सिरसा: ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी एक ऐसी महिला, जो कि खुद ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं है, लेकिन फिर भी वो गांव के लगभग 35 से 40 बच्चों को पढ़ा रही है. ये महिला है सिरसा के गांव बकरियांवाली की. जिन्होंने खुद 12वीं क्लास तक पढ़ाई की, लेकिन अब बच्चों को मुफ्त में पढ़ा रही हैं.
बच्चों को पढ़ना ऐसे शुरू किया
विवाह के बाद एक दिन सास गांव के सरकारी स्कूल में बच्चे को पोलियो ड्रॉप पिलाने गई. उन्होंने देखा कि छोटी-छोटी बच्चियों की पिटाई की जा रही थी. जब माता ने मैडम से इसका कारण जानना चाहा, तो उन्होंने कहा कि इन बच्चों को ट्यूशन की जरूरत है. तब उनकी सास ने घर आकर अपनी बहू सुनीता से कहा कि आज से बच्चों को पढ़ाना है. जब शुरुआत की तो केवल 5-7 ही बच्चे थे, लेकिन धीरे-धीरे बच्चों की संख्या भी बढ़ गई.
उनका कहना है कि वो बच्चों को पशुपालन की कमाई से किताबें, कॉपी आदि सामान दिलाती हैं. सुनीता ने कहा कि वो अपनी खेती और पशुओं की कमाई का 10 बच्चों की शिक्षा पर खर्च करती हैं. साथ ही गांव के कुछ लोग जो स्कूलों में अपने बच्चों की फीस नहीं दे पाते, उसकी फीस भी भरती हैं.
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गांव की बच्चियों को कंप्यूटर की शिक्षा दिलाई जा सके. इसके उन्होंने अपने घर ही कंप्यूटर लगा दिए हैं. उनका कहना है कि बच्चियों को शहर जाने में बहुत परेशानी होती थी. जिसकी वजह से उन्होंने एक टीचर रखा और उनको शिक्षा दिलाना शुरू कर दिया. अब गांव में ही लड़कियां कंप्यूटर सीख लेती हैं.