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सिरसा की सड़कों पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन, फरवरी में बड़े आंदोलन की चेतावनी - kisan protest haryana

सिरसा में किसानों ने अपनी कई मांगों को लेकर लघु सचिवालय के सामने रोष प्रकट किया. किसानों ने अपनी मांग में मुआवजा और फसल बीमा क्लेम समेत कई मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को सौंपा है.

farmer protest against govt. in sirsa
किसानों का विरोध-प्रदर्शन
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Published : Dec 18, 2019, 5:18 PM IST

सिरसा: जिले में किसान अपनी कई मांगों को लेकर लघु सचिवालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. किसानों का ये प्रदर्शन अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के बैनर तले हुआ था.

सड़क पर किसान

दरअसल किसानों की बीते दिन हरियाणा के किसानों की मेहनत पर कुदरत का कहर बरसा था. ओलावृष्टि से किसानों की फसल खराब हो गई थी. इस ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा देने के लिए सरकार से अपनी मांग की. इसके अलावा किसान 2019 खरीफ की फसल का बीमा क्लेम तुरंत आवंटित करने की मांग कर रहे है.

सिरसा के सड़कों पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन, देखें वीडियो

सरकार से की ये मांग

किसान नेता विकल पचार ने बताया कि एक तरफ मोदी सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कर रही है, वहीं कृषि क्षेत्र और किसान के लिए केवल केंद्र सरकार अपने बजट में सिर्फ 2 प्रतिशत ही आंबटित कर रही है. उन्होंने राज्य सरकार के बजट का 25% हिस्सा कृषि व किसानों के लिए दिए जाने की मांग की. उन्होंने सरसों की खरीद पर लिमिट समाप्त करने और पूरी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने की सरकार से मांग की.

ये भी जाने- चंडीगढ़ में ठंड ने बढ़ाई ठिठुरन, आग और चाय के सहारे सर्दी को मात देने की कोशिश

फरवरी में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी

किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के इस पर गेहूं की खरीद पर 50 प्रतिशत की सीलिंग का प्रस्ताव लाने जा रही है जिसका किसान विरोध करते है. उन्होंने कहा कि किसानों की गेहूं की फसल का शत-प्रतिशत सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार अगर उनकी मांग पूरी नहीं करती तो आगामी फरवरी माह में किसान बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.

सिरसा: जिले में किसान अपनी कई मांगों को लेकर लघु सचिवालय के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा. किसानों का ये प्रदर्शन अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के बैनर तले हुआ था.

सड़क पर किसान

दरअसल किसानों की बीते दिन हरियाणा के किसानों की मेहनत पर कुदरत का कहर बरसा था. ओलावृष्टि से किसानों की फसल खराब हो गई थी. इस ओलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल का मुआवजा देने के लिए सरकार से अपनी मांग की. इसके अलावा किसान 2019 खरीफ की फसल का बीमा क्लेम तुरंत आवंटित करने की मांग कर रहे है.

सिरसा के सड़कों पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन, देखें वीडियो

सरकार से की ये मांग

किसान नेता विकल पचार ने बताया कि एक तरफ मोदी सरकार किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कर रही है, वहीं कृषि क्षेत्र और किसान के लिए केवल केंद्र सरकार अपने बजट में सिर्फ 2 प्रतिशत ही आंबटित कर रही है. उन्होंने राज्य सरकार के बजट का 25% हिस्सा कृषि व किसानों के लिए दिए जाने की मांग की. उन्होंने सरसों की खरीद पर लिमिट समाप्त करने और पूरी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने की सरकार से मांग की.

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फरवरी में बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी

किसान नेता ने कहा कि केंद्र सरकार के इस पर गेहूं की खरीद पर 50 प्रतिशत की सीलिंग का प्रस्ताव लाने जा रही है जिसका किसान विरोध करते है. उन्होंने कहा कि किसानों की गेहूं की फसल का शत-प्रतिशत सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए. उन्होंने कहा कि सरकार अगर उनकी मांग पूरी नहीं करती तो आगामी फरवरी माह में किसान बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे.

Intro:एंकर - किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज लघु सचिवालय के समक्ष धरना दिया और रोष प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय स्वामीनाथन संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन भी सौंपा। किसान हरियाणा में पराली मामले में दर्ज मुकदमे तुरंत वापस लिए जाने , ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों का मुआवजा देने व 2019 खरीफ की फसल का बीमा क्लेम तुरंत आवंटित किया जाने की मांग कर रहे हैं।
Body:वीओ -01 किसान नेता विकल पचार ने बताया कि एक तरफ मोदी सरकार किसानों की आमदनी दुगनी करने की बात कर रही है है वहीं कृषि क्षेत्र व किसान के लिए केवल केंद्र सरकार 2% ही बजट आंबटित कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार के बजट का 25% हिस्सा कृषि व किसानों के लिए दिए जाने की मांग की। साथ ही उन्होंने कहा कि 2019 खरीफ की फसल का बीमा क्लेम तुरंत जारी करें। उन्होंने सरसों की खरीद पर लिमिट समाप्त करने व पूरी फसल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करने की सरकार से मांग की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस पर गेहूं की खरीद पर 50 प्रतिशत की सीलिंग का प्रस्ताव लाने जा रही है जिसका किसान विरोध करते है और मांग करते है कि किसान की गेहूं की फसल की शत-प्रतिशत सरकारी खरीद सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार अगर उनकी मांग पूरी नहीं करती तो आगामी फरवरी माह में किसान बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

बाइट -01 विकल पचार। Conclusion:
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