सिरसा: जिले के जेल से कैदियों के बीच मारपीट का मामला सामने आया है. मारपीट का कारण आपसी रंजिश को बताया जा रहा है. कैदियों के बीच हाथापाई की सूचना मिलने के बाद जेल प्रशासन ने सभी कैदी को अलग-थलग कर मामले को शांत किया.
जेल में कैदियों के बीच मारपीट
जेल में एक कैदी के परिजनों ने आरोप लगाया है कि जेल में बंदियों के झगड़े के बाद जेल प्रशासन ने उनके बेटे अर्जुन नाम के कैदी को बुरी तरह से पिटाई की. उसके बाद जाति को लेकर अपशब्द भई कहे. परिजनों ने जेल के डिप्टी सुप्रीटेंडेंट सहित अनेक जेल कर्मचारियों पर मारपीट और जाति सूचक गालियां निकालने का आरोप लगाया है. कैदी के परिजनों का आरोप है कि जेल प्रशासन ने जेल में कई कैदियों को प्रताड़ित किया जाता है और उन्हें कई दिनों तक खाना भी नहीं दिया जाता.
कैदी के परिजनों ने पुलिस प्रशासन पर लगाया मारपीट का आरोप
जेल प्रशासन के बयान पर सिरसा के सिविल पुलिस लाइन थाने में कैदी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. लेकिन पुलिस का कहना है कि जेल प्रशासन द्वारा बंदियों से मारपीट करने की कोई शिकायत नहीं मिली है. कैदी अर्जुन के परिजनों ने बताया कि कुछ महीने पहले अतर सिंह, अर्जुन, पवन, राजेंद्र नीमला के खिलाफ शहर थाना में एफआईआर नंबर 450 दर्ज है.
कैदियों को रखा जाता है भूखा
इन आरोपियों के केस अभी कोर्ट में विचाराधीन है. परिजनों ने जब जेल में कैदी से मुलाकात की तो सभी ने बताया कि जेल में उनके साथ बुरा बर्ताव किया जाता है और कई प्रकार से टॉचर्र किया जाता है. उन्हें कई प्रकार से यातनाएं दी जा रही है. कैदियों ने बताया कि उन्हें समय पर खाना दिया जा रहा है और 3-4 दिनों तक भूखा भी रखा जाता है. उनकी मांग है कि बंदियों के साथ जेल पुलिस कर्मचारियों द्वारा जो मारपीट की गई है, उनकी मेडिकल जांच करवाई जाए.
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पुलिस प्रशासन ने आरोपों को नकारा
वहीं सिरसा के सिविल लाइन पुलिस थाना के प्रभारी अमित बेनीवाल ने बताया कि जेल प्रशासन की और से शिकायत मिली थी कि जेल में कैदियों के बीच झगड़ा हो गया है जिसके बाद उन्होंने 4 बंदियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन पुलिस परिजनों द्वारा लगाए जा रहें आरोपों को नकार रही है.