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Women’s Day Special: हरियाणा की ये महिला किसान बन रही बाकी किसानों के लिए रोल मॉडल, लाखों में है आमदनी

Women’s Day Special: विश्व महिला दिवस पर 'ईटीवी भारत' लाया है, आपके लिए खास पेशकश 'अस्तित्व'. अस्तित्व में आज हम आपको मिलवाएंगे हरियाणा की एक महिला किसान से परम्परागत खेती छोड़कर झींगा मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया और आज उनकी कमाई लाखों में है.

Sirsa female farmer fish farming
Sirsa female farmer fish farming
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Published : Mar 5, 2022, 9:18 PM IST

सिरसा: भारतीय संस्कृति में नारी सम्मान को बहुत महत्व दिया गया है. यहां तक कि वेदों में भी लिखा है कि 'यत्र नार्यस्तु पूज्यंते तत्र रमंते देवता:', अर्थात जहां नारियों की पूजा होती है, वहां देवताओं का निवास माना जाता है. इतना ही नहीं नारी को बलिदान का रूप भी कहा जाता है. अगर भारतीय इतिहास को खंगाला जाए, तो महिलाओं द्वारा किए गए कई ऐसे कार्य है जिनकी बदौलत नारियों ने अपनी अलग पहचान बना ली है. चाहे उनमें रानी लक्ष्मीबाई हो, कल्पना चावला हो, सुष्मा स्वराज हो, लता मंगेशकर हो. इन सबने महिला शक्ति को एक अलग ही बल प्रदान करने का काम किया है. जिसकी बदौलत आज महिलाएं किसी की मोहताज नहीं रह गई है. आज हम आपको सिरसा की एक ऐसी ही महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से अपने आसपास के क्षेत्र में अलग ही मिसाल कायम कर दी है.

प्रदेश के लिए मिसाल बनीं ये महिला किसान- सिरसा जिले के ऐलनाबाद क्षेत्र के गांव कर्मशाना की रहने वाली महिला किसान सुमित्रा ने पिछले साल ही झींगा मछली पालन (Sirsa prawn fish farming) का व्यवसाय शुरू किया है. सुमित्रा को इससे परम्परागत खेती से कई गुना ज्यादा मुनाफा हुआ. ईटीवी भारत की टीम ने जब गांव कर्मशाना में जाकर महिला किसान सुमित्रा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए अपना व्यवसाय शुरू करना आसान नहीं है, लेकिन उन्होंने किया है. पिछले साल ही झींगा मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया था. उन्होंने बताया कि पिछले साल ढाई एकड़ में उन्होंने यह व्यवसाय किया था. मुनाफे को देखते हुए इस बार वह 5 एकड़ में काम शुरू करेंगी.

हरियाणा की ये महिला किसान बन रही बाकी किसानों के लिए रोल मॉडल, लाखों में है आमदनी

हालांकि झींगा मछली का व्यवसाय अप्रैल के महीने से शुरू होता है, लेकिन सुमित्रा द्वारा अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. जिले में सुमित्रा के साथ-साथ जिन किसानों ने झींगा मछली उत्पादन का व्यवसाय शुरू किया, उनमें से सुमित्रा ने अव्वल स्थान प्राप्त किया. जिसके बाद सुमित्रा को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा सम्मानित भी किया गया था. उन्होंने बताया कि हमें इंटरनेट, अखबार व मेलों के माध्यम से इस व्यवसाय के बारे में पता चला. जिसके बाद हमने मत्स्य विभाग के अधिकारियों से इस विषय को लेकर बातचीत की तो उन्होंने हमें विस्तार से समझाया. इसके बाद हमने ये व्यवसाय शुरू किया था.

Sirsa female farmer fish farming
किसान सुमित्रा झींगा मछली पालन करती हैं.

ये भी पढ़ें- Women’s Day Special : 8 साल की जोया का सपना पूरा, पायलट बन कई लोगों की बनीं प्रेरणा

इस तरह शुरू किया ये व्यवसाय- उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत ये व्यवसाय शुरू किया. सरकार द्वारा महिलाओं को इस व्यसाय में 60 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाती है. उन्होंने बताया कि जब ढाई एकड़ में यह व्यवसाय हमने शुरू किया था उससे हमें 32 लाख रुपए का मुनाफा हुआ था. आने वाले सीजन में हम 5 एकड़ में यह व्यवसाय शुरू करेंगे. उन्होंने बताया कि खारा पानी होने की वजह से दूसरी खेती बहुत ही कम मात्रा में होती है और ये झींगा मछली व्यवसाय खारे पानी में ही होती है. खारे पानी का फायदा उठाते हुए ही हमने ये व्यवसाय शुरू किया था.

