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हरियाणा में विदेशी फैला रहे हैं नशे का जाल, अफ्रीकी और बांग्लादेशियों की संख्या ज्यादा!

सबसे खतरनाक बात ये है कि सिरसा जिला हेरोइन और नशीले पदार्थों का हब बन गया है. पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि विदेशी नागरिकों जैसे युगांडा, नाइजीरियन और बंगलादेशियों ने भारत को नशा तस्करी की नई मंडी बना दिया है.

Foreign youth are supplying drugs in Haryana
हरियाणा में विदेशी फैला रहे हैं नशे का जाल
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Published : Jan 18, 2020, 7:57 PM IST

Updated : Jan 19, 2020, 8:39 AM IST

सिरसा: इन दिनों हरियाणा ड्रग माफियाओं के निशाने पर है. शायद यही वजह है कि हेरोइन और दूसरे नशीले पदार्थों को लेकर विदेशी नागरिकों की सक्रीयता बढ़ रही है. विदेशी युवक भारतीय एजेंट के साथ मिलकर काला कारोबार चला रहे हैं. सबसे खतरनाक बात ये है कि सिरसा जिला हेरोइन और नशीले पदार्थो का हब बन गया है. पूछताछ में सामने आया है कि विदेशी नागरिकों जैसे युगांडा, नाइजीरियन और बंगलादेशियों ने भारत को नशा तस्करी की नई मंडी बना दिया है.

'पंजाब नहीं, दिल्ली से सप्लाई हो रहा है ड्रग्स'
पुलिस के लाख दावों के बाद भी सिरसा के कई गांवों में नशा धड़ल्ले से बिक रहा है. ये बात भी सच है कि नशा छोड़ने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है. नशे के खिलाफ सिरसा पुलिस गांवों को गोद लेकर उनमें कैंपेन चला रही है. पंचायत के जरिए पुलिस युवाओं को जागरुक कर रही है. ताकि नशे की समस्या पर लगाम लग सके.

हरियाणा में विदेशी फैला रहे हैं नशे का जाल, क्लिक कर देखें वीडियो

गांव गोद लेकर पुलिस चला रही है जागरूकता अभियान
पुलिस ने सार्वजनिक जगहों पर शिकायत पेटी भी लगाई है. इस शिकायत पेटी में कोई भी व्यक्ति नशे से संबंधित जानकारी पुलिस को दे सकता है. सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी. दशकों पहले ये नशा अफीम, चूरापोस्त और गांजा से शुरू हुआ. अब चिट्टा यानी हेरोइन, नशीली दवाइयां-इंजेक्शन इसमें जुड़ गए हैं.

बढ़ रही है नशा करने वालों की संख्या
खबर है नशा लेने वालों की संख्या में अब नए प्रयोग जुड़ रहे हैं. वाहनों के टायर और ट्यूब सूंघकर भी युवा नशा कर रहे हैं. पेट्रोल सूंघकर नशा करने वालों का चलन भी बढ़ रहा है. चिंताजनक बात ये कि विदेश नागरिक नशे के व्यापार में ज्यादा स्क्रीय हैं. पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि विदेशी नागरिकों जैसे युगांडा, नाइजीरियन और बंगलादेशियों ने भारत को नशा तस्करी की नई मंडी बना दिया है.

विदेशी युवा दिल्ली से करते हैं सप्लाई
बता दें कि सिरसा पुलिस ने मई 2017 से अब तक हेरोइन तस्करी के आरोप में दर्जनभर से ज्यादा नाइजीरियन को गिरफ्तार किया है. पहले मई 2015 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो चंडीगढ़ यूनिट की एक टीम ने स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मिलकर सिरसा में 2 लोगों को 36 किलो 150 ग्राम अफीम और 19 लाख 40 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया.

ये है पुलिस का दिया आंकड़ा
साल 2018 में ऑपरेशन प्रबल प्रहार के तहत सिरसा पुलिस ने जिले में 22 करोड़ रुपये का नशीला पदार्थ पकड़ा. पुलिस ने मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 250 मामले दर्ज कर 409 लोगों को गिरफ्तार किया. साल 2019 में 8 किलो 770 ग्राम हेरोइन पकड़ी गई. जिसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत 9 करोड़ रुपये आंकी गई है.

ये भी पढ़ें- ना नशा थमा ना मिली नशे से मुक्ति, सूबे में रिहैब सेंटर्स की संख्या और स्थिति भी चिंताजनक!

इसके अलावा सिरसा पुलिस ने अफीम, चूरापोस्त, गांजा और नशीली दवाइयां-इंजेक्शन भारी मात्रा में पकड़ा है. वहीं जिला में 610 मामले दर्ज हुए और 655 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. यहां फैले नशे का आलम ये है कि साल 2020 में सिरसा पुलिस अभी तक नशे से जुड़े 30 केस दर्ज हो चुकी है. वहीं साल 2019 के अंत तक सिरसा पुलिस ने मादक पदार्थ के मामले 610 केस दर्ज किए गए हैं जिसमें 655 लोगों को गिरफतार कर चुकी हैं.

