सिरसा: प्रदेशभर में तीन हजार के आसपास कर्मचारियों को नौकरी से हटा देने के चलते पिछले काफी समय से अलग-अलग विभाग के कर्मचारियों द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. कर्मचारियों की सुनवाई न होने के चलते आज कर्मचारियों ने सिरसा के बस स्टैंड के निकट त्रिकोण पार्क में एकत्रित होकर लघु सचिवालय तक रोष मार्च (sirsa workers protest) निकाला. सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले आज प्रत्येक विभाग के कर्मचारियों ने इस प्रदर्शन में बढ़-चढ़कर भाग लिया.
प्रदर्शनकारियों में स्वास्थ्य विभाग की महिलाओं द्वारा तपति धूप के अंदर पीपीई किट पहनकर प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शनकारियों के कहना है कि सरकार द्वारा हमें कोरोना योद्धा का दर्जा दिया गया था, लेकिन अब जब कोरोना जैसी महामारी से हम निपट चुके हैं तो सरकार ने हमें भी नौकरियों से निकाल दिया है. उनका कहना है कि हमें कौशल विभाग में शामिल न करके स्थाई रोजगार दिया जाना चाहिए. सर्व कर्मचारी संघ के जिला सचिव राजेश भाकर ने बताया कि सरकार ने स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभागों के कुल तीन हजार के आसपास कर्मचारियों को ड्यूटी से बर्खास्त कर दिया है जिसको लेकर कर्मचारियों द्वारा लगातार अपने-अपने विभागों में धरने प्रदर्शन किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि आज स्टेट कमेटी के आह्वान पर समस्त कर्मचारी यूनियनों ने सर्व कर्मचारी संघ के बैनर तले एकत्रित होकर रोष मार्च निकाला है. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कौशल विभाग का गठन किया गया है जिसके अंदर प्रत्येक कर्मचारी को केवल 11 महीनों के लिए ड्यूटी पर रखा जाएगा और 11 महीनों के बाद अधिकारी निर्णय लेंगे कि किसे रखना है और किसे हटाना है. उन्होंने बताया कि कौशल रोजगार के तहत किसी भी कर्मचारी को कभी स्थाई रोजगार नहीं मिल पाएगा.
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उन्होंने बताया कि एसएस बोर्ड को खत्म करने के लिए ही सरकार ने इस विभाग का गठन किया है. सरकार कर्मचारियों को कौशल विभाग में शामिल करने का काम करेगी जबकि हम यह कभी होने नहीं देंगे. उन्होंने बताया कि हमारी सरकार से यही मांग है कि कर्मचारियों को कौशल विभाग में शामिल न करके बल्कि उन्हें पक्की नौकरी दी जाए. साथ ही आंगनवाड़ी वर्करों के साथ जो सरकार की बातचीत हुई थी उसके बाद अभी भी वर्करों को बर्खास्तगी के नोटिस दिए जा रहे हैं. सरकार ये सब करना बंद करे. आज हमने उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. यदि अभी भी सरकार नहीं मानती तो आने वाली 20 अप्रैल को प्रदेशभर के तमाम कर्मचारी एकत्रित होकर एक बड़ा आंदोलन करेंगे. जिसकी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी.
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