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सिरसा में नशा तस्करों की गाड़ी को पुलिस से बचाता था सिपाही, ऐसे खुला राज़

सिरसा में पुलिस ने सोमवार रात 12 हजार नशीली गोलियों के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया हैं. तस्करों की पहचान सालम खेड़ा के गुरप्रीत सिंह, तरसेम व भंगू के स्वर्ण सिंह उर्फ काला रूप में हुई है.

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Published : Apr 8, 2021, 11:46 AM IST

सिरसा : सिरसा में पुलिस की मिलीभगत से नशे के कारोबार का मामला सामने आया है. सोमवार रात पुलिस ने 12 हजार नशीली गोलियों के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया हैं. तस्करों की पहचान सालम खेड़ा के गुरप्रीत सिंह, तरसेम व भंगू के स्वर्ण सिंह उर्फ काला रूप में हुई है.

पूछताछ में उन्होंने बताया कि कि ओढ़ां थाने का सिपाही कर्ण उनकी मदद करता था. सिपाही उनकी गाड़ी को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने के लिए एस्कॉर्ट भी कर रहा था. देर शाम सिपाही के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया.

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सूत्रों के अनुसार, आरोपी सिपाही ओढ़ां थाना क्षेत्र की सिक्योरिटी ब्रांच में है. उसका काम ओढ़ां थाना क्षेत्र में अपराधियों पर नजर रखना व तस्करों का पता लगाना था. कर्ण ने इलाके में दो-चार तस्करों को पकड़वाया भी, लेकिन इसी दौरान वह ड्रग माफिया के साथ मिल गया. वह उन्हें संरक्षण भी देने लगा.

सीआईए ने पकड़े गए तीनों तस्करों के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली. इसमें देखा गया कि सिपाही कर्ण तस्करों को कॉल करता रहता था. तस्करों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि कर्ण सिंह तस्करी में उनका सहयोगी है. आरोपी कर्ण को जब पता चल गया कि उसकी भूमिका का खुलासा हो चुका है तो वह फरार हो गया.

ये भी पढ़े- सिरसा में किसानों ने सुनीता दुग्गल और गोपाल कांडा का किया विरोध

सिरसा : सिरसा में पुलिस की मिलीभगत से नशे के कारोबार का मामला सामने आया है. सोमवार रात पुलिस ने 12 हजार नशीली गोलियों के साथ तीन तस्करों को गिरफ्तार किया हैं. तस्करों की पहचान सालम खेड़ा के गुरप्रीत सिंह, तरसेम व भंगू के स्वर्ण सिंह उर्फ काला रूप में हुई है.

पूछताछ में उन्होंने बताया कि कि ओढ़ां थाने का सिपाही कर्ण उनकी मदद करता था. सिपाही उनकी गाड़ी को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने के लिए एस्कॉर्ट भी कर रहा था. देर शाम सिपाही के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया.

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सूत्रों के अनुसार, आरोपी सिपाही ओढ़ां थाना क्षेत्र की सिक्योरिटी ब्रांच में है. उसका काम ओढ़ां थाना क्षेत्र में अपराधियों पर नजर रखना व तस्करों का पता लगाना था. कर्ण ने इलाके में दो-चार तस्करों को पकड़वाया भी, लेकिन इसी दौरान वह ड्रग माफिया के साथ मिल गया. वह उन्हें संरक्षण भी देने लगा.

सीआईए ने पकड़े गए तीनों तस्करों के मोबाइल नंबर की कॉल डिटेल निकाली. इसमें देखा गया कि सिपाही कर्ण तस्करों को कॉल करता रहता था. तस्करों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि कर्ण सिंह तस्करी में उनका सहयोगी है. आरोपी कर्ण को जब पता चल गया कि उसकी भूमिका का खुलासा हो चुका है तो वह फरार हो गया.

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