सिरसा: इन दिनों हरियाणा ड्रग माफियाओं के निशाने पर है. शायद यही वजह है कि हेरोइन और दूसरे नशीले पदार्थों को लेकर विदेशी नागरिकों की सक्रीयता बढ़ रही है. विदेशी युवक भारतीय एजेंट के साथ मिलकर काला कारोबार चला रहे हैं. सबसे खतरनाक बात ये है कि सिरसा जिला हेरोइन और नशीले पदार्थो का हब बन गया है. पूछताछ में सामने आया है कि विदेशी नागरिकों जैसे युगांडा, नाइजीरियन और बंगलादेशियों ने भारत को नशा तस्करी की नई मंडी बना दिया है.

'पंजाब नहीं, दिल्ली से सप्लाई हो रहा है ड्रग्स'
पुलिस के लाख दावों के बाद भी सिरसा के कई गांवों में नशा धड़ल्ले से बिक रहा है. ये बात भी सच है कि नशा छोड़ने वालों की संख्या में इजाफा हो रहा है. नशे के खिलाफ सिरसा पुलिस गांवों को गोद लेकर उनमें कैंपेन चला रही है. पंचायत के जरिए पुलिस युवाओं को जागरुक कर रही है. ताकि नशे की समस्या पर लगाम लग सके.

हरियाणा में विदेशी फैला रहे हैं नशे का जाल, क्लिक कर देखें वीडियो

गांव गोद लेकर पुलिस चला रही है जागरूकता अभियान
पुलिस ने सार्वजनिक जगहों पर शिकायत पेटी भी लगाई है. इस शिकायत पेटी में कोई भी व्यक्ति नशे से संबंधित जानकारी पुलिस को दे सकता है. सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी. दशकों पहले ये नशा अफीम, चूरापोस्त और गांजा से शुरू हुआ. अब चिट्टा यानी हेरोइन, नशीली दवाइयां-इंजेक्शन इसमें जुड़ गए हैं.

बढ़ रही है नशा करने वालों की संख्या
खबर है नशा लेने वालों की संख्या में अब नए प्रयोग जुड़ रहे हैं. वाहनों के टायर और ट्यूब सूंघकर भी युवा नशा कर रहे हैं. पेट्रोल सूंघकर नशा करने वालों का चलन भी बढ़ रहा है. चिंताजनक बात ये कि विदेश नागरिक नशे के व्यापार में ज्यादा स्क्रीय हैं. पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि विदेशी नागरिकों जैसे युगांडा, नाइजीरियन और बंगलादेशियों ने भारत को नशा तस्करी की नई मंडी बना दिया है.

विदेशी युवा दिल्ली से करते हैं सप्लाई
बता दें कि सिरसा पुलिस ने मई 2017 से अब तक हेरोइन तस्करी के आरोप में दर्जनभर से ज्यादा नाइजीरियन को गिरफ्तार किया है. पहले मई 2015 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो चंडीगढ़ यूनिट की एक टीम ने स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मिलकर सिरसा में 2 लोगों को 36 किलो 150 ग्राम अफीम और 19 लाख 40 हजार रुपये के साथ गिरफ्तार किया.

ये है पुलिस का दिया आंकड़ा
साल 2018 में ऑपरेशन प्रबल प्रहार के तहत सिरसा पुलिस ने जिले में 22 करोड़ रुपये का नशीला पदार्थ पकड़ा. पुलिस ने मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 250 मामले दर्ज कर 409 लोगों को गिरफ्तार किया. साल 2019 में 8 किलो 770 ग्राम हेरोइन पकड़ी गई. जिसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत 9 करोड़ रुपये आंकी गई है.

ये भी पढ़ें- ना नशा थमा ना मिली नशे से मुक्ति, सूबे में रिहैब सेंटर्स की संख्या और स्थिति भी चिंताजनक!

इसके अलावा सिरसा पुलिस ने अफीम, चूरापोस्त, गांजा और नशीली दवाइयां-इंजेक्शन भारी मात्रा में पकड़ा है. वहीं जिला में 610 मामले दर्ज हुए और 655 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. यहां फैले नशे का आलम ये है कि साल 2020 में सिरसा पुलिस अभी तक नशे से जुड़े 30 केस दर्ज हो चुकी है. वहीं साल 2019 के अंत तक सिरसा पुलिस ने मादक पदार्थ के मामले 610 केस दर्ज किए गए हैं जिसमें 655 लोगों को गिरफतार कर चुकी हैं.

