सोनीपत: चैरिटेबल ट्रस्ट की मेहनत के चलते 12 साल बाद एक परिवार को उसका सदस्य मिल गया है.
जानकारी के मुताबिक, 12 साल पहले सड़कों पर भटकते हुए एक भिखारी सोनीपत पहुंचा था. उसके बाद जितेंद्र जोकि कोशिश चैरिटेबल ट्रस्ट चलाते हैं. उन्होंने मुरलीधर को अपने पास रख लिया और उसे खाने-पीने और रहने के लिए जगह दी, करीब 9 साल बाद मुरलीधर ने एक कागज के टुकड़े पर अपने घर का पता लिख दिया.
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भिखारी निकला छत्तीसगढ़ का व्यापारी
इसके बाद पता चला कि वह भिखारी असल में छत्तीसगढ़ का एक व्यापारी था. जोकि व्यापार में घाटे के चलते मानसिक रूप से परेशान हो गया था और घर से निकल गया था.
12 साल बाद मुरलीधर परिवार से मिला
इसके बाद लिखे पते पर घर वालों को बुलाया गया और व्यापारी मुरलीधर को उसके घर वालों को सौंप दिया गया. घरवालों ने संस्था का तहे दिल से धन्यवाद किया है.