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दिल्ली की जीत का हरियाणा के नगर निकाय चुनाव पर असर!, BJP दिख रही मजबूत, क्या कांग्रेस कर पाएगी कमाल ? - HARYANA LOCAL BODY ELECTION

दिल्ली चुनाव में भाजपा की जीत का असर हरियाणा नगर निकाय चुनाव पर भी पड़ सकता है. जानें भाजपा और कांग्रेस के प्लस प्वाइंट.

HARYANA LOCAL BODY ELECTION
हरियाणा नगर निकाय चुनाव में पड़ेगा असर ? (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 9, 2025, 7:08 PM IST

गुरुग्राम: दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के साथ भाजपा ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली की सत्ता से बाहर हो गई है. अरविंद केजरीवाल समेत AAP के कई दिग्गज नेता हार गए. इनमें मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज शामिल हैं. 70 सीटों में से बीजेपी 48 और आम आदमी पार्टी 22 सीटें जीतने में कामयाब रही.

हरियाणा में मना जश्न : दिल्ली में हुई भाजपा की बंपर जीत का जश्न गुरुग्राम समेत पूरे हरियाणा में मनाया गया. गुरुग्राम के मानेसर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मनाया. गुरुग्राम के मानेसर में तमाम कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाते हुए कहा कि दिल्ली में केजरीवाल बहरूपिया की भूमिका निभाकर लोगों को गुमराह कर रहे थे, जिसका जवाब आज दिल्ली की जनता ने दे दिया है.

इस मौके पर भाजपा नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने लगातार तीसरा चुनाव जीता है, जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास बढ़ा है. हरियाणा में अगले महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव पर भी दिल्ली में हुई बंपर जीत का असर पड़ेगा. हरियाणा में नगर निकाय चुनाव में भी भाजपा विजय रथ की ओर बढ़ेगी. हरियाणा से आने वाले केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि आने वाले निकाय चुनाव में भी एकतरफा जीत भाजपा की होने वाली है.

केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने क्या कहा ? (Etv Bharat)

स्थानीय मुद्दों के साथ दिल्ली की जीत भी मुद्दा बनेगी : राजनीतिक पंडित बताते हैं कि हरियाणा में स्थानीय चुनावों में स्थानीय मुद्दों का बड़ा योगदान होता है, जैसे नगर विकास, स्वच्छता, जल आपूर्ति, यातायात, और सुरक्षा. हालांकि, दिल्ली चुनाव के परिणामों से राजनीतिक दलों के मनोबल में जरूर फर्क पड़ सकता है, फिर भी स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहेंगे. दिल्ली में बीजेपी की जीत से कहीं न कहीं हरियाणा में भी पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा तो वहीं, अन्य विपक्षी पार्टियों का आत्मविश्वास डगमगा सकता है.

भाजपा मजबूती से लड़ रही चुनाव : बहरहाल एक बात तो साफ है कि दिल्ली में जिस तरह से भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है, उसके बाद पूरे देश में एक मैसेज गया है कि भाजपा पूरी मजबूती के साथ ना ही सिर्फ चुनाव लड़ती है, बल्कि तमाम विपक्षी दलों के लिए चुनौती बनकर खड़ी रहती है. ऐसे में दिल्ली चुनाव का असर हरियाणा के नगर निकाय चुनाव पर कितना पड़ेगा, ये तो वक्त ही बताएगा.

हरियाणा में निकाय चुनाव का बजा बिगुल : हरियाणा में 2 मार्च को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग होगी, जबकि 12 मार्च को मतगणना के नतीजे सामने आएंगे. चुनावी नामांकन की प्रकिया 11 फरवरी से शुरू होगी जो कि 17 फरवरी तक चलेगी. वहीं 12 मार्च को काउंटिंग सुबह 8 बजे से ही शुरू हो जाएगी.

नगर निकाय चुनाव में भाजपा के प्लस प्वॉइंट -

सत्ता में वापसी : हरियाणा में भाजपा ऐसी पहली पार्टी बनी है, जिसने विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई है. नायब सैनी के नेतृत्व में पार्टी ने हरियाणा की सत्ता में वापसी की है, जिससे कहीं न कहीं धरातल पर मैसेज है कि प्रदेश में भाजपा की कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है.
भाजपा का मजबूत संगठन : भाजपा ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव संगठन के बल पर ही जीता है. चुनाव में कांग्रेस से भी मजबूत संगठन होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी नगर निकाय चुनाव भी मजूबती से लड़ेगी.
केंद्रीय योजनाओं का असर : हरियाणा में केंद्र सरकार की कई योजनाएं प्रभावी रूप से लागू की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य राज्य के विकास में योगदान देना और लोगों की जिंदगी में सुधार लाना है. प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना, वोकल फॉर लोकल के जरीए भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से वोटर्स के बीच मजबूत पकड़ हासिल करने की कोशिश की जा रही है.
विपक्षी दलों का बिखराव : कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी ने पार्टी की एकजुटता को नुकसान पहुंचाया है, कई नेताओं के बीच टकराव और विभिन्न गुटों के बंटवारे ने पार्टी को कमजोर किया है. यहां तक कि अभी तक कांग्रेस हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष तक तय नहीं कर पाई है.

