सिरसा: किसानों पर दर्ज देशद्रोह के मामले (Sirsa Farmers Sedition Case) को लेकर आज सिरसा में किसानों ने महापंचायत की. इस महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) सहित संयुक्त किसान मोर्चा के कई बड़े नेता शामिल हुए. इस मामले को निपटाने के लिए आईजी राकेश आर्य ने किसानों को बातचीत का न्यौता दिया था. उनसे किसानों की बातचीत बेनतीजा रही.
बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन हमें कानून की बात बता रहा है, लेकिन हम ये पूछते हैं कि जब पुलिस शीशे तोड़ती है कोई केस नहीं होता ना कोई धारा लगती है, किसान पर केस कर दिए. हम इनसे किसानों के द्वारा शीशे तोड़ने वाली वीडियो दिखाने की बात कह रहे हैं. ये दिखा दें कि किसने शीशे तोड़े थे, लेकिन इनके पास कोई सबूत नहीं है. ये इनके ही किसी आदमी ने शीशे तोड़े होंगे. हिसार में पुलिसवालों ने खूब शीशे तोड़े थे, लेकिन उन पर कोई धारा नहीं लगाई गई.
टिकैत ने आगे कहा कि ये इस तरह के केस करके किसानों पर केवल दबाव बनाना चाहते हैं, लेकिन किसान किसी दबाव में नहीं आने वाला. हम यहां पर भी अब एक पक्का मोर्चा लगाएंगे. हमारी मांग साफ है कि ये जो धाराएं लगाई गई हैं उन्हें हटाएं और किसानों को रिहा करें.
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गौरतलब है कि 11 जुलाई को हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा (Deputy Speaker Ranbir Gangwa Car Attack) की गाड़ी पर हमला किया गया था. डिप्टी स्पीकर की गाड़ी पर उस वक्त हमला हुआ था जब वो हरियाणा के सिरसा जिले में चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय (Chaudhary Devi Lal University) में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेकर लौट रहे थे.
कार्यक्रम के बाद जब डिप्टी स्पीकर और अन्य बीजेपी नेता वापस लौट रहे थे तो किसानों ने उनका काफिला रोक दिया और पथराव शुरू कर दिया. आरोप है कि किसानों ने इस दौरान डिप्टी स्पीकर की गाड़ी के शीशे तोड़ दिए और पुलिस पर भी पथराव किया. किसी तरह पुलिस ने डिप्टी स्पीकर के काफिले को विरोध के बीच वहां निकला था. इस मामले में सिरसा पुलिस की ओर से दो नामजद और करीब 100 किसानों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इसी को लेकर किसानों ने सिरसा में महापंचायत का आयोजन किया है.
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