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सिरसा में लुट रहे हैं शराब खरीददार, कारोबारी वसूल रहे मनमाने दाम! - सिरसा शराब ठेके

सिरसा में शराब कारोबारी खरीददारों से मनमाने दाम वसूल रहे हैं. जिस बोतल पर सरकार ने 15 से 20 रुपये कोविड सेस लगाया है. उस पर सिरसा में 100 से 200 रुपये ज्यादा चार्ज लगा कर बेचा जा रहा है.

Liquor shopkeepers are charging arbitrary price of liquor bottles in Sirsa
सिरसा में लुट रहे हैं शराब खरीददार
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Published : May 6, 2020, 8:29 PM IST

सिरसा: लॉकडाऊन के तीसरे चरण के तीसरे दिन सरकार के आदेशों के बाद हरियाणा में करीब 42 दिन के बाद शराब के ठेके खुल गए, लेकिन ठेके खुलने के बाद सिरसा में शराब कारोबारियों ने शराब को मनमाने रेट पर बेचना शुरू कर दिया है. सरकार द्वारा शराब की बोतलों पर 5 रुपए से लेकर 50 रुपए प्रति बोतल पर कोरोना टैक्स लगाया गया है, लेकिन सिरसा में देसी शराब पर 50 से 80 रुपए जबकि अंग्रेजी शराब 100 से 200 रुपए प्रति बोतल बढ़ोत्तरी कर लगा कर बेची जा रही है.

ऐसे कारोबारी वसूल रहे हैं मनामाने दाम

शराब कारोबारियों का यह भी मानना है कि शराब के ठेकों पर अधिकांश सेल्समैंस उत्तरप्रदेश और बिहार के थे. ऐसे लोग अपने राज्यों में या तो वापस जा चुके हैं या राहत शिविरों में रह रहे हैं. वहीं जितने भी ठेके खुले उन पर शराब को मनमाने रेटों पर बेचा जाने लगा. खासकर शहर में ठेकेदारों ने पुल सिस्टम का फायदा उठाते हुए अंग्रेजी शराब के दाम में 100 से 200 रुपए की वृद्धि कर दी है. देसी शराब जो पहले 120 रुपए प्रति बोतल बेची जा रही थी, उसके रेट 200 रुपए प्रति बोतल कर दिए गए हैं. इंडियन मेड फोरेन लिकर में प्रति बोतल 200 रुपए तक की वृद्धि कर दी गई.

सिरसा में शराब कारोबारी मनमाने दाम पर शराब बेच रहे हैं, रिपोर्ट देखें

स्टॉक नहीं होने की वजह से नहीं खुले शहर के आधे ठेके

खास बात यह है कि सिरसा में स्टॉक न होने और ठेकों के कारिंदों के अपने घर वापसी के बाद शराब के आधे से अधिक ठेके भी आज नहीं खुले. दिलचस्प बात यह है कि सभी ठेकों पर शराब कारोबारियों की ओर से खुद की तैयार की गई रेट लिस्ट भी कारिंदों को थमाई गई हैं.

शराब के ठेके नहीं खुलने की ये भी रही वजह

सिरसा जिले में देसी शराब का सालाना कोटा करीब 72 लाख लीटर है, जबकि अंग्रेजी शराब का सालाना कोटा करीब 9 लाख लीटर है. सरकार की ओर से लॉकडाऊन से पहले मार्च माह में आबकारी नीति को हरी झंडी दी गई थी. इसके बाद 24 मार्च को लॉकडाऊन लग जाने के बाद सरकार की यह नीति सिरे नहीं चढ़ सकी. इस वजह से बहुत से पुराने ठेकेदारों की ओर से नए ठेकेदारों को ठेके और एल-01 और एल-13 हैंडओवर नहीं किए जा सके. इसके साथ ही स्टॉक की भी पहुंच नहीं हो सकी. यही वजह है कि सिरसा में आज शराब के ज्यादातर ठेके नहीं खुले.

रोज बिकती है 22,191 लीटर शराब

शराब आबकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सिरसा जिला में चालू वित्त वर्ष के लिए 73 जोन में से 60 जोन में ही ठेकों की नीलाम हो सकी है. 60 जोन में करीब 120 शराब के ठेके हैं. साथ ही कई गांवों में भी सब वैंड हैं. सिरसा जिला में लाइसैंस फीस के रूप में सरकार को करीब 95 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है. हर साल जिले से अंग्रेजी शराब का कोटा 9 लाख लीटर जबकि देसी शराब का कोटा 72 लाख लीटर है. इस लिहाज से सिरसा में प्रतिदिन 22,191 लीटर शराब की खपत होती है. यानी सिरसा में रोजाना करीब 30 हजार बोतल शराब की खपत होती है.

लॉकडाउन में चला है शराब का गोरख धंधा!