इसे भी पढ़ें : सिरसा नगर परिषद चुनाव: गोपाल कांडा और बीजेपी की दिखेगी जुगलबंदी! पार्टी नेताओं में सिंबल पर तकरार

इसे भी पढ़ें : हरियाणा नगर निकाय चुनाव 2025: दिल्ली में कांग्रेस की बैठक, उदय भान बोले- बैलेट पेपर से चुनाव की करेंगे मांग

इसे भी पढ़ें : हरियाणा नगर निकाय चुनाव 2025: हिसार में भाजपा मेयर पद के लिए 160 दावेदारों ने ठोकी दावेदारी

इसे भी पढ़ें : हरियाणा में निकाय चुनाव के लिए भाजपा ने जारी की प्रभारियों की सूची, देखें लिस्ट

गुरुग्राम: दिल्ली विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक जीत के साथ भाजपा ने 27 साल बाद सत्ता में वापसी की है. वहीं, आम आदमी पार्टी (आप) दिल्ली की सत्ता से बाहर हो गई है. अरविंद केजरीवाल समेत AAP के कई दिग्गज नेता हार गए. इनमें मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और सौरभ भारद्वाज शामिल हैं. 70 सीटों में से बीजेपी 48 और आम आदमी पार्टी 22 सीटें जीतने में कामयाब रही.

हरियाणा में मना जश्न : दिल्ली में हुई भाजपा की बंपर जीत का जश्न गुरुग्राम समेत पूरे हरियाणा में मनाया गया. गुरुग्राम के मानेसर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने ढोल-नगाड़ों के साथ एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर जीत का जश्न मनाया. गुरुग्राम के मानेसर में तमाम कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाते हुए कहा कि दिल्ली में केजरीवाल बहरूपिया की भूमिका निभाकर लोगों को गुमराह कर रहे थे, जिसका जवाब आज दिल्ली की जनता ने दे दिया है.

इस मौके पर भाजपा नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद पीएम मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने लगातार तीसरा चुनाव जीता है, जिससे भाजपा कार्यकर्ताओं में आत्मविश्वास बढ़ा है. हरियाणा में अगले महीने होने वाले नगर निकाय चुनाव पर भी दिल्ली में हुई बंपर जीत का असर पड़ेगा. हरियाणा में नगर निकाय चुनाव में भी भाजपा विजय रथ की ओर बढ़ेगी. हरियाणा से आने वाले केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने कहा कि आने वाले निकाय चुनाव में भी एकतरफा जीत भाजपा की होने वाली है.

केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने क्या कहा ? (Etv Bharat)

स्थानीय मुद्दों के साथ दिल्ली की जीत भी मुद्दा बनेगी : राजनीतिक पंडित बताते हैं कि हरियाणा में स्थानीय चुनावों में स्थानीय मुद्दों का बड़ा योगदान होता है, जैसे नगर विकास, स्वच्छता, जल आपूर्ति, यातायात, और सुरक्षा. हालांकि, दिल्ली चुनाव के परिणामों से राजनीतिक दलों के मनोबल में जरूर फर्क पड़ सकता है, फिर भी स्थानीय मुद्दे ज्यादा हावी रहेंगे. दिल्ली में बीजेपी की जीत से कहीं न कहीं हरियाणा में भी पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा तो वहीं, अन्य विपक्षी पार्टियों का आत्मविश्वास डगमगा सकता है.

भाजपा मजबूती से लड़ रही चुनाव : बहरहाल एक बात तो साफ है कि दिल्ली में जिस तरह से भाजपा ने प्रचंड बहुमत हासिल किया है, उसके बाद पूरे देश में एक मैसेज गया है कि भाजपा पूरी मजबूती के साथ ना ही सिर्फ चुनाव लड़ती है, बल्कि तमाम विपक्षी दलों के लिए चुनौती बनकर खड़ी रहती है. ऐसे में दिल्ली चुनाव का असर हरियाणा के नगर निकाय चुनाव पर कितना पड़ेगा, ये तो वक्त ही बताएगा.

हरियाणा में निकाय चुनाव का बजा बिगुल : हरियाणा में 2 मार्च को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग होगी, जबकि 12 मार्च को मतगणना के नतीजे सामने आएंगे. चुनावी नामांकन की प्रकिया 11 फरवरी से शुरू होगी जो कि 17 फरवरी तक चलेगी. वहीं 12 मार्च को काउंटिंग सुबह 8 बजे से ही शुरू हो जाएगी.

नगर निकाय चुनाव में भाजपा के प्लस प्वॉइंट -

सत्ता में वापसी : हरियाणा में भाजपा ऐसी पहली पार्टी बनी है, जिसने विधानसभा चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाई है. नायब सैनी के नेतृत्व में पार्टी ने हरियाणा की सत्ता में वापसी की है, जिससे कहीं न कहीं धरातल पर मैसेज है कि प्रदेश में भाजपा की कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है.
भाजपा का मजबूत संगठन : भाजपा ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव संगठन के बल पर ही जीता है. चुनाव में कांग्रेस से भी मजबूत संगठन होने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी नगर निकाय चुनाव भी मजूबती से लड़ेगी.
केंद्रीय योजनाओं का असर : हरियाणा में केंद्र सरकार की कई योजनाएं प्रभावी रूप से लागू की जा रही हैं, जिनका उद्देश्य राज्य के विकास में योगदान देना और लोगों की जिंदगी में सुधार लाना है. प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, उज्ज्वला योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना, वोकल फॉर लोकल के जरीए भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से वोटर्स के बीच मजबूत पकड़ हासिल करने की कोशिश की जा रही है.
विपक्षी दलों का बिखराव : कांग्रेस में आंतरिक गुटबाजी ने पार्टी की एकजुटता को नुकसान पहुंचाया है, कई नेताओं के बीच टकराव और विभिन्न गुटों के बंटवारे ने पार्टी को कमजोर किया है. यहां तक कि अभी तक कांग्रेस हरियाणा में नेता प्रतिपक्ष तक तय नहीं कर पाई है.

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