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सिरसा के 160 गांवो के लिए क्यों अभिशाप बनी घग्गर नदी ? - ghaggar river polluted water

सिरसा से गुजरने वाली घग्गर नदी का पानी प्रदूषित हो चुका है. सिरसा के करीब 160 गांवों में इस नदी का पानी पहुंचता है. ग्रामीणों को इस नदी के पानी के कारण बेहद खतरनाक बीमारियां हो रही है. विस्तार से पढे़ं पूरी खबर...

सिरसा घग्गर नदी प्रदूषित
सिरसा घग्गर नदी प्रदूषित
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Published : Mar 18, 2020, 11:28 PM IST

सिरसा: पिछले काफी सालों से घग्गर नदी का प्रदूषित पानी सिरसा के लोगों के लिए आफत बना हुआ है. इसके प्रदूषित पानी से लोगों को कैंसर के साथ अन्य कई भयानक बीमारी हो रही है. घग्गर नदी के आसपास उसके बेल्ट से सटे हुए करीब 50 ऐसे गांव हैं, जो इसके दूषित पानी का शिकार हैं. यहां के लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं.

इसके अलावा जल विभाग द्वारा घग्गर नदी से करीब एक दर्जन लहरें निकाली गई हैं. जिसका दूषित पानी सिरसा के करीब 160 गांव में पहुंचता है और उन गांवों को भी प्रभावित करता है. घग्गर के पानी से आसपास के किसान अपने खेतों की सब्जियों और दूसरी अन्य फसलों की सिंचाई करते हैं. जिस वजह से खेतों में उगने वाली सब्जियां और अन्य फसलें भी जहरीली होती जा रही हैं. इसका पानी इस कदर प्रदूषित हो गया है कि इसका पानी पीकर कई पशुओं की भी मौत हो चुकी है.

सिरसा के 160 गांवो के लिए क्यों अभिशाप बनी घग्गर नदी ?

गंदे पानी से होती है खेतों में सिंचाई

घग्गर का पानी पीने के लिए इंसान तो क्या पशुओं के लायक भी नहीं है, लेकिन इसके पानी से किसान अपने खेतों की सिंचाई करते हैं. नदी के तटबंध पर अकेले सिरसा जिले में 531 पाइपलाइन हैं. जिससे किसान सीधे नदी के पानी को अपने खेतों में लगाते हैं. रबी के सीजन में 1 लाख हेक्टेयर में गेहूं इसी पानी से पकता है, तो खरीफ सीजन में करीब 60 हजार हेक्टेयर में चावल का उत्पादन होता है.

घग्गर नदी के पानी में कई ऐसे मेटल और अन्य वस्तुएं घुली हुई हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है. परिणाम स्वरूप सिरसा में कैंसर तेजी से फैल रहा है. काला पीलिया का तो सही सरकार आंकड़ां ही नहीं है. पंजाब से लगते इस सिरसा जिले में भी कैंसर के रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यही वजह है कि बठिंडा से बीकानेर के लिए रात को जो ट्रेन चलती है उसे भी लोग कैंसर एक्सप्रेस कहते हैं.

'घग्गर नदी पहले ऐसे नहीं थी'

ग्रामीणों का कहना है कि घग्गर नदी पहले ऐसी नहीं थी और इसका पानी बहुत ज्यादा साफ था जिसे वो अपने घरों में रसोई में उपयोग किया करते थे, लेकिन आज इस नदी के पानी की बदबू से उनका जीना हराम हो गया है. उनका कहना है कि इस नदी के पानी की वजह से आस-पास के गांव में लोग कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और मौत के मुंह में जा रहे हैं.

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का भी कहना है कि घग्गर से सटे गांव के लोग इस पानी से काफी प्रभावित हो रहे हैं. स्वास्थ विभाग के अधिकारी का कहना है कि एनजीटी के निर्देश पर घग्गर से सटे गांवों मे कैंप लगा रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

'प्रदूषित पानी से नहीं हो रहा कैंसर'

सिरसा आए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा था कि घग्गर में दूषित पानी आ रहा है. जिसे साफ करवाना जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि इसका एक सर्वे करवाया गया था जिसमें ये सामने आया था कि दूषित पानी से कैंसर नहीं फैलता. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रचार करना गलत होगा कि घग्गर के पानी से कैंसर फैल रहा है.