Intro:एंकर - जहां पंजाब में नशे की लत से युवाओं की मौत का सिलसिला लगातार जारी है। तो वहीं पंजाब से सटे सिरसा जिले में भी नशे ने अपने पैर खूब पसार लिए है। सिरसा में पिछले कई सालों से हेरोइन यानि चिट्टा खूब बिक रहा है। पिछले काफी समय से सिरसा जिले के युवा नशे की गर्द में डूब रहे है। हालाँकि सिरसा पुलिस नशे को खत्म करने का लंबा चौड़ा दावा कर रही है लेकिन इसके बावजूद सिरसा के अनेक गांवों में अभी भी नशा खूब बिक रहा है। जिसका उदाहरण सिरसा के नागरिक अस्पताल के नशा मुक्ति केंद्र में हजारों की संख्या में नशा छोडने आ रहे लोग है । जहां पुलिस लगातार कुछ न कुछ मात्रा में नशा पकड़ रही है, और सिरसा के एसपी अरुण नेहरा भी ग्रामीण पंचायतों से बैठकें करके नशे के खिलाफ जागरूक कर रहे हैं, वहीं सिरसा के उपायुक्त ने भी सभी एनजीओ को नशे के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए आदेश जारी किए गए हैंBody:

वीओ - कॉटन, गेहूं व किन्नू की खेती में अव्वल रहने वाला सिरसा जिला जो पूरे देश को यह जिला गौसेवा, रक्तदान, देहदान व नेत्रदान का पाठ पढ़ा रहा है। जिसका सियासत में भी एक अलग मुकाम है। आज इस जिला में नशीले पदार्थों की तस्करी नौजवानों के भविष्य को अंधकार में धकेल रहा है। कई दशकों पहले अफीम, चूरापोस्त, गांजा से शुरू होने वाले नशे के कारोबार में अब चिट्टा यानी स्मैक, हेराइन, नशीली दवाइयां-इंजैक्शन इसमें जुड़ गए हैं।

सिरसा में नशा इस तरह से पैर पसार चुका है कि यहां किसी भी तरह का नशीला पदार्थ आसानी से मिल जाता है । यहां के लोग अफीम, भूक्की, स्मैक के बाद अब हेरोइन के साथ नशीले इंजैक्शन लगाना, वाहनों की टॉयर व ट्यूब सूंघना, पैट्रोल सुंघकर नशे का चलन भी बढ़ गया है। पुलिस की ओर से पिछले कुछ बरसों में व्यापक पैमाने पर खास अभियान चलाकर नशे के तस्करों संग बड़े ड्रग्स माफिया पर भी हाथ डाला गया है। वहीं इस मामले में इस जिले के लिंक विदेश से भी जुड़ गए हैं।

वीओ - आपको बता दें कि सिरसा पुलिस ने मई 2017 से अब तक हेराइन तस्करी के आरोप में कई नाइजेरियन को गिरफ्तार किया है । वहीं उससे पहले मई 2015 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो चंडीगढ़ यूनिट की एक टीम ने स्पैशल टास्क फोर्स के साथ मिलकर सिरसा में 2 लोगों को 36 किलोग्राम 150 ग्राम अफीम एवं 19 लाख 40 हजार रुपए की राशि के साथ गिरफ्तार किया था।

साल 2018 में ऑपरेशन प्रबल प्रहार के तहत सिरसा पुलिस ने जिले में 22 करोड़ रुपये का नशीला पदार्थ पकड़ा था। पुलिस ने मादक पदार्थ अधिनियम के तहत 250 अभियोग दर्ज कर 409 लोगो को गिरफ्तार किया था। वहीं साल 2019 में 8 किलो 770 ग्राम हेरोइन पकड़ी गई जिसकी अंतर्राष्ट्रीय कीमत 9 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके अलावा अफीम, चूरापोस्त, गांजा और नशीली दवाइयां-इंजैक्शन भारी मात्रा में पकड़ा है। वहीं जिला में 610 मामले दर्ज हुए और 655 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया गया। यहां फैले हुए नशे का यह आलम है कि अभी साल 2020 को आये 16 दिन ही हुए और 16 दिनों में ही अब तक नशे के मामले में 30 केस दर्ज हो चुके है।

वीओ -सिरसा के डीएसपी राजेश कुमार ने बताया कि सिरसा पुलिस द्वारा नशे को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। जिसके तहत अनेक प्रकार का नशा बरामद सिरसा पुलिस द्वारा किया गया है। उन्हेाने कहा कि 2019 के अंत तक सिरसा पुलिस ने मादक पदार्थ के मामले 610 केस दर्ज किए गए है जिसमें 655 लोगों को गिरफतार कर चुकी है। उन्हेाने कहा कि सिरसा जिले के अनेक गांवों में नशा को रोकने के लिए पुलिस काम कर रही है। पंजाब और राजसथान बॉर्डर से नशा सिरसा में दाखिल होता है जिस पर कार्रवाई करते हुए सिरसा पुलिस ने कई बार रेड कर आरोपियों को पकड़ा है। उन्होंने कहा कि गांव के युवा नशे को खत्म करने के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि अब स्कूलों में नशे के खिलाफ निबंध प्रतियोगिता करवाई जाएगी जिससे स्कूली छात्रों को नशे के प्रभाव को पता चलेगा।

बाईट- राजेश कुमार , डीएसपी।Conclusion:
Last Updated : Jan 19, 2020, 8:39 AM IST
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