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सिरसा में किसानों ने दशहरे पर फूंका पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला - सिरसा किसान पीएम मोदी पुतला दहन दशहरा

सिरसा के नेजिया खेड़ा गांव में किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका. इस दौरान किसानों ने कहा कि पांच नवंबर को कृषि कानूनों के विरोध में पूरे देश में चक्का जाम किया जाएगा.

farmers burnt effigy of pm narendra modi on the occasion of dussehra in Sirsa
सिरसा में किसानों ने दशहरे के मौके पर फूंका पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला
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Published : Oct 25, 2020, 12:47 PM IST

सिरसा: जिले के नेजिया खेड़ा गांव में दशहरे के अवसर पर किसानों ने रावण का पुतला न जलाकर पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो किसानों के विरोध में तीन काले कानूनों को बनाया है. ये पुतला दहन उसी के विरोध में किया जा रहा है. किसानों ने कहा कि अगर पीएम अभी भी नहीं जागे और कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया. तो आने वाला समय उनके लिए दुखदाई होगा.

किसान नेता विकल पचार ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि दशहरे के मौके पर लोग अपने द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि का पुतला फूंक रहे हैं. उन्होंने कहा कि रावण का पुतला भी उसकी बुराईयों को दर्शाने के लिए फूंका जाता है. बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए ये त्योहार मनाया जाता है.

सिरसा में किसानों ने दशहरे के मौके पर फूंका पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला

दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी किसानों को कॉरपोरेट घरानों के हाथों बेचने का काम कर रहे हैं. इसलिए ये तीन कृषि कानून लेकर आए. अगर इसे वापस नहीं लिया गया, तो आने वाले समय में किसान कोई भी त्योहार मनाने के लायक नहीं बचेगा.

विकल पचार न कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में पांच नवंबर को पूरे देश में चक्का जाम किया जाएगा. सिरसा में भी नाथूसरी कलां जो राजस्थान की ओर जाती है, उसे सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक जाम किया जाएगा. किसान नेता ने केंद्र सरकार से अपील की कि ये देश लोकतंत्र है. इसलिए लोगों से दुश्मनी ना मोलें. नहीं तो ये लोकतंत्र ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा.

ये भी पढ़ें: फरीदाबाद: कोरोना के चलते 6 फीट का हुआ रावण, हर घर जलेगा पुतला

सिरसा: जिले के नेजिया खेड़ा गांव में दशहरे के अवसर पर किसानों ने रावण का पुतला न जलाकर पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार ने जो किसानों के विरोध में तीन काले कानूनों को बनाया है. ये पुतला दहन उसी के विरोध में किया जा रहा है. किसानों ने कहा कि अगर पीएम अभी भी नहीं जागे और कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया. तो आने वाला समय उनके लिए दुखदाई होगा.

किसान नेता विकल पचार ने कहा कि देश के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि दशहरे के मौके पर लोग अपने द्वारा चुने गए जनप्रतिनिधि का पुतला फूंक रहे हैं. उन्होंने कहा कि रावण का पुतला भी उसकी बुराईयों को दर्शाने के लिए फूंका जाता है. बुराई पर अच्छाई की जीत के लिए ये त्योहार मनाया जाता है.

सिरसा में किसानों ने दशहरे के मौके पर फूंका पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला

दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी किसानों को कॉरपोरेट घरानों के हाथों बेचने का काम कर रहे हैं. इसलिए ये तीन कृषि कानून लेकर आए. अगर इसे वापस नहीं लिया गया, तो आने वाले समय में किसान कोई भी त्योहार मनाने के लायक नहीं बचेगा.

विकल पचार न कहा कि कृषि कानूनों के विरोध में पांच नवंबर को पूरे देश में चक्का जाम किया जाएगा. सिरसा में भी नाथूसरी कलां जो राजस्थान की ओर जाती है, उसे सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक जाम किया जाएगा. किसान नेता ने केंद्र सरकार से अपील की कि ये देश लोकतंत्र है. इसलिए लोगों से दुश्मनी ना मोलें. नहीं तो ये लोकतंत्र ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा.

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