सिरसा: हरियाणा में डीएसआर स्कीम काफी कारगर साबित हो रही है. इस योजना के तहत सिरसा में धान की बुआई काफी कारगर साबित हो रही है. हरियाणा सरकार द्वारा भूजल के दोहन को रोकने और सिंचाई जल की व्यर्थ होने से बचाने के लिए धान की सीधी बुआई यानी डीएसआर स्कीम शुरू की गई है. इस स्कीम के तहत धान की परंपरागत खेती छोड़ सिधी बुआई करने पर किसानों को 4 रुपये प्रति एकड़ सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता है.
इसी स्कीम के तहत सिरसा में इस साल 25 हजार एकड़ भूमि पर धान की सीधी बुआई का लक्ष्य रखा गया था. लक्ष्य के विपरीत किसानों ने एक लाख एकड़ पर धान की सीधी बुआई की है. सब्सिडी के लिए मिले आवेदनों के हिसाब से यह आंकड़ा सामने आया है. अब कृषि विभाग ने आवेदन देखने के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन शुरू कर दी है. वेरिफिकेशन पूरी होने के बाद धान की सीधी बुआई करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 4 हजार रुपये अनुदान राशि दी जाएगी.
कृषि विभाग के उप निदेशक सुखदेव सिंह कंबोज ने बताया कि धान की सीधी बुआई का रकबा बढ़ रहा है. लक्ष्य से 4 गुना तक किसानों ने धान की सीधी बुआई की है. इसलिए फिजिकल वेरिफिकेशन की जा रही है. इसके बाद सीधी बुआई करने वाले किसानों को प्रति एकड़ चार हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा.
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एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत धान की परंपरागत खेती छोड़ अन्य फसल बीजने वाले किसानों को भी सरकार द्वारा 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. इन योजनाओं को मकसद है कि भूजल की स्थिति में सुधार किया जा सके. उन्होंने कहा कि बीते साल की अपेक्षा इस साल का रकबा काफी कम होगा. साथ ही उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि अब बरसाती सीजन शुरू हो चुका है और यथाशीघ्र वे धान की बुआई व रोपाई कर लें ताकि पानी की बचत भी हो सके.