सिरसा: हरियाणा के जिला सिरसा में बागवानी खेती करने के लिए किसान अग्रसर हो रहे हैं. सिरसा के गुरशरण सिंह कई सालों तक हरियाणा सरकार को अपनी सेवाएं देते रहे हैं. कई सालों तक सिरसा की नगर परिषद में सचिव के पद पर कार्य करते रहे हैं. तीन साल पहले उनको बागवानी खेती करने का विचार मन में आया. जिसके बाद गुरशरण सिंह ने गांव रंगडीखेड़ा में ड्रैगन फ्रूट की खेती करनी शुरू की.
ड्रैगन फ्रूट खेती की शुरुआत: गुरशरण सिंह ने रिटायरमेंट से तीन साल पहले वीआरएस लेकर आधा एकड़ जमीन में ड्रैगन फ्रूट की खेती शुरू की. जिस पर अब फल लगने शुरू हो गए हैं. प्रगतिशील किसान गुरशरण सिंह ने अपने इस बाग में 252 पौधे लगाए हैं. ड्रैगन फ्रूट की यह किस्म क्रॉस ब्रीड है. डेढ़ साल में मीठे रसीले फ्रूट लगने लगे हैं. किसान गुरशरण सिंह ने बताया कि इस खेती से उन्हें वार्षिक अनुमानित आय करीब 5 लाख रुपये तक होगी. अभी किसान इस फसल को न बेचकर अपने दोस्तों रिश्तेदार को खिला रहे हैं. ताकि दूसरे किसान भी इस खेती के प्रति जागरूक हो सके. गुरशरण सिंह किसानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हैं.
एक पौधे से 80 किलो ड्रैगन की पैदावार: गुरशरण सिंह बताते हैं कि गांव रंगड़ी खेड़ा के रकबा में उनकी 10 एकड़ पुश्तैनी जमीन है. उनको बचपन से ही खेती करने का जुनून था. इसी बीच उनकी नगर परिषद में सरकारी नौकरी लग गई. लेकिन रिटायरमेंट से तीन साल पूर्व उन्होंने वीआरएस ले लिया और कनाल में ड्रैगन फ्रूट लगाने की सोची. उन्होंने साउथ अफ्रीका से (क्रॉस ब्रीड) किस्म के पौधे मंगवाए, जो 18 माह में फ्रूट देने लगे हैं. ट्रायल के दौरान देखा गया कि इसकी औसत पैदावार 80 किलोग्राम प्रति पौधा है. जिससे सीजनल उन्हें साढ़े 9 एकड़ के बराबर आमदनी होगी.
गुरशरण सिंह किसानों को कर रहे जागरूक: किसान गुरशरण सिंह के खेतों में लगे इस फ्रूट को देखने के लिए अन्य किसानों का तांता लगा रहता है. गुरशरण सिंह बताते हैं कि अभी पहली फसल तैयार हुई है. फल लगने शुरू हो गए हैं. इस बार फसल को ना बेचकर वो अधिकतर फल दोस्तों और रिश्तेदारों को बांट रहे हैं. गुरशरण सिंह जो आज दूसरे किसानों के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन चुके हैं. उन्होंने किसानों से अपील की है कि अगर किसान परंपरागत खेती को छोड़कर कुछ नया करते हैं, तो उनको ज्यादा मुनाफा हो सकता है. इसलिए किसानों को चाहिए की कुछ नया करते रहना चाहिए.
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क्रॉस ब्रीड ड्रैगन की खासियत: क्रॉस ब्रीड के ड्रैगन फ्रूट फल का औसत वजन 150 ग्राम से एक किलोग्राम होता है. यह 51 दिनों में पकने वाली किस्म है, जिसके फल मीठे एवं स्वादिष्ट होते हैं. इसकी अन्य किस्मों से अलग पहचान इसी कारण होती है. डेंगू व कमजोर हड्डियों के लिए ड्रैगन फ्रूट बेहद लाभकारी है. जो कि एंटी वायरल गुणों से हमारी इम्यूनिटी बूस्ट करता है. साथ ही पढ़ने वाले बच्चों के ब्रेन को विकसित करने के लिए भी यह फ्रूट बेहद खास माना जाता है.