सिरसा: जिले के डबवाली रोड स्थित एक निजी अस्पताल में देर रात हंगामा हो (Sirsa Hope hospital) गया. हंगामें की वजह यह थी कि अस्पताल में एक 9 साल के बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई. बच्चे के परिवारवालों ने अस्पताल प्रबंधन पर बच्चे की मृत्यु होने के बाद भी इलाज का बहाना लगाकर पैसे ऐंठने के आरोप लगाए (Hope hospital accused of extorting money) हैं. परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टरों ने बच्चे की मौत की खबर तक उन्हें नहीं दी.
परिजनों को जब शक हुआ तो उन्होंने शाक्या समाज के प्रधान मान सिंह शाक्या को मामले के बारे में बताया. जिसके बाद मान सिंह ने प्रतिनिधि भेजकर मामले के बारे में जानकारी ली. इस पर पता चला कि बच्चे को मौत हो चुकी थी और डेढ़ घंटे से इलाज के नाम पर डॉक्टर ड्रामा कर रहे थे और सिर्फ उनसे पैसे ऐंठ रहे (9 years child died in sirsa) थे. विवाद तब बढ़ा जब अस्पताल की तरफ से एंबुलेंस बुलाकर शव को सिविल हॉस्पिटल पहुंचाने की तैयारी की गई.
जिसके बाद आईएमए प्रधान आशीष खुराना भी मौके पर आए और विवाद कर रहे पक्ष को समझाने का प्रयास किया.मीडिया से बातचीत में शाक्या समाज के प्रधान मान सिंह शाक्या ने अस्पताल प्रबंधन पर लूट करने के आरोप (Shakya Samaj in haryana) लगाए. उन्होंने कहा बच्चा छत से गिरकर जख्मी हुआ था और इलाज के लिए उसे अस्पताल लाया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने इलाज के नाम पर लूट की हैं और पैसे ऐंठे हैं, जोकि गलत हैं.
वहीं उन्होंने लूट कर रहे सभी अस्पतालों को चेतावनी दी है कि वे यह सब करना बंद कर दे नहीं तो वे आने वाले समय में इसके खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे. वहीं आईएमए प्रधान आशीष खुराना ने कहा कि उनके द्वारा पीड़ित पक्ष की बात डॉक्टर से करवा दी गई है. बच्चे का शव मोर्चरी हाउस में रखा जायेगा और दोनों पक्षों को बिठाकर समस्या का हल निकाला जायेगा.
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