Sirsa female farmer fish farming
झींगा मछली

इसके लिए चेन्नई से 3 लाख झींगा मछली के बच्चे लेकर आए थे और 106 दिनों के बाद करीब 32 लाख का मुनाफा हुआ था. बाजार के अलावा वे कई कंपिनयों को भी झींगा मछली बेचती हैं. उन्होंने बताया कि 120 दिनों के बाद जब कंपनी वाले फसल खरीदने के लिए आते हैं तो फसल गाड़ियों में डालने से पहले ही हमारे पैसे हमारे एकाउंट में आ जाते हैं, उसके बाद ही फसल लेकर जाते हैं. उन्होंने बताया कि यहां की मछली की मांग विदेशों में बहुत ज्यादा है, खासकर यूरोप और अरब में इसका निर्यात ज्यादा हो रहा है. बहरहाल, किसान सुमित्रा बाकी लोगों के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं, और उनके गांव और आसपास के कई किसान भी इस व्यवसाय की ओर बढ़ रहे हैं.

ये भी पढ़ें- अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 2022: घूंघट में ही रह जाता शारदा सिन्हा का टैलेंट...अगर सास से ना मिलता चैलेंज

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प्रदेश के लिए मिसाल बनीं ये महिला किसान- सिरसा जिले के ऐलनाबाद क्षेत्र के गांव कर्मशाना की रहने वाली महिला किसान सुमित्रा ने पिछले साल ही झींगा मछली पालन (Sirsa prawn fish farming) का व्यवसाय शुरू किया है. सुमित्रा को इससे परम्परागत खेती से कई गुना ज्यादा मुनाफा हुआ. ईटीवी भारत की टीम ने जब गांव कर्मशाना में जाकर महिला किसान सुमित्रा से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए अपना व्यवसाय शुरू करना आसान नहीं है, लेकिन उन्होंने किया है. पिछले साल ही झींगा मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया था. उन्होंने बताया कि पिछले साल ढाई एकड़ में उन्होंने यह व्यवसाय किया था. मुनाफे को देखते हुए इस बार वह 5 एकड़ में काम शुरू करेंगी.

हरियाणा की ये महिला किसान बन रही बाकी किसानों के लिए रोल मॉडल, लाखों में है आमदनी

हालांकि झींगा मछली का व्यवसाय अप्रैल के महीने से शुरू होता है, लेकिन सुमित्रा द्वारा अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. जिले में सुमित्रा के साथ-साथ जिन किसानों ने झींगा मछली उत्पादन का व्यवसाय शुरू किया, उनमें से सुमित्रा ने अव्वल स्थान प्राप्त किया. जिसके बाद सुमित्रा को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा सम्मानित भी किया गया था. उन्होंने बताया कि हमें इंटरनेट, अखबार व मेलों के माध्यम से इस व्यवसाय के बारे में पता चला. जिसके बाद हमने मत्स्य विभाग के अधिकारियों से इस विषय को लेकर बातचीत की तो उन्होंने हमें विस्तार से समझाया. इसके बाद हमने ये व्यवसाय शुरू किया था.

Sirsa female farmer fish farming
किसान सुमित्रा झींगा मछली पालन करती हैं.

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इस तरह शुरू किया ये व्यवसाय- उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत ये व्यवसाय शुरू किया. सरकार द्वारा महिलाओं को इस व्यसाय में 60 प्रतिशत सब्सिडी भी दी जाती है. उन्होंने बताया कि जब ढाई एकड़ में यह व्यवसाय हमने शुरू किया था उससे हमें 32 लाख रुपए का मुनाफा हुआ था. आने वाले सीजन में हम 5 एकड़ में यह व्यवसाय शुरू करेंगे. उन्होंने बताया कि खारा पानी होने की वजह से दूसरी खेती बहुत ही कम मात्रा में होती है और ये झींगा मछली व्यवसाय खारे पानी में ही होती है. खारे पानी का फायदा उठाते हुए ही हमने ये व्यवसाय शुरू किया था.

Sirsa female farmer fish farming
झींगा मछली

इसके लिए चेन्नई से 3 लाख झींगा मछली के बच्चे लेकर आए थे और 106 दिनों के बाद करीब 32 लाख का मुनाफा हुआ था. बाजार के अलावा वे कई कंपिनयों को भी झींगा मछली बेचती हैं. उन्होंने बताया कि 120 दिनों के बाद जब कंपनी वाले फसल खरीदने के लिए आते हैं तो फसल गाड़ियों में डालने से पहले ही हमारे पैसे हमारे एकाउंट में आ जाते हैं, उसके बाद ही फसल लेकर जाते हैं. उन्होंने बताया कि यहां की मछली की मांग विदेशों में बहुत ज्यादा है, खासकर यूरोप और अरब में इसका निर्यात ज्यादा हो रहा है. बहरहाल, किसान सुमित्रा बाकी लोगों के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं, और उनके गांव और आसपास के कई किसान भी इस व्यवसाय की ओर बढ़ रहे हैं.

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