सिरसा: पिछले काफी सालों से घग्गर नदी का प्रदूषित पानी सिरसा के लोगों के लिए आफत बना हुआ है. इसके प्रदूषित पानी से लोगों को कैंसर के साथ अन्य कई भयानक बीमारी हो रही है. घग्गर नदी के आसपास उसके बेल्ट से सटे हुए करीब 50 ऐसे गांव हैं, जो इसके दूषित पानी का शिकार हैं. यहां के लोग गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं.

इसके अलावा जल विभाग द्वारा घग्गर नदी से करीब एक दर्जन लहरें निकाली गई हैं. जिसका दूषित पानी सिरसा के करीब 160 गांव में पहुंचता है और उन गांवों को भी प्रभावित करता है. घग्गर के पानी से आसपास के किसान अपने खेतों की सब्जियों और दूसरी अन्य फसलों की सिंचाई करते हैं. जिस वजह से खेतों में उगने वाली सब्जियां और अन्य फसलें भी जहरीली होती जा रही हैं. इसका पानी इस कदर प्रदूषित हो गया है कि इसका पानी पीकर कई पशुओं की भी मौत हो चुकी है.

सिरसा के 160 गांवो के लिए क्यों अभिशाप बनी घग्गर नदी ?

गंदे पानी से होती है खेतों में सिंचाई

घग्गर का पानी पीने के लिए इंसान तो क्या पशुओं के लायक भी नहीं है, लेकिन इसके पानी से किसान अपने खेतों की सिंचाई करते हैं. नदी के तटबंध पर अकेले सिरसा जिले में 531 पाइपलाइन हैं. जिससे किसान सीधे नदी के पानी को अपने खेतों में लगाते हैं. रबी के सीजन में 1 लाख हेक्टेयर में गेहूं इसी पानी से पकता है, तो खरीफ सीजन में करीब 60 हजार हेक्टेयर में चावल का उत्पादन होता है.

घग्गर नदी के पानी में कई ऐसे मेटल और अन्य वस्तुएं घुली हुई हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत खतरनाक है. परिणाम स्वरूप सिरसा में कैंसर तेजी से फैल रहा है. काला पीलिया का तो सही सरकार आंकड़ां ही नहीं है. पंजाब से लगते इस सिरसा जिले में भी कैंसर के रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. यही वजह है कि बठिंडा से बीकानेर के लिए रात को जो ट्रेन चलती है उसे भी लोग कैंसर एक्सप्रेस कहते हैं.

'घग्गर नदी पहले ऐसे नहीं थी'

ग्रामीणों का कहना है कि घग्गर नदी पहले ऐसी नहीं थी और इसका पानी बहुत ज्यादा साफ था जिसे वो अपने घरों में रसोई में उपयोग किया करते थे, लेकिन आज इस नदी के पानी की बदबू से उनका जीना हराम हो गया है. उनका कहना है कि इस नदी के पानी की वजह से आस-पास के गांव में लोग कैंसर जैसी भयानक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं और मौत के मुंह में जा रहे हैं.

इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी का भी कहना है कि घग्गर से सटे गांव के लोग इस पानी से काफी प्रभावित हो रहे हैं. स्वास्थ विभाग के अधिकारी का कहना है कि एनजीटी के निर्देश पर घग्गर से सटे गांवों मे कैंप लगा रहे हैं और लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

'प्रदूषित पानी से नहीं हो रहा कैंसर'

सिरसा आए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा था कि घग्गर में दूषित पानी आ रहा है. जिसे साफ करवाना जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि इसका एक सर्वे करवाया गया था जिसमें ये सामने आया था कि दूषित पानी से कैंसर नहीं फैलता. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रचार करना गलत होगा कि घग्गर के पानी से कैंसर फैल रहा है.

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