सिरसा : जिले में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध और समर्थन में लोगों ने प्रदर्शन किया. इस दौरान नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बहुजन क्रांति मोर्चा संगठन ने प्रदर्शन किया तो वहीं सिरसा के सामाजिक और धार्मिक संगठनों के साथ-साथ बीजेपी और आरएसएस के नेताओं ने इस कानून के पक्ष में समर्थन यात्रा निकाली.
'नागरिकता संशोधन कानून है संविधान के खिलाफ'
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे बहुजन क्रांति मोर्चा के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि यह संविधान की मूल भावना से हटकर देश को बांटने का काम कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि देश में रह रहे लोगों को अपनी नागरिकता साबित करनी पड़ेगी.
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उन्होंने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. जिसमें सभी धर्मों को एक समान नजर से देखा जाता है और एक समान अधिकार भी दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि इस बिल में मुस्लिम समुदाय को नागरिकता के अधिकार से वंचित कर दिया गया है जो कि गलत है. बीजेपी सरकार देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की ओर बढ़ रही है जो कि संविधान में लिखित अधिकारों का हनन है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार को यह कानून वापस लेना चाहिए अन्यथा आंदोलन बड़े स्तर पर किए जाएंगे.
नागरिकता संशोधन कानून से भारतीय नागरिकों को नहीं है परेशानी: सीएए समर्थक
वहीं बिल का समर्थन कर रहे नेताओं का कहना है कि नागरिकता संशोधन बिल से किसी भी भारतीय नागरिक को कोई भी परेशानी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान , अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसख्यक समाज के प्रताड़ित लोगों को भारतीय नागरिकता देने के लिए इस बिल को लागू किया गया है जिसका विरोध करने की बजाए उसका समर्थन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि कुछ संगठन के लोग इसका विरोध कर रहे है वो जल्द ही पछताएंगे. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से भारत आए शरणार्थियों के लिए ये बिल वरदान के रूप में साबित होगा.