइवर यहीं का है, बाकी सभी बाहर के केस हैं. ऐसे 36 गांव हैं जिनमें डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग की जा रही है. इन गांवों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है.'
कुछ जमाती छिपे हुए हो सकते हैं- उप सिविल सर्जन
नूंह जिले के उप सिविल सर्जन डॉ. अरविंद ने इस बारे में बताया कि, 'जिले में जितने भी केस सामने आए हैं सभी जमात से ताल्लुक रखते हैं. हालांकि कुछ लोग अभी भी नूंह में छिपे हो सकते हैं, लेकिन कुछ लोग खुद सामने आए थे. वहीं जो लोग खुद सामने नहीं आए उनके बारे में दूसरे लोगों ने जानकारी दी.'
पलवल में 600 से ज्यादा लोग निगरानी में
पलवल जिला मेवात इलाके में ही आता है. जिले के एसएमओ डॉ. अजय माम ने मुताबिक '600 से ज्यादा लोगों को निगरानी में रखा गया है. लोग इस बीमारी को हल्के में ना ले. पलवल नूंह के बाद प्रदेश का दूसरा जिला है जिला बन गया है जहां सबसे अधिक कोरोना पॉजिटिव केस मिल चुके हैं. पलवल पुलिस ने 89 जमातियों को पकड़ा था. विभाग ने इनकी कोरोना जांच करवाई तो पहले तीन लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए और फिर बाद में एक के बाद एक मामले बढ़ते गए.'
हथीन के 9 गांव कंटेनमेंट और 27 गांव बफर जोन घोषित
पलवल जिले में कोरोना पॉजिटिव मामलों की बढ़ोत्तरी को देखते हुए जिला प्रशासन ने हथीन क्षेत्र के 9 गांवों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. इन गावों के साथ लगते 27 गांव बफर जोन घोषित किए गए हैं. कंटेनमेंट और बफर जोन में आने वाले सभी गांवों की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है. कंटेनमेंट एरिया के गांवों में डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग की जा रही है.
टेस्टिंग के साथ बढ़ सकते हैं मामले
इन इलाकों में अभी कोरोना पॉजिटिव मामले की संख्या बढ़ने की आशंका है. क्योंकि अभी कई लोगों की जांच बाकी है. कई लोगों के सैंपल भेजे गए हैं जिनकी रिपोर्ट का इंतजार है. नूंह और पलवल में कोरोना टेस्ट लैब नहीं है. मरीजों के सैंपल रोहतक पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस(पीजीआई) में भेजी जाती है. नूंह के नल्हड़ मेडिकल कॉलेज को हरियाणा सरकार ने आइसोलेशन के लिए कोविड-19 अस्पताल घोषित कर दिया है. हरियाणा सरकार ने तीन सरकारी और तीन प्राइवेट संस्थानों में टेस्ट की व्यवस्था की है. वहीं 5 नए टेस्टिंग केन्द्र बनाने का आदेश दिया है.
मेडिकल व्यवस्था कैसी है?
नूंह के सिविल अल हाफिया अस्पताल में सैंपल लिए जा रहे हैं. जहां डॉक्टर्स लोगों की जांच के बाद मरीज को नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में भेजा रहे हैं. नूंह में फिलहाल 4 शिक्षण संस्थानों को क्वांरनटाइन सेंटर्स बनाया गया है. करीब 150-200 संदिग्ध मरीजों को हर सेंटर में रखा गया. वहीं नूंह के 'संसुद्दीन रहना हॉस्टल' में 70 विदेशियों को रखा गया है. भविष्य में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका से 4 और स्थानों को क्वांरनटाइन सेंटर्स बनाने के लिए चिन्हित किया है.
दारुल उलूम हुसैनिया मांडीखेड़ा मदरसा के मौलवी मुफ्ती रफीक अहमद का कहना है कि, 'जमात मुसलमानों में फैली सामाजिक बुराइयों को दूर करने के लिए हर संभव कोशिश करती है. जब देश में लॉकडाउन का ऐलान हुआ तो जमात जिस जगह पर थी, वहीं पर रह गई. ऐसा नहीं है कि लोगों के संपर्क में यह पहली बार आए हों, जमात का काम है ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलना, तो मरकज से आए जमाती धर्म चर्चा के लिए काफी लोगों से मिले.'
मरकज नहीं, दिल्ली सरकार की विफलता- राजुद्दीन, समाजसेवी
नूंह जिले के समाजसेवी राजुद्दीन का कहना है कि, 'नूंह तथा पलवल जिले कोरोना का केंद्र बनने की वजह से इन जिलों में रहने वाले आम मुसलमानों को भी अब टारगेट किया जा रहा है, लेकिन मुस्लिम समाज का हौसला और इमान तबलीगी जमात को लेकर खत्म नही हुआ है. वहां पर जैसे संक्रमण फैला वो निजामुद्दीन के तबलीगी जमात का फेलियर नहीं है ये दिल्ली सरकार का फेलियर है.'
पुलिस ने अपनाया कंटेनमेंट प्लान
निजामुद्दीन मरकज का मामला सामने आने के बाद हरियाणा पुलिस और खुफिया विभाग सतर्क हो गया. जिलों की सीमाएं सील कर दी गईं. साथ ही मरकज से जुड़े लोगों की तलाश शुरू कर दी गई. मुस्तैदी के साथ पुलिस ने उन ज्यादातर लोगों को ढूढ़ निकाला जो निजामुद्दीन मरकज में हिस्सा लेकर लौटे थे. मामले बढ़ने के साथ ही पुलिस ने त्रिस्तरीय फॉर्मूले पर काम किया. पलवल और नूंह के कई गांवों को कंटेनमेंट एरिया और कई गांवों को बफर जोन घोषित किया गया. इसके तहत कंटेनमेंट एरिया के एक किलोमीटर के अंदर डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग शुरू की गई. और तीन किलोमीटिर के दायरे में लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री की पड़ताल की गई. मरकज से लौटे लोगों को चेतावनी दी गई कि वो खुद सामने आकर अपनी जांच कराएं. स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम ने मिलकर मेवात के धर्म गुरुओं से भी संपर्क किया. जिससे ये काम थोड़ा आसान हुआ.
गृहमंत्री की चेतावनी
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखकर एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं. विज ने हरियाणा में टेस्टिंग लैब की संख्या फौरी तौर पर बढ़ाई. वहीं स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह मुस्तैद रखा. अनिल विज ने मरकज से लौटे सभी जमातियों को चेतावनी भी दी कि अगर वो खुद टेस्ट के लिए सामने नहीं आए तो उनके खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज किया जायेगा.