ऐसा माना जा रहा है कि लॉकडाऊन के दौरान सिरसा में व्यापक पैमाने पर जहां कच्ची शराब का गोरखधंधा चला है. वहीं लोगों ने काफी मात्रा में पहले से ही शराब का स्टॉक कर लिया था. इसके साथ ही लॉकडाऊन में शराब की कालाबाजारी भी खूब हुई. घर बैठे शराब की होम डिलीवरी होने से भी ठेकों पर भीड़ नहीं दिखी.

ये भी पढ़ें- खुलासा: हरियाणा में ठेकों पर नहीं जुट रही भीड़, क्या ये है बड़ी वजह ?

सिरसा: लॉकडाऊन के तीसरे चरण के तीसरे दिन सरकार के आदेशों के बाद हरियाणा में करीब 42 दिन के बाद शराब के ठेके खुल गए, लेकिन ठेके खुलने के बाद सिरसा में शराब कारोबारियों ने शराब को मनमाने रेट पर बेचना शुरू कर दिया है. सरकार द्वारा शराब की बोतलों पर 5 रुपए से लेकर 50 रुपए प्रति बोतल पर कोरोना टैक्स लगाया गया है, लेकिन सिरसा में देसी शराब पर 50 से 80 रुपए जबकि अंग्रेजी शराब 100 से 200 रुपए प्रति बोतल बढ़ोत्तरी कर लगा कर बेची जा रही है.

ऐसे कारोबारी वसूल रहे हैं मनामाने दाम

शराब कारोबारियों का यह भी मानना है कि शराब के ठेकों पर अधिकांश सेल्समैंस उत्तरप्रदेश और बिहार के थे. ऐसे लोग अपने राज्यों में या तो वापस जा चुके हैं या राहत शिविरों में रह रहे हैं. वहीं जितने भी ठेके खुले उन पर शराब को मनमाने रेटों पर बेचा जाने लगा. खासकर शहर में ठेकेदारों ने पुल सिस्टम का फायदा उठाते हुए अंग्रेजी शराब के दाम में 100 से 200 रुपए की वृद्धि कर दी है. देसी शराब जो पहले 120 रुपए प्रति बोतल बेची जा रही थी, उसके रेट 200 रुपए प्रति बोतल कर दिए गए हैं. इंडियन मेड फोरेन लिकर में प्रति बोतल 200 रुपए तक की वृद्धि कर दी गई.

सिरसा में शराब कारोबारी मनमाने दाम पर शराब बेच रहे हैं, रिपोर्ट देखें

स्टॉक नहीं होने की वजह से नहीं खुले शहर के आधे ठेके

खास बात यह है कि सिरसा में स्टॉक न होने और ठेकों के कारिंदों के अपने घर वापसी के बाद शराब के आधे से अधिक ठेके भी आज नहीं खुले. दिलचस्प बात यह है कि सभी ठेकों पर शराब कारोबारियों की ओर से खुद की तैयार की गई रेट लिस्ट भी कारिंदों को थमाई गई हैं.

शराब के ठेके नहीं खुलने की ये भी रही वजह

सिरसा जिले में देसी शराब का सालाना कोटा करीब 72 लाख लीटर है, जबकि अंग्रेजी शराब का सालाना कोटा करीब 9 लाख लीटर है. सरकार की ओर से लॉकडाऊन से पहले मार्च माह में आबकारी नीति को हरी झंडी दी गई थी. इसके बाद 24 मार्च को लॉकडाऊन लग जाने के बाद सरकार की यह नीति सिरे नहीं चढ़ सकी. इस वजह से बहुत से पुराने ठेकेदारों की ओर से नए ठेकेदारों को ठेके और एल-01 और एल-13 हैंडओवर नहीं किए जा सके. इसके साथ ही स्टॉक की भी पहुंच नहीं हो सकी. यही वजह है कि सिरसा में आज शराब के ज्यादातर ठेके नहीं खुले.

रोज बिकती है 22,191 लीटर शराब

शराब आबकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार सिरसा जिला में चालू वित्त वर्ष के लिए 73 जोन में से 60 जोन में ही ठेकों की नीलाम हो सकी है. 60 जोन में करीब 120 शराब के ठेके हैं. साथ ही कई गांवों में भी सब वैंड हैं. सिरसा जिला में लाइसैंस फीस के रूप में सरकार को करीब 95 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है. हर साल जिले से अंग्रेजी शराब का कोटा 9 लाख लीटर जबकि देसी शराब का कोटा 72 लाख लीटर है. इस लिहाज से सिरसा में प्रतिदिन 22,191 लीटर शराब की खपत होती है. यानी सिरसा में रोजाना करीब 30 हजार बोतल शराब की खपत होती है.

लॉकडाउन में चला है शराब का गोरख धंधा!

ऐसा माना जा रहा है कि लॉकडाऊन के दौरान सिरसा में व्यापक पैमाने पर जहां कच्ची शराब का गोरखधंधा चला है. वहीं लोगों ने काफी मात्रा में पहले से ही शराब का स्टॉक कर लिया था. इसके साथ ही लॉकडाऊन में शराब की कालाबाजारी भी खूब हुई. घर बैठे शराब की होम डिलीवरी होने से भी ठेकों पर भीड़ नहीं दिखी.

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