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सिरसा में नहरी पानी के लिए तरस रहे हैं किसान, अधिकारियों पर पानी बेचने का आरोप

रानियां हलके के गांव नथोर और कालुआना के किसानों ने टेल तक पूरा पानी नहीं पहुंचने के कारण सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अधिकारियों पर नहर का पानी बेचने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला पर थोड़ी उम्मीद जताई है कि वे उनकी समस्या का समाधान कर सकते हैं.

पानी के लिए तरस रहे सिरसा के किसान
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Published : Nov 9, 2019, 9:04 AM IST

सिरसाः रानियां हलके के गांव नथोर और कालुआना के किसान नहर में पानी पूरा नहीं मिलने से सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं. इन गांवों के किसानों के खेतों की सिंचाई मम्मड माईनर से होती है लेकिन मम्मड माईनर की टेल तक पूरा पानी नहीं पहुंचने से किसानों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि पिछले 3 सालों से लगातार उन्हें पीने तक का पानी नहीं मिल रहा.

दुष्यंत से किसानों को उम्मीदें
हरियाणा में बीजेपी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन की सरकार बन चुकी है. अभी सरकार ने अपना कार्यकाल शुरू ही नहीं किया कि किसानों की एक के बाद एक समस्या सामने आनी शुरू हो गई. जहां एक तरफ किसानों की पराली का मामला सरकार के लिए सरदर्द बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ सिरसा जिले की लगभग नहरों में टेल तक पूरा नहीं पहुंचने का मामला भी उठना शुरू हो गया है.

पानी के लिए तरस रहे सिरसा के किसान

रानियां हलके के गांव नथोर और कालुआना के किसानों ने टेल तक पूरा पानी नहीं पहुंचने के कारण सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अधिकारियों पर नहर का पानी बेचने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला पर थोड़ी उम्मीद जताई है कि वे उनकी समस्या का समाधान कर सकते हैं.

किसानों के आरोप
किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि करीब डेढ़ साल पहले तत्कालीन अधिकारी आर के फुलिया ने उन्हें लिखित में टेल तक पूरा पानी पहुंचाने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक उनकी टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंचा है. इसके साथ ही किसानों का कहना है कि नहर की सफाई ना होने की वजह से उनको पूरा पानी नहीं मिल रहा. साल में केवल 1 महीने की उनकी टेल पर पूरा पानी मिलता है. ऐसे में जब फसल की बिजाई का समय होता है तब नहर में सफाई नहीं होती जिससे उनकी टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंच पाता.

ये भी पढ़ेंः गुरुग्राम में प्याज 80 के पार टमाटर भी 60 के भाव

अधिकारियों ने दी सफाई
वहीं अधिकारियों की मानें तो किसानों को साल भर पूरा पानी दिया जाता है लेकिन कुछ समय में नहर की सफाई ना होने के कारण टेल तक पानी पूरा नहीं पहुंच पाता. ऐसे में जब पूरा पानी छोड़ा जाता है तो नहर टूटने की शिकायत ज्यादा रहती है. अधिकारियों का मानना है कि बुर्जी नंबर 68 हजार से लेकर एक लाख तक नहर की सफाई ना होने के कारण टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंच रहा. जल्द ही सफाई करवाने के बाद टेल तक पूरा पानी पहुंचाने का आश्वासन किसानों को दिया गया है.

सिरसाः रानियां हलके के गांव नथोर और कालुआना के किसान नहर में पानी पूरा नहीं मिलने से सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं. इन गांवों के किसानों के खेतों की सिंचाई मम्मड माईनर से होती है लेकिन मम्मड माईनर की टेल तक पूरा पानी नहीं पहुंचने से किसानों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि पिछले 3 सालों से लगातार उन्हें पीने तक का पानी नहीं मिल रहा.

दुष्यंत से किसानों को उम्मीदें
हरियाणा में बीजेपी और जननायक जनता पार्टी की गठबंधन की सरकार बन चुकी है. अभी सरकार ने अपना कार्यकाल शुरू ही नहीं किया कि किसानों की एक के बाद एक समस्या सामने आनी शुरू हो गई. जहां एक तरफ किसानों की पराली का मामला सरकार के लिए सरदर्द बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ सिरसा जिले की लगभग नहरों में टेल तक पूरा नहीं पहुंचने का मामला भी उठना शुरू हो गया है.

पानी के लिए तरस रहे सिरसा के किसान

रानियां हलके के गांव नथोर और कालुआना के किसानों ने टेल तक पूरा पानी नहीं पहुंचने के कारण सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अधिकारियों पर नहर का पानी बेचने का आरोप लगाया है. साथ ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला पर थोड़ी उम्मीद जताई है कि वे उनकी समस्या का समाधान कर सकते हैं.

किसानों के आरोप
किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि करीब डेढ़ साल पहले तत्कालीन अधिकारी आर के फुलिया ने उन्हें लिखित में टेल तक पूरा पानी पहुंचाने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक उनकी टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंचा है. इसके साथ ही किसानों का कहना है कि नहर की सफाई ना होने की वजह से उनको पूरा पानी नहीं मिल रहा. साल में केवल 1 महीने की उनकी टेल पर पूरा पानी मिलता है. ऐसे में जब फसल की बिजाई का समय होता है तब नहर में सफाई नहीं होती जिससे उनकी टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंच पाता.

ये भी पढ़ेंः गुरुग्राम में प्याज 80 के पार टमाटर भी 60 के भाव

अधिकारियों ने दी सफाई
वहीं अधिकारियों की मानें तो किसानों को साल भर पूरा पानी दिया जाता है लेकिन कुछ समय में नहर की सफाई ना होने के कारण टेल तक पानी पूरा नहीं पहुंच पाता. ऐसे में जब पूरा पानी छोड़ा जाता है तो नहर टूटने की शिकायत ज्यादा रहती है. अधिकारियों का मानना है कि बुर्जी नंबर 68 हजार से लेकर एक लाख तक नहर की सफाई ना होने के कारण टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंच रहा. जल्द ही सफाई करवाने के बाद टेल तक पूरा पानी पहुंचाने का आश्वासन किसानों को दिया गया है.

Intro:एंकर - रानियां हलके के गांव नथोर व कालुआना के किसान नहर में पानी पूरा नहीं मिलने से सरकार के खिलाफ लामबंद हो चुके हैं। इन गांवों के किसानों के खेतों की सिंचाई मम्मड माईनर से होती है लेकिन मम्मड माईनर की टेल तक पूरा पानी नहीं पहुंचने से किसानों को काफी मशक्कत का सामना करना पड रहा है। ऐसे में किसानों का कहना है कि पिछले 3 सालों से लगातार उन्हें पीने तक का पानी नहीं मिल रहा।
Body:
वीओ - इस बार हरियाणा में जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन की सरकार बनी। अभी सरकार ने अपना कार्यकाल शुरू ही नहीं किया कि किसानों की एक के बाद एक समस्या आनी शुरू हो गई। जहां एक तरफ किसानों की पराली का मामला सरकार के लिए सरदर्द बना हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ सिरसा जिले की लगभग नहरों में टेल तक पूरा नहीं पहुंचने का मामला भी उठना शुरू हो गया है। रानियां हलके के गांव नथोर और कालुआना के किसानों ने टेल तक पूरा पानी नहीं पहुंचने के कारण सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अधिकारियों पर नहर का पानी बेचने का आरोप लगाया है। साथ ही प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुश्यंत चैटाला पर थोडी उम्मीद जताई है कि वे उनकी समस्या का समाधान कर सकते हैं। किसानों ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि करीब डेढ साल पहले तत्कालीन अधिकारी आर के फुलिया ने उन्हें लिखित में टेल तक पूरा पानी पहुंचाने का आश्वासन दिया था लेकिन आज तक उनकी टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंचा है। इसके साथ ही किसानों का कहना है कि नहर की सफाई ना होने की वजह से उनको पूरा पानी नहीं मिल रहा। साल में केवल 1 महीने की उनकी टेल पर पूरा पानी मिलता है। ऐसे में जब फसल की बिजाई का समय होता है तब नहर में सफाई नहीं होती जिससे उनकी टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंच पाता। फिलहाल सरसों की बिजाई का समय निकल चुका है और अधिकारी 25 दिनों में सफाई करवाने की बात कह रहे हैं तो ऐसे में उनकी गेहुं की बिजाई का समय भी निकल जाएगा जिससे उनकी गेहुं की बिजाई भी नहीं हो पाएगी । ऐसे में किसानों ने जल्द से जल्द नहर में पूरा पानी देने की मांग की है।

बाईट - जय करण, लाधु राम, जसपाल, कृश्ण, रघुवीर, सरदूल सिंह, किसान।

वीओ 2 - वहीं अगर अधिकारियों की माने तो किसानों को साल भर पूरा पानी दिया जाता है लेकिन कुछ समय में नहर की सफाई ना होने के कारण टेल तक पानी पूरा नहीं पहुंच पाता। ऐसे में जब पूरा पानी छोडा जाता है तो नहर टूटने की शिकायत ज्यादा रहती है। अधिकारियों का मानना है कि बुर्जी नंबर 68 हजार से लेकर एक लाख तक नहर की सफाई ना होने के कारण टेल पर पूरा पानी नहीं पहुंच रहा। जल्द ही सफाई करवाने के बाद टेल तक पूरा पानी पहुंचाने का आश्वासन किसानों को दिया गया है।

बाईट - मदन लाल, मौका देखने आए सिंचाई विभाग के कर्मचारी।

वीओ 3 - किसानों की माने तो उन्हें साल में एक महीने मे ही पूरा पानी मिलता है और अगर अधिकारियों की मानें तो साल में दो महीने पूरा पानी नहीं मिल पाता। अब यहां बडा सवाल यह उठता है कि आखिर झूठा कौन और सच्चा कौन। इसी सवाल के जवाब के लिए किसानों ने सिंचाई विभाग के उच्च अधिकारियों को मौका देखने के लिए आमंत्रित किया। सुबह से लेकर शाम तक किसान इस इंतजार में थे कि आखिर कोई अधिकारी तो उनकी सुध लेने आएगा लेकिन किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर गया। अंत मंे सिंचाई विभाग के एक कर्मचारी को भेजा गया और जल्द ही नहर की सफाई करवाके टेल पर पूरा पानी भेजने का आश्वासन दिया गया। किसानों का कहना है कि इस तरह के आशवान उन्हें पहले भी काफी मिल चुके हैं यहां तक कि लिखित में आशवासन मिल चुके हैं लेकिन अभी तक समस्या ज्यौं की त्यों है। ऐसे में अब किसानों की नजरें केवल उपमुख्यमंत्री दुश्यंत चैटाला पर है कि वो ही उनकी समस्या का समाधान कर सकते हैं।


Conclusion:
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