सिरसा: हरियाणा में इन दिनों टीचर्स ट्रांसफर पॉलिसी (teachers transfer policy) का जमकर विरोध चल रहा है. ऐसे में हरियाणा के ही सिरसा से एक अजीबो गरीब मामला सामने आया है. दरअसल, तबादले की होड़ में शिक्षा विभाग बेपरवाही से लगातार शिक्षकों के ट्रांसफर करने में लगा हुआ है. फिर चाहें वो जीवित अध्यापक हों या फिर मृतक अध्यापक ही क्यों न हों. यह मामला है ऐलनाबाद के काशी का बास गांव का. जहां शिक्षा विभाग की ओर से एक मृतक टीचर का ट्रांसफर (transfer of dead teacher in sirsa) कर दिया गया.
सरकार और शिक्षा विभाग की लापरवाही से आक्रोशित ग्रामीणों ने गांव के स्कूल के बाहर ही शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध जाहिर किया. ऐलनाबाद की आम आदमी पार्टी की इकाई ने भी इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. ग्रामीणों ने कहा कि सरकार और शिक्षा विभाग ने हरियाणा के कई स्कूलों के टीचरों का तबादला किया है, लेकिन उनके स्कूल में जिस टीचर का तबादला हुआ है उनकी 22 जुलाई को मृत्यु हो चुकी है. आप ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. बता दें कि हरियाणा शिक्षा विभाग ने जिस टीचर का तबादला काशी का बास गांव में किया है उसका नाम हंस राज है.
हंसराज एक संस्कृत का अध्यापक था और 3 महीने पहले ओढ़ां ब्लॉक के सालम खेड़ा गांव (Odhan Block Salam Kheda Village Sirsa) के सरकारी स्कूल में बतौर टीचर तैनात था. किसी कारणवश हंसराज ने सुसाइड कर लिया था, लेकिन शिक्षा विभाग के उसके मरने की सूचना तीन महीने के बाद भी नहीं पहुंची. मृतक शिक्षक का तबादला काशी का बास गांव (Kash ka Bas Village Sirsa) के सरकारी स्कूल में किया गया है. वहीं ग्रामीण और नेता अब शिक्षा विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
विरोध कर रहे ग्रामीणों का कहना है कि हरियाणा शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड में उनकी आत्मा आज भी नौकरी कर रही है. उनकी आत्मा पिछले तीन महीने से ओढ़ां ब्लॉक के सालमखेड़ा में बच्चों को पढ़ा रही थी. अब उनकी आत्मा ऐलनाबाद ब्लॉक के काशी का बास के मिडल स्कूल में संस्कृत पढ़ाएगी. हरियाणा सरकार और शिक्षा विभाग के खिलाफ रोष जाहिर करते हुए ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 21 दिन से स्कूल के सामने वह अध्यापकों की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
ग्रामीणों ने कहा कि एक मृत टीचर का ट्रांसफर उनके गांव में किया गया जो की बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मामले में आम आदमी पार्टी के नेता कृष्ण वर्मा ने कहा कि सरकार शिक्षा को लेकर गम्भीर नहीं है. इस मामले की जांच होनी चाहिये कि कैसे एक मरे हुए अध्यापक का तबादला हो रहा है. उन्होंने कहा कि क्या वो अध्यापक अब भी तनख्वाह ले रहा है. उस अध्यापक का डाटा क्यों अपडेट नहीं किया गया. उन्होंने सबन्धित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की (villagers protest against transfer in sirsa) है.
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