सिरसा: कोरोना संकट के बीच अब जिले के अलग-अलग जगहों पर किसानों द्वारा फसलों के अवशेषों को आग लगाने से परेशानी खड़ी हो रही है. एक ओर पर्यावरण को गेहूं के अवशेष जलाने से नुकसान पहुंचता है तो वही अब कोरोनाकाल में अस्थमा के मरीजों को भी दिक्कत होगी.
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कोरोना के संकट में अवशेष जलने से सांस के रोगियों को और ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ेगी. इसे लेकर कृषि अधिकारी सुभाष ने बताया कि जो किसान गेहूं का भूसा जला रहे है वो बहुत गलत कर रहे है. उन्होंने कहा कि किसानों से फिर अपील करते है कि वो आग न लगाए. ताकि जमीन की उर्वरा शक्ति भी नस्ट न हो और पर्यावरण भी साफ रहे.
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हालांकि एनजीटी के आदेशों का हवाला देकर जिला प्रशासन हर बार किसानों से अपील करता है कि वे फसलों के अवशेष न जलाएं. इतना ही नहीं बाकायदा कई किसानों को जुर्माना भी इस सिलसिले में लगाया जा चुका है. बावजूद इसके किसान फसलों के अवशेष को आग लगाने से बाज़ नहीं आ रहे.