सिरसा: हरियाणा में मानसून आने वाला है. मानसून के आते ही घग्गर नदी अपने उफान पर आ जाता है, जिस पर बाढ़ की स्थिति बन जाती है. हर साल सिरसा में बारिश की वजह से घग्घर नदी में बाढ़ आ जाता है और किसानों की सैंकड़ों एकड़ में खड़ी फसल जलमग्न होकर तबाह हो जाती है. इसी को देखते हुए जिला प्रशासन इस बार पहले से ही सतर्क हो गया है.
प्रशासन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि इस बार पूरी तैयारी कर ली गई है. ग्रामीणों को समस्या न हो इसके लिए प्रशासन ने एहतियाहत के तौर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष बनाया है, ताकि आपातकालीन स्थिति में जानकारियों का आदान प्रदान हो सके.
इसको लेकर किसानों का कहना है कि प्रशासन हर साल फ्लड कंट्रोल रूम बनाती है और हर साल फ्लड कंट्रोल रूम के नाम पर पैसा आता है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नही उठाए जाते. किसानों ने बताया कि तैयारी तो हर साल ही होती है, लेकिन हर साल किसानों की सैंकड़ों एकड़ जमीन बाढ़ के पानी मे डूब जाती है.
किसानों ने कहा कि बाढ़ से निपटने के लिए बजट तो आता है, लेकिन अधिकारी उसका गबन कर जाते हैं और किसान को उनका नुकसान होता है. किसानों ने कहा कि अगर सरकार को कुछ बनाना ही था तो डैम बना देती, ताकि पानी को कंट्रोल किया जा सके.
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बाढ़ की वजह से करीब 500 एकड़ पर लगी फसल बर्बाद हो जाती है. उन्होंने कहा है प्रशासन ने फिर फ्लड कंट्रोल रूम बनाए हैं, लेकिन इसका लाभ किसानों को नहीं होगा. किसानों ने सरकार से कंट्रोल रूम की जगह बांध बनाने की मांग की. सिरसा में घग्गर नदी फतेहाबाद जिले से होते हुए पहुंचती है.