सिरसा: एक तरफ तो घग्गर नदी में पानी की बढ़ती मात्रा को देख किनारे पर बसने वाले लोगों की सांस थमी हुई हैं, वहीं दूसरी ओर ओटू हेड से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर किसान सिंचाई के पानी के लिए तरस रहे हैं. इस विषय में जब किसानों ने शिकायत की तो सिंचाई विभाग के अधिकारी मौके का मुआयना करने पहुंचे तो किसानों ने अधिकारी को खरी-खरी सुनाई.
किसानों का कहना है कि ओटू हेड से 2 नहरें निकलती हैं, जिनको दक्षिणी घग्गर कैनाल का नाम दिया गया है. एक नहर तो भाखड़ा के पानी के लिए तो दूसरी नहर घग्गर के पानी के लिए निकाली गई है. ये दोनों नहरें करीब 2 दर्जन गांवों के किसानों को सिंचाई के लिए पानी देती हैं. इन दोनों नहरों की टेल तलवाडा गांव व बेहरवाला गांव में है.
अब दोनों नहरों में पानी घग्गर का ही छोड़ा जा रहा है, लेकिन जितनी पानी की मात्रा दोनों नहरों की है. उससे बहुत कम पानी नहरों में छोड़ा जा रहा है, ऐसे में टेल पर पानी नहीं पहुंच पाता.
ये भी पढ़ें- चंडीगढ़: सीएम मनोहर लाल ने लगाया जनता दरबार, सुनी लोगों की समस्याएं
टेल पर पड़ने वाले किसानों ने शिकायत की तो विभाग के कर्मचारियों ने ओटू हेड के पास पड़ने वाले गांवों बुढीमेडी, खुह अमृतसर, मिर्जापुर, ठोबरियां जैसे अनेकों गांवों के मोगे बंद करवा दिए ताकि टेल तक पानी पहुंच जाए. लेकिन नहर की सही से खुदाई ना होने के कारण पानी वहां भी नहीं पहुंचा.
ऐसे में विभाग दोनों तरफ से किसानों को सिंचाई के लिए पानी वंचित रख रहा है. किसानों ने अधिकारी से मांग की है कि उनकी इस समस्या का स्थाई समाधान निकाला जाए जिससे कि सभी गांवों के किसानों को कोई समस्या ना हो.
वहीं जब अधिकारी से बात करनी चाही तो उन्होंने देरी होने का बहाना बना लिया और चलते बने. लेकिन जब किसान से पूछा गया कि अधिकारी ने क्या आश्वासन दिया है तो किसान ने बताया कि अधिकारी ने दो दिन में